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देश-विदेश की खबरें: स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री पर हमला, भारतीय विदेश मंत्री ने किया अमेरिका पर कटाक्ष आदि

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भारतीयों के पास दुबई में सबसे अधिक संपत्ति

दुबई में संपत्ति खरीदने के मामले में भारतीय पहले स्थान पर हैं। दुबई में 29,700 भारतीयों के पास कुल 35,000 संपत्तियां हैं, जिनकी कुल कीमत 17 अरब डॉलर है।

दुबई में विदेशियों की संपत्ति को लेकर सेंटर फॉर एडवांस्ड डिफेंस स्टडीज की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान के गरीब नागरिक दुबई में संपत्ति खरीदने के मामले में दूसरे स्थान पर हैं। 17,000 पाकिस्तानियों के पास दुबई में लगभग 12.2 बिलियन डॉलर मूल्य की 23,000 संपत्तियाँ हैं। ब्रिटेन उन देशों की सूची में तीसरे स्थान पर है जिनके नागरिकों के पास 22,000 संपत्तियां हैं। यह रिपोर्ट साल 2020-22 के प्रॉपर्टी डेटा के आधार पर तैयार की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक दुबई में भी कई आतंकियों की संपत्तियां हैं.

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पूरी दुनिया में फेसबुक, इंस्टाग्राम ठप्प

दुनिया भर में बुधवार को फेसबुक और इंस्टाग्राम के ठप पढ़ने की शिकायतें सामने आई| हजारों यूज़रों ने दोनों प्लेटफार्म के डाउन होने की बात कही है| इस संबंध में 18,000 से ज्यादा शिकायत दर्ज की गई हैं| लोगों ने बताया कि उन्हें लॉगिन करने में परेशानी हुई है और एक्सेस करने पर सिर्फ ब्लैंक पेज दिखाई दिया|

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शिकायत करने वालों में से 60 फ़ीसदी लोगों को ऐप के जरिए एक्सेस करने में परेशानी हुई है जबकि 34 फ़ीसदी लोगों ने कहा है कि एक्सेस करते वक्त सर्वर कनेक्शन की दिक्कत का नोटिफिकेशन दिखाई दिया| वही 7 फ़ीसदी यूजर लॉगिन नहीं होने से परेशान रहे| यह समस्या सुबह 7 बजे से शुरू हुई है और दिनभर लोगों की शिकायतें आती रही है| इसके बाद सोशल मीडिया पर हैशटैग फेसबुक डाउन ट्रेंड करने लगा| कई यूजर्स ने एरर मैसेज और मीडिया फाइल एरर दिखाई देने की शिकायत दर्ज कराई|

स्लोवाकिया के पीएम को गोली मारी, हालत गंभीर

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स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको पर बुधवार को गोली से हमला किया गया| घटना के बाद उन्हें जल्दी से अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है| यह घटना स्लोवाकिया की राजधानी से लगभग 150 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व में हैंडलोवा शहर में हुई|

इस सिलसिले में एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है| यह घटना तब हुई जब स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री हाउस आफ कल्चर के बाहर भीड़ के बीच मौजूद थे और लोगों से संवाद कर रहे थे| घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है| फिको को रूस का समर्थक माना जाता है| घटनास्थल पर मौजूद लोगों के मुताबिक गोली चलने की कई आवाज़ सुनी गई|

स्लोवाकिया के राष्ट्रपति जुजाना सापूतोवा ने कहा कि वह इस निंदनीय हमले से स्तब्ध हैं| स्लोवाकिया की संसद ने अपना सत्र स्थगित कर दिया| स्लोवाकिया के सभी राजनीतिक दलों ने इस घटना की कड़ी निंदा की और प्रधानमंत्री की सलामती के लिए कामना भी की| स्लोवाकिया के इतिहास में यह ऐसा पहला मामला है जब किसी शीर्ष नेता पर गोली चलाई गई हो| बीते साल अक्टूबर में उन्होंने स्लोवाकिया की सत्ता में चौथी बार वापसी की थी| पिछले महीने उन्होंने अपने ही देश स्लोवाकिया की मीडिया पर जमकर कटाक्ष किया था|

अमेरिका जैसे विकसित देश छोटी मानसिकता न रखें, एस जयशंकर ने कहा

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चाबहार बंदरगाह पर भारत और ईरान के बीच हुए ऐतिहासिक समझौते को लेकर आपत्ति जताने वाले अमेरिका को दो टूक में जवाब दे दिया है| उन्होंने कहा कि चाबहार बंदरगाह से पूरे क्षेत्र को लाभ होगा और ऐसे में इसे लेकर विकसित देशों को छोटी मानसिकता नहीं रखनी चाहिए|

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अतीत में अमेरिका भी इस बात को मान चुका है कि चाबहार बंदरगाह की व्यापक प्रासंगिकता है| विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि चाबहार बंदरगाह से हमारा लंबा नाता रहा है पर हम कभी दीर्घकालिक समझौते पर हस्ताक्षर नहीं कर पाए| इसकी वजह यह है कि पहले कई समस्याएँ थी|

भारत ने 2003 में ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित चाबहार बंदरगाह को विकसित करने का प्रस्ताव रखा था| इसके जरिए अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा का इस्तेमाल कर भारत से सामान अफगानिस्तान, मध्य एशिया भेजा जा सकेगा|

बता दें की भारत ने बीते सोमवार को ईरान के साथ चाबहार बंदरगाह को संचालित करने के लिए 10 साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किया है| इससे नई दिल्ली को मध्य एशिया के साथ व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी| इस समझौते को लेकर अमेरिका ने फिर से अपनी टांग अड़ाते हुए गीदड़भभकी दी थी कि ईरान के साथ व्यापारिक समझौते करने वाले किसी भी देश पर प्रतिबंधों का खतरा है| इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका को दो-टूक जवाब भी दे दिया है|

पूर्व विदेश सचिव ने अमेरिका और कनाडा पर किया कटाक्ष

भारत के पूर्व विदेश सचिव और जी-20 के समन्वयक रहे हर्षवर्धन शृंगला ने कनाडा समेत कई देशों में आपराधिक गतिविधियों में शामिल सिख अलगाववादियों को राजनीतिक प्रश्रय मिलने के संदर्भ में कहा कि जिस प्रकार की नीति वहां की सरकारें अपना रही है, वह आने वाले समय में उन्हीं के लिए घातक साबित होगा|

शृंगला जी ने कहा कि जिस प्रकार की गलती कभी यूरोप ने की थी और बड़े पैमाने पर शरणार्थियों को मदद करते हुए उन्हें अपने देश में बसाया था, अब वह गलती कनाडा और अमेरिका भी कर रहे हैं| यूरोप में आज वही मुस्लिम शरणार्थी उनके लिए मुश्किलें पैदा कर रहे हैं| ब्रिटेन और फ्रांस समेत कई देशों में कई क्षेत्रों में उनकी आबादी इतनी अधिक हो चुकी है कि अब वह वहां के चुनावों में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं|

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वे अपने उन रीति-रिवाजों को लागू करने के लिए सरकारों पर दबाव बना रहे हैं जो कि यूरोप में स्वीकार्य नहीं है| यूरोप ही क्यों, साथ-साथ अमेरिका में भी कई जिलों में मुस्लमान बहुसंख्यक है| मिशिगन जिले में मुस्लिम बहुसंख्यक हो चुके हैं| इलहान ओमर, रशीदा तलीब जैसे राजनीतिज्ञ इसके साक्षात् प्रमाण हैं| वे देश से पहले इस्लाम को तरजीह दे रहे हैं| अमेरिका में भारतीय राजदूत रह चुके श्रंगला ने कहा कि विदेशों में रहकर खालिस्तान की मांग करना अब खालिस्तानियों के लिए धंधा बन चुका है, जिसका भारत हमेशा से विरोध करता था, करता है और करता रहेगा|

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