मेरठ हत्याकांड: अरे बाप रे! सांप से पत्नी ने प्रेमी के साथ पति को डसवाया!
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मेरठ, उत्तर प्रदेश का एक ऐसा शहर, जो अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है, आजकल एक अलग ही वजह से सुर्खियों में है। कुछ महीने पहले मेरठ के सौरभ राजपूत हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था, जब मुस्कान रस्तोगी ने अपने प्रेमी साहिल शुक्ला के साथ मिलकर अपने पति सौरभ की बेरहमी से हत्या कर दी थी।
लाश को टुकड़ों में काटकर नीले ड्रम में सीमेंट के साथ छिपाने की उनकी कोशिश ने इस मामले को और भी सनसनीखेज बना दिया। लेकिन अब, मेरठ में एक और ऐसी ही खौफनाक घटना सामने आई है, जिसे लोग “मुस्कान पार्ट 2” कह रहे हैं। इस बार कहानी में नीला ड्रम नहीं, बल्कि एक जहरीला सांप है, जो इस हत्याकांड को और भी रहस्यमयी और डरावना बनाता है।
एक नया हत्याकांड, एक नया ट्विस्ट
यह नया मामला मेरठ के बहसूमा थाना क्षेत्र के अकबरपुर सादात गांव का है। यहां रविता नाम की एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या की और फिर लाश को जहरीले सांप से डसवाकर इसे एक हादसा दिखाने की कोशिश की। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को स्तब्ध कर दिया, बल्कि पूरे देश में एक नई बहस छेड़ दी है। क्या यह महज एक संयोग है कि मेरठ में एक के बाद एक ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जहां पत्नियां अपने प्रेमियों के साथ मिलकर अपने पतियों की हत्या कर रही हैं? या फिर यह समाज में बदलते रिश्तों और नैतिकता के पतन का संकेत है?
कहानी की शुरुआत: रविता और उसका प्रेमी
रविता की कहानी भी मुस्कान की तरह ही प्रेम, विश्वासघात और अपराध की एक जटिल गुत्थी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, रविता का अपने पति के साथ रिश्ता लंबे समय से तनावपूर्ण था। इस बीच, उसका एक प्रेमी से अफेयर शुरू हो गया, जो उसका पड़ोसी था। दोनों ने मिलकर पति को रास्ते से हटाने की साजिश रची। लेकिन इस बार हत्या को छिपाने का तरीका कुछ हटकर था। रविता और उसके प्रेमी ने न केवल पति की हत्या की, बल्कि एक जहरीला सांप खरीदकर उससे लाश को डसवाया, ताकि यह एक प्राकृतिक मौत लगे।
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सांप को केवल 1,000 रुपये में खरीदा गया था, और सांप की मदद से दोनों ने सोचा कि वे पुलिस और समाज की आंखों में धूल झोंक देंगे। लेकिन उनकी यह चाल ज्यादा देर तक कामयाब नहीं रही। पुलिस ने शक के आधार पर जांच शुरू की और जल्द ही इस साजिश का पर्दाफाश हो गया।
मुस्कान और रविता: समानताएं और अंतर
मुस्कान और रविता की कहानियों में कई समानताएं हैं। दोनों ही मामलों में पत्नियों ने अपने प्रेमियों के साथ मिलकर अपने पतियों की हत्या की। दोनों ने ही अपराध को छिपाने के लिए असामान्य और क्रूर तरीके अपनाए। लेकिन जहां मुस्कान ने नीले ड्रम और सीमेंट का सहारा लिया, वहीं रविता ने सांप के जहर को अपना हथियार बनाया। यह ट्विस्ट न केवल इस हत्याकांड को और भी सनसनीखेज बनाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अपराधी कितनी चतुराई से अपने इरादों को अंजाम देने की कोशिश करते हैं।
मुस्कान के मामले में, उसकी शिक्षा और पारिवारिक पृष्ठभूमि को लेकर कई सवाल उठे थे। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि मुस्कान ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं थी, लेकिन उसकी अपराध की योजना इतनी सोची-समझी थी कि पुलिस भी हैरान रह गई थी। रविता के मामले में अभी तक उसकी शैक्षिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन यह स्पष्ट है कि उसने भी अपनी साजिश को अंजाम देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
समाज पर सवाल: रिश्तों का पतन या परिस्थितियों का खेल?
इन दोनों घटनाओं ने समाज में कई सवाल खड़े किए हैं। क्या यह रिश्तों में विश्वास और नैतिकता के पतन का परिणाम है? या फिर यह परिस्थितियों और संगति का नतीजा है? मुस्कान के मामले में, यह सामने आया था कि वह और साहिल नशे के आदी थे, और हत्या के दिन भी उन्होंने नशा किया था। क्या रविता के मामले में भी कोई ऐसी परिस्थिति थी, जो उसे इस हद तक ले गई? यह सवाल अभी अनुत्तरित है, लेकिन यह स्पष्ट है कि दोनों ही मामलों में प्रेम, विश्वासघात और लालच ने अहम भूमिका निभाई।

मुस्कान और सौरभ की प्रेम कहानी बचपन से शुरू हुई थी। दोनों 11-12 साल की उम्र में मिले थे और 18 साल की उम्र में भागकर शादी कर ली थी। लेकिन समय के साथ उनके रिश्ते में दरार आ गई, और मुस्कान का साहिल के साथ अफेयर शुरू हो गया। रविता की कहानी में भी कुछ ऐसी ही पृष्ठभूमि होने की संभावना है, जहां वैवाहिक जीवन में तनाव और बाहरी रिश्तों ने उसे अपराध की राह पर धकेल दिया।
पुलिस की भूमिका और जांच
मुस्कान के मामले में पुलिस ने ड्रम, चाकू और अन्य सबूतों को बरामद कर लिया था, जिसके आधार पर मुस्कान और साहिल को हिरासत में लिया गया। रविता के मामले में भी पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सांप और अन्य सबूतों के आधार पर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इन दोनों मामलों में पुलिस की सक्रियता और जांच की पारदर्शिता ने यह सुनिश्चित किया कि अपराधी ज्यादा देर तक कानून से बच न सकें।
लेकिन इन घटनाओं ने पुलिस और समाज के सामने एक नई चुनौती भी पेश की है। अपराध के ये नए-नए तरीके, जैसे सांप का इस्तेमाल, यह दर्शाते हैं कि अपराधी कितनी चालाकी से अपने निशान मिटाने की कोशिश करते हैं। इससे पुलिस को अपनी जांच तकनीकों को और भी मजबूत करने की जरूरत है।
समाज के लिए सबक
मुस्कान और रविता की कहानियां न केवल अपराध की कहानियां हैं, बल्कि यह समाज के लिए एक चेतावनी भी हैं। ये घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि रिश्तों में विश्वास और संवाद की कितनी जरूरत है। अगर सौरभ और मुस्कान, या रविता और उनके पति के बीच समय रहते बातचीत और समझदारी से समस्याओं का हल निकाला गया होता, तो शायद ये हत्याकांड न होते।

सांप से डसवाने के अलावा, इन घटनाओं ने नशे और अवैध रिश्तों के खतरों को भी उजागर किया है। समाज को नशे की लत और इसके दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करने की जरूरत है। साथ ही, युवाओं को नैतिकता और रिश्तों की अहमियत समझाने के लिए शिक्षा और काउंसलिंग की भी जरूरत है।
निष्कर्ष
मेरठ में हुए ये दो हत्याकांड, जिन्हें लोग “मुस्कान पार्ट 1” और सांप से डसवाने वाले को “मुस्कान पार्ट 2” कह रहे हैं, न केवल अपराध की दुनिया में एक नया अध्याय जोड़ते हैं, बल्कि हमारे समाज की बदलती तस्वीर को भी दर्शाते हैं। नीला ड्रम हो या जहरीला सांप, ये दोनों कहानियां हमें यह याद दिलाती हैं कि अपराध का रास्ता कितना भी चालाकी से चुना जाए, सच आखिरकार सामने आ ही जाता है।
हमें यह सोचने की जरूरत है कि आखिर हम अपने रिश्तों, समाज और नैतिकता को बचाने के लिए क्या कर सकते हैं। क्या हम इन घटनाओं से सबक लेंगे, या फिर ये सिर्फ सुर्खियों में कुछ दिन रहकर भुला दी जाएंगी? यह सवाल हर उस इंसान से है, जो एक बेहतर और सुरक्षित समाज का सपना देखता है।