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नरेंद्र मोदी 2024 में प्रधानमंत्री पद के लिए जनता की पहली पसंद

नरेंद्र मोदी

देश की जनता के लिए नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में पहली पसंद है| एक सर्वेक्षण में शामिल करीब आधे लोग प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी का नाम सुझाते हैं| सबसे अहम बात यह है कि लोगों को प्रधानमंत्री पद के लिए किसी नेता के नाम का विकल्प नहीं दिया गया था| सभी ने अपने मन से सबसे पहले मोदी जी का नाम सुझाया है|

कांग्रेस नेता राहुल गांधी दूसरे नंबर के राजनेता हैं, जिनका नाम लोगों ने इस पद के लिए सुझाया| 10 में से 3 लोगों के अनुसार प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी दूसरे नंबर के मजबूत दावेदार हैं| अन्य तीन नाम जो सबसे ज्यादा लिए गए, उसमे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, और समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव का नाम शामिल है|

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मोदी की गारंटी के लिए मतदान

आम चुनावो को लेकर चल रहे चुनाव प्रचार में यह स्पष्ट हो चुका है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी का केंद्र है| चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने मतदाताओं से बातचीत में यह स्पष्ट कर दिया है कि, भाजपा को वोट देंने वाले मतदाता इस बार मोदी की गारंटी के लिए मतदान करेंगे| यह हैरानी की बात नहीं होगी की चुनाव में एनडीए उम्मीदवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांगे| वे मतदाताओं से पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए अपील करेंगे, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश का नेतृत्व करें| प्रधानमंत्री मोदी अपने कई भाषणों में स्पष्ट कर चुके हैं कि वह फिर से सत्ता में आ रहे हैं|

भाजपा और कांग्रेस की गारंटी में लोगों की रुचि लगभग बराबर

आम सर्वेक्षण के अनुसार, मोदी की गारंटी और राहुल गारंटी को लेकर मतदाताओं में बहुत ज्यादा उत्साह नहीं है| बहुत कम मतदाता है, जो दलों की गारंटी को लेकर उत्साहित है| एक सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से 23% मोदी की गारंटी, जबकि 17% को राहुल की गारंटी में विश्वास है| आकड़ों के अनुसार मोदी और राहुल गारंटी में लोगों को दिलचस्पी को लेकर कोई खास अंतर नहीं है| कांग्रेस की तुलना में भाजपा की गारंटी को पसंद करने वाले सिर्फ 7% अधिक है| स्पष्ट है कि मौके को देखकर वोट करने वाले मतदाता दोनों दलों और उनकी गारंटी के बीच ज्यादा अंतर नहीं कर पा रहे हैं|

चुनावी वादों की जगह ‘गारंटी’

चुनाव में वादे पुरानी परंपरा है| इस बार के आम चुनाव में वादे की जगह गारंटी ने ले ली है| चुनावी मैदान में गारंटी शब्द आने के साथ ही प्रतिस्पर्धा और रोचक हो गई है| पार्टियां अलग-अलग गारंटी पेश कर रही हैं| इसी बीच मतदाताओं के सामने अलग-अलग दलों की गारंटी और वादों पर विश्वास की चुनौती हैं| बीजेपी ‘मोदी सरकार की गारंटी’ के जरिए चुनावी अभियान चला रही है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार आश्वस्त कर रहे हैं कि जनता उनकी गारंटी का सम्मान करेगी| विपक्षी दल कांग्रेस गारंटी के जरिए मतदाताओं को साधने की तैयारी कर रहे है|

नरेंद्र मोदी

हर वर्ग के दिल में नरेंद्र मोदी के लिए जगह

चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में देखने के लिए क्षेत्र वार अलग-अलग राय है| ग्रामीण इलाकों में गरीबों से ज्यादा आर्थिक रूप से संपन्न लोग उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में ज्यादा चाहते हैं| दलितों और आदिवासियों की तुलना में उच्च जाति और अन्य पिछड़े वर्ग उन्हें प्रधानमंत्री पद पर लगातार तीसरी बार विराजमान करने में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं| मुस्लिम वर्ग के 14% लोग इस पद के मोदी जी का नाम बेहतर मानते हैं, वहीं अन्य अल्पसंख्यक जातियों में ऐसी सोच रखने वाले करीब 28% है| आंकड़े बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बार भी जनता का साथ मिलने की उम्मीद ज्यादा है|

मोदी का नेतृत्व पार्टी के लिए ट्रम्प कार्ड

इस बार के आम चुनाव में लीडरशिप फैक्टर भाजपा के लिए ट्रंप कार्ड जैसा है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के सहारे पार्टी लोगों के मन में अर्थव्यवस्था को लेकर जो नकारात्मक भाव है, उसे दूर कर लेगी| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जनता से लगाव और बेहतर भविष्य दिखाने में उनकी निपुणता पार्टी और नरेंद्र मोदी के लिए सकारात्मक संकेत हैं| चुनाव प्रचार में उनकी एक झलक के लिए उनके चाहने वालों की उमड़ती भीड़ इसी का संकेत हैं|

गांवों में मोदी की गारंटी पर लोगों को भरोसा

शहरों और कस्बों की तुलना में गांव में रहने वाले लोगों को मोदी की गारंटी में ज्यादा विश्वास है| गांवों में दोनों नेताओं की गारंटी को पसंद करने वालों के बीच का अंतर 9% है| कस्बों में रहने वाले लोगों का मोदी और राहुल गारंटी में बराबर विश्वास है| मोदी और राहुल गारंटी पर अमीर लोगों के मतों के बीच का अंतर करीब 18% है| आंकड़े बताते हैं कि पढ़े-लिखे लोगों की तुलना में कम पढ़े-लिखे मतदाताओं में मोदी की गारंटी ज्यादा लोकप्रिय है| वहीं राहुल गारंटी उन लोगों के बीच ज्यादा चर्चित है, जो ज्यादा पढ़े लिखे हैं|

मोदी सरकार ने काफी काम किया

नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की लोकप्रियता को लेकर सवाल पूछा गया तो करीब एक चौथाई, यानी 23% ने अयोध्या में श्री राम मंदिर के भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह का नाम लेते हुए कहा कि मोदी सरकार ने काम किया है| वहीं 10% में सिर्फ 1, करीब 9% ने यह भी माना की सरकार ने रोजगार बढ़ाने की कोशिश की है| इसी तरह में से 1, करीब 8% लोगों की राय है कि सरकार ने गरीबी कम करने के लिए कई जरूरी कदम उठाए हैं|

नरेंद्र मोदी

मोदी सरकार हर क्षेत्र में दिखा रही है तेजी

एक सर्वेक्षण में 10 में से 1, करीब 11% लोगों ने माना है कि केंद्र सरकार ने मूलभूत ढांचे, विकास के क्षेत्र और अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए बड़े स्तर पर काम किया है| इसी तरह 10 में से 1, करीब 8% लोगों की राय है कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि बेहतर करने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है| इसी का नतीजा है कि भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है|

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Despite firing 300 missiles and drones, Iran failed

Israel-Iran: Risk of an all-out conflict grows after Syria strikes - BBC  News

Iran fired more than 300 drones, ballistic missiles, and cruise missiles at Israel early Sunday. An Israeli military spokesman said that 99% of all missiles and drones fired were destroyed in the air.

After the attack, a war-like situation has arisen between Iran and Israel. All the countries in the world, including America, France, Britain, and the United Nations, have strongly condemned the attack.

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Iran will take revenge for the attack

Iran had promised retribution after two Iranian commanders were killed in an airstrike on the Iranian Office in Syria on April 1. Iran had accused Israel of being behind the attack.

Iran will attack with double the force

Iran issued a statement saying that if Israel responded to the attack, it would attack it with double the force. Iran has also warned America not to help. Iran has launched a direct attack on Israel for the first time since their decades-long rivalry that began after the 1969 Islamic Revolution.

Israel said the attack is not over yet

Israeli service spokesman Hagari said that the army will do whatever is necessary to protect Israeli citizens. He said that the attack is not over yet; dozens of Israeli war planes are circling in the sky.

Statement of Indian Foreign Minister S Jaishankar

Dr. S. Jaishankar said on Sunday that the situation created by the Iran-Israel conflict is worrying. He called for an immediate reduction of tension. He said that right now, we have advised people not to travel to Israel or Iran. Also, Indians already present in those countries have been asked to exercise the utmost caution.

Helpline number has been released for Indian people

The Indian Embassy in Israel has issued a helpline number. These numbers are +989128109115, +98993179567, +989932179359, and +98-21-88755103-5. People will get assistance on these numbers.

missiles

Iranian missiles could not penetrate Israel’s strong defense shield

Iran created panic by firing 300 missiles and drones at Israel, but due to Israel’s impenetrable three-tier security shield, the damage was not much. Israel’s Aero Aerial Defense System destroyed Iran’s weapons.

According to defense sources, the Israeli Army has been successful in destroying 99 percent of drones and missiles due to its three-tier weapons, the Iron Drone, David Sling, and Arrow Defense System. The Patriot and Iron Beam are also prominently included in these weapons. Also know that during the drone attack by Hamas last year, with the help of all these weapons, Israel destroyed missiles, drones, and many more weapons of Hamas and secured its own border.

Celebration in Tehran

Celebrations were held in Iran’s capital, Tehran, after Iran’s attack on Israel. Late at night, many people gathered in central Tehran and took part in a march. Along with this, Hamas also welcomed Iran’s attack on Israel on Sunday. The Palestinian terrorist group said in the statement that Hamas considers the military operation carried out by the Islamic Republic of Iran a natural right.

Iran named ‘Operation True Promise’

Iran has codenamed the attack on Israel ‘Operation True Promise’. This operation has created a situation of panic in Israel. Due to the attack by several missiles and drones, suddenly a scary situation occurred, and people started running away. More than 10 people are reported to have been injured in this incident.

All Indians are in touch with the Indian Embassy

The Indian Embassy in Israel issued a new important advisory for its citizens after the Iranian attack on Sunday, in which it advised them to remain calm and follow security protocols. The Indian Embassy said in its social media post that it is in touch with Israeli officials and members of the Indian community.

With this incident, Air India flights have been temporarily suspended. Due to increasing tension between Iran and Israel, Air India on Sunday decided to temporarily suspend flights to the Israeli capital, Tel Aviv.

Who is superior to whom in the military between Iran and Israel?

Among the 145 countries in the world, Iran is in 14th place in terms of powerful military, while Israel is in 17th place. However, in terms of military power, Israel seems to be ahead of Iran.

missiles

While Iran has 42,000 airmen, Israel, on the other hand, has 89,000 airmen. Iran has 3.50 lakh army personnel, while Israel has 5.26 lakh army personnel. Iran currently has 18,500 marines, while Israel currently has 19,500 marines.

Along with this, the Iron Dome air defense system developed by Israel is adept at shooting down short-range rockets. This is an air defense shield, whose full name is Iron Dome Anti-Missile Defense System. The success rate of this system is more than 90%. It is equipped with an interceptor, which is capable of working in all weather conditions.

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इजराइल-ईरान युद्ध: 300 बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन दागने के बावजूद ईरान को मिली असफलता

मिसाइल

ईरान ने रविवार तड़के इजराइल पर 300 से अधिक ड्रोन, बैलिस्टिक मिसाइलें और क्रूज मिसाइलें दाग दी है| इजराइली सेना के प्रवक्ता ने कहा कि दागी गयी सभी मिसाइलों और ड्रोन में से 99% को हवा में ही नष्ट कर दिया गया है|

हमले के बाद ईरान और इजरायल के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए हैं| अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन समेत दुनिया के तमाम देशों और संयुक्त राष्ट्र ने हमले की कड़ी निंदा की है|

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हमले का बदला लेगा ईरान

सीरिया में 1 अप्रैल को हुए हवाई हमले में ईरानी वाणिज्य दूतावास में दो ईरानी जनरल के मारे जाने के बाद ईरान ने बदला लेने का प्रण लिया था| ईरान ने हमले के पीछे इजराइल का हाथ होने का आरोप लगाया थ|

ईरान दोगुनी ताकत से हमला करेगा

ईरान ने बयान जारी कर कहा कि अगर इजराइल ने हमले का जवाब दिया तो उस पर दोगुनी ताकत से वार करेंगे| ईरान ने अमेरिका को भी मदद नहीं करने की चेतावनी दी है| ईरान ने 1969 की इस्लामी क्रांति के बाद शुरू हुई, दशकों पुरानी दुश्मनी के बाद इजरायल पर पहली बार सीधे तौर पर हमला किया है|

इजराइल ने कहा कि हमला अभी समाप्त नहीं हुआ है

इजरायली सेवा के प्रवक्ता हैगारी ने कहा कि इजराइली नागरिकों की रक्षा के लिए जो भी आवश्यक है, सेना वह करेगी| उन्होंने कहा कि हमला अभी समाप्त नहीं हुआ है, दर्जनों इजरायल के युद्धक विमान आकाश में चक्कर लगा रहे हैं|

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान

उन्होंने रविवार को कहा कि ईरान-इजरायल संघर्ष से बने हालात चिंताजनक है| उन्होंने तत्काल तनाव कम करने का आह्वान किया| उन्होंने कहा कि अभी हमने लोगों को इजराइल या ईरान की यात्रा न करने की सलाह दी है| साथ ही उन देशों में पहले से मौजूद भारतीय लोगों से अत्यधिक सावधानी बरतने को कहा है|

भारतीय लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी

इजराइल में भारतीय दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया है| यह नंबर हैं- +989128109115, +98993179567, +989932179359, +98-21-88755103-5, इन नंबर पर लोगों को सहायता मिलेगी|

मिसाइल

इजराइल के मजबूत रक्षा कवच को भेद नहीं पाई ईरानी मिसाइलें

ईरान ने दे-दनादन इजराइल पर 300 मिसाइलें और ड्रोन दागकर दहशत पैदा तो कर दी लेकिन इजराइल के अभेद्य तीन स्तरीय सुरक्षा कवच की वजह से नुकसान ज्यादा नहीं हो पाया| इजरायल के ऐरो एरियल डिफेंस सिस्टम ने ईरान के हथियारों को धराशाई कर दिया|

रक्षा सूत्रों के अनुसार, इजरायल की सेना तीन स्तरीय हथियार आयरन ड्रोन, डेविड स्लिंग और ऐरो डिफेंस सिस्टम की वजह से 99 फीसदी ड्रोन और मिसाइल को नष्ट करने में सफल रही है| इन हथियारों में पेट्रियट और आयरन बीम भी प्रमुख रूप से शामिल है| यह भी जान लीजिये कि पिछले साल हमास के ड्रोन और मिसाइल हमले के दौरान भी इन सभी हथियारों की मदद से इजरायल ने हमास के हथियारों को मार गिराया था और खुद की सीमा को सुरक्षित कर लिया था|

तेहरान में मनाया गया जश्न

इजराइल पर ईरान की ओर से किए गए हमले के बाद ईरान की राजधानी तेहरान में जश्न मनाया गया| देर रात मध्य तेहरान में कई लोग जुटे और मार्च निकाला| उसी के साथ-साथ हमास ने भी रविवार को इजराइल पर ईरान के हमले का स्वागत किया फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह ने बयान में कहा कि हमास में ईरान के इस्लामी गणराज्य द्वारा किए गए सैन्य अभियान को एक प्राकृतिक अधिकार मानते हैं|

ईरान ने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस, नाम रखा

इजराइल पर हमले को ईरान ने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस’ कोडनाम दिया है| इस ऑपरेशन से इजराइल में दहशत की स्थिति पैदा हो गई है| हमले की वजह से अचानक भयावह स्थिति हो गई और लोग भागने लगे| इस घटना में 10 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है|

भारतीय दूतावास के संपर्क में है सभी भारतीय

इजराइल में भारतीय दूतावास ने ईरान के हमले के बाद अपने नागरिकों के लिए रविवार को एक नया महत्वपूर्ण परामर्श जारी करा जिसमें उन्हें शांतचित्त रहने और सुरक्षा प्रोटोकॉल के पालन करने की सलाह दी है| भारतीय दूतावास ने अपने सोशल मीडिया के पोस्ट में कहा कि वह इजराइल के अधिकारियों तथा भारतीय समुदाय के सदस्यों के संपर्क में हैं|

इसी घटना के साथ एयर इंडिया की फ्लाइट अस्थाई तौर पर निलंबित कर दी गई है| ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के चलते रविवार को एयर इंडिया ने इसरायली राजधानी तेल अवीव के लिए उड़ाने अस्थाई रूप से निलंबित करने का फैसला किया|

मिलिट्री में ईरान और इजरायल के बीच कौन किस पर भारी?

दुनिया के 145 देशों में ताकतवर मिलिट्री के मामले में ईरान 14वें स्थान पर है, जबकि इजराइल 17वें स्थान पर है| हालांकि, सेना के मामले में ईरान से आगे इजराइल नजर आ रहा है|

मिसाइल

ईरान के पास जहां 42,000 वायु सैनिक है, तो दूसरी तरफ इजरायल के पास 89,000 वायु सैनिक मौजूद हैं| 3.50 लाख थल सैनिक है ईरान के पास, तो वही इजरायल के पास 5.26 लाख थल सैनिक है| 18,500 नौसैनिक हैं इस समय ईरान के पास, तो वही इजरायल के पास इस समय 19,500 नौसैनिक हैं|

इसी के साथ-साथ इजरायल द्वारा विकसित आयरन डोम मिसाइल डिफेंस प्रणाली कम दूरी के रोकटों को मार गिराने में माहिर है| यह एक एयर डिफेंस शील्ड है, जिसका पूरा नाम आयरन डोम एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम है| इस प्रणाली की सफलता दर 90% से अधिक है| इसमें एक इंटरसेप्टर लगा होता है, जो सभी मौसम में कार्य करने में सक्षम है|

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America extended its hand towards Israel, Iran captured the ship on which 17 Indians were present

America

Iran intercepted an Israeli ship near Hormuz in the Gulf of Oman and captured it. It has been taken towards Iran. After this incident, the tension between the two countries has increased further. There are also 25 crew members on board the ship, including 17 Indian citizens.

When the ship was passing through Iranian waters, special forces of the Iranian naval unit attacked the ship. All of them landed on the ship from the helicopter and, within some time, captured the ship. It was carrying the national flag of Portugal and was operated by the London-based Zodiac Maritime Company, which is part of Israeli billionaire Eyal Ofer’s Zodiac Group.

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The ship last stopped in UAE

A ship named MSC Aries last stopped at the UAE port and departed last Friday. Late in the evening, Zodiac Group confirmed the capture of the vessel. Giving information about the attack earlier, the British Army’s Maritime Trade Operations said that the incident took place in the Gulf of Oman near the Emirati city of Fujairah.

Israel called it piracy

Israeli Minister Katz termed Iran’s campaign piracy and said that it is a violation of international laws. Describing the Iranian Revolutionary Guards as a terrorist organization, he said that the countries of the world should intervene in this matter. On the other hand, Joe Biden has cut short his weekly trip to Delaware for urgent consultations on the Middle East amid Iran-Israel tension. The White House has called on Iran to immediately release the seized vessel.

America announced plans to send more troops

After the capture of the Iranian ship, America announced that it was sending more troops to the troubled region. After Iran’s threat to attack Israel, America announced that it stands firmly with Israel.

America

Indian government is in contact with Iran for the release of Indians

According to special sources, efforts have been started for the safe evacuation of Indian citizens. The government has said that we are in touch with diplomats in Tehran and Delhi for the release of Indian citizens. America has also asked to leave the ship.

The Government of India has started efforts for the release of Indian citizens aboard the Israeli cargo ship MSC Aries, captured by Iranian Revolutionary Guards in Hormuz in the Gulf of Oman.

With the information that Iran has taken control of the ship, the Indian government has started all possible efforts for the safety of its citizens. According to special sources, the government said, it has received information that the cargo vessel MSC Aries has been taken under Iranian control. We have learned that Indian citizens are present on the ship. We are in touch with Iranian authorities through diplomatic channels in both Tehran and Delhi to ensure the safety, welfare, and early release of Indian nationals. In the video of this incident, it is seen that Iranian commandos land on the ship from the helicopter and capture it.

Indian planes are not passing through Iran’s airspace

In view of the circumstances of the war between Iran and Israel, Indian aircraft are not passing through Iran’s airspace. Indian airlines have started using alternative routes for this. Indian planes are diverting their routes to Europe and the Middle East. This has been confirmed by Indian airlines, Air India and Vistara. The Government of India has appealed to Indian citizens not to travel to Iran.

Biden said that Iran should not attack Israel

US President Joe Biden expressed fear of Iran’s attack on Israel soon and also warned Iran not to do so. He made it clear that America is committed to the security of Israel. We support Israel. America will help to protect Israel, and Iran will not be able to succeed.

America

This clear message from the US President is for Iran, which is ready to attack Israel. Meanwhile, America has sent its aircraft carrier warship, the USS Eisenhower, to Israel via the Red Sea. This warship will help in stopping Iran’s attack on Israel. White House spokesperson John Kirby said that arrangements are also being increased for the security of American soldiers deployed in Middle Eastern countries.

Iran has announced it will punish Israel after 7 Iranian army officers, including a senior general, were killed in an airstrike on the Iranian embassy in Syria’s capital, Damascus, on April 1. This has given rise to fears that Iran may attack Israel at any time.

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अमेरिका ने इजरायल की तरफ बढ़ाया हाथ, ईरान ने कब्जा किया पोत जिस पर 17 भारतीय मौजूद

अमेरिका

ईरान ने ओमान की खाड़ी में होर्मुज के पास एक इजरायली पोत को रोक कर कब्जे में ले लिया| इसे ईरान की ओर ले जाया गया है| इस घटना के बाद दोनों देशों में तनाव और बढ़ गया है| पोत पर चालक दल के 25 सदस्य भी सवार हैं, जिसमें भारत के 17 नागरिक भी हैं|

पोत जब ईरान के जल क्षेत्र से गुजर रहा था तो ईरानी नौसैनिक इकाई के विशेष बलों ने पोत पर हमला बोला| यह सभी हेलीकॉप्टर से पोत पर उतरे और कुछ समय में पोत को कब्जे में ले लिया| इस पर पुर्तगाल देश का राष्ट्रीय ध्वज लगा था और इसका संचालन लंदन स्थित जोडियाक मैरिटाइम कंपनी कर रही थी, जो इजरायली अरबपति इयाल ओफर के जोडियाक ग्रुप का हिस्सा है|

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अंतिम बार यूएई में रुका था पोत

एमएससी एरीज नाम का एक पोत आखिरी बार संयुक्त अरब अमीरात के बंदरगाह पर रुका था और बीते शुक्रवार को रवाना हुआ| देर शाम जोडियाक ग्रुप ने पोत पर कब्जे की पुष्टि की है| हमले की जानकारी पहले देते हुए ब्रिटिश सेना के मैरिटाइम ट्रेड ऑपरेशंस ने कहा कि घटना अमिराती शहर फुजैराह के पास ओमान खाड़ी में हुई|

इजराइल ने समुद्री डकैती बताया

इजराइली मंत्री काट्ज़ ने ईरान के इस अभियान को समुद्री डकैती करार दिया और कहा है कि यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है|उन्होंने ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स को आतंकी संगठन बताते हुए कहा कि, विश्व के देशों को इस मामले में दखल देना चाहिए| उधर, ईरान-इजरायल तनाव के बीच मध्य पूर्व पर तत्काल परामर्श के लिए जो बाइडन ने डेलावेयर की अपनी साप्ताहिक यात्रा में कटौती की है| व्हाइट हाउस ने ईरान से जप्त किए गए पोत को तुरंत रिहा करने का आह्वान किया है|

अमेरिका ने और सैनिक भेजने की घोषणा की

ईरान की पोत पर कब्जे के बाद अमेरिका ने घोषणा की कि वह अशांत क्षेत्र में और अधिक सैनिक भेज रहा है| ईरान की इजराइल पर हमले की धमकी के बाद अमेरिका ने ऐलान किया था कि वह इजरायल के साथ मजबूती से खड़ा है|

अमेरिका

भारतियों की रिहाई के लिए ईरान के संपर्क में भारत सरकार

विशेष सूत्रों के अनुसार, भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं| सरकार ने बताया है कि हम भारतीय नागरिकों की रिहाई के लिए तेहरान और दिल्ली में राजनाइकों के संपर्क में है| अमेरिका ने भी पोत को छोड़ने के लिए कहा है| ओमान की खाड़ी में होर्मुज में ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स द्वारा कब्जाए गए इजराइली मालवाहक पोत एमएससी एरीज पर सवार भारतीय नागरिकों की रिहाई के लिए भारत सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए हैं|

ईरान द्वारा पोत को नियंत्रण में लेने की सूचना के बाद भारत सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी संभव प्रयास शुरू कर दिए हैं| विशेष सूत्रों के अनुसार, सरकार ने कहा, मालवाहक पोत एमएससी एरीज को ईरान द्वारा नियंत्रण में लेने की जानकारी मिली है| हमें पता चला है की पोत पर भारतीय नागरिक मौजूद हैं| हम भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, कल्याण और शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने के लिए तेहरान और दिल्ली दोनों जगहों पर राजनिक चैनलों के माध्यम से ईरानी अधिकारियों के संपर्क में है| इस घटना की वीडियो में नजर आ रहा हैं की हेलीकॉप्टर से ईरानी कमांडो पोत पर उतरते हैं और उसे कब्जे में ले लेते हैं|

ईरान के हवाई क्षेत्र से नहीं गुजर रहे हैं भारतीय विमान

ईरान और इजरायल के बीच युद्ध के हालातों को देखते हुए भारतीय विमान ईरान के हवाई क्षेत्र से नहीं गुजर रहे हैं| भारतीय विमान कंपनियों ने इसके लिए वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करना शुरू कर दिया है| भारतीय विमान यूरोप और मध्य पूर्व के लिए अपना रास्ता बदल रहे हैं| एयर इंडिया और विस्तारा की ओर से इसकी पुष्टि की गई है| भारत सरकार ने भारतीय नागरिकों से ईरान की यात्रा न करने की अपील की है|

बाइडेन ने कहा कि इजराइल पर हमला न करे ईरान

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजराइल पर जल्द ईरान का हमला होने की आशंका जताई, साथ ही ईरान को चेतावनी दी है कि वह ऐसा ना करे| उन्होंने साफ किया कि अमेरिका इजरायल की सुरक्षा के लिए संकल्पबद्ध है| हम इजराइल का समर्थन करते हैं| अमेरिका इजरायल की सुरक्षा में सहायता देगा और इरान सफल नहीं हो पाएगा|

अमेरिका

अमेरिकी राष्ट्रपति का यह स्पष्ट संदेश इजराइल पर हमले को तैयार ईरान के लिए है| इसी बीच अमेरिका ने अपने विमान वाहक युद्धपोत यूएसएस आइजनहावर को लाल सागर के रस्ते इजरायल के लिए रवाना कर दिया है| यह युद्धपोत इसराइल पर ईरान के हमले को रोकने में मदद करेगा| व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि मध्य-पूर्व के देशों में तैनात अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा के लिए भी इंतजाम बढ़ाए जा रहे हैं|

1 अप्रैल को सीरिया की राजधानी दमिश्क स्थित ईरान के दूतावास पर हवाई हमले में सीनियर जनरल समेत ईरानी सेना के 7 सैन्य अधिकारियों के मारे जाने के बाद ईरान ने इजराइल को दंडित करने का ऐलान किया है| इससे यह आशंका पैदा हुई है कि ईरान किसी भी समय इजराइल पर हमला कर सकता है|

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Israel and Iran: Is there going to be a war between them?

Iran

Amid Israel-Iran tension, an American media report has claimed that Iran can attack Israel in 2 days. This information has been given by quoting America’s Intelligence Department.

If this report is to be believed, attacks may occur within the next 24 to 48 hours. Special sources related to Persia have said that the attack plan is being discussed, although no final decision has been taken. Tension between the two countries has increased after the Israeli attack on the Iranian embassy in Syria. Persia has warned of an attack on Israel.

Information related to the Israeli attack has reached Iran’s supreme leader, Ayatollah Ali Khamenei. On Thursday, British Foreign Minister Annalena Barebach and David Cameron spoke to Iranian counterpart Hossein Amir Abdollahian.

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Netanyahu has given a warning to Iran

Recently, Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu gave a direct warning to Iran and said that if anyone harms us, we will respond. He said that Israel has issued all alerts regarding security. We are fully prepared defensively and offensively.

Israel is on alert

Israel is on high alert after the Iranian threat. He has canceled the leaves of all his soldiers. Our air defense system has been strengthened and put on alert. Weapons have been deployed, and every situation is being closely monitored.

Iran

French citizens advised not to travel

In view of the fear of attack by Iran, France has advised its citizens not to travel to this region. They have been asked to avoid traveling to Iran, Palestine, and Israel. French Foreign Minister Stéphane Séjourn has made this recommendation after Persia’s threat.

Fear of another war

Tension is increasing in the Arab world. Israel is already crossing the limits of aggression, and now Iran has also adopted an equally aggressive posture in comparison to it. According to experts, Iran can target any Israeli location at any time. Here, Israel is also on full alert to respond. Tension between Persia and Israel has increased so much that within a day, US Secretary of State Antony Blinken spoke to the foreign ministers of Turkey, China, and Saudi Arabia.

The US Secretary of State is trying to explain that increasing tension in the Middle East is not in anyone’s interest. It is important to say here that America looks weak; it has had tensions with Persia for years, and it is not in a position to influence Iran directly. So he is taking help from the leaders of those countries that have special influence on Persia.

Here, America must wonder why this situation has come to this. Israel’s independence has its place, but how can its unbridled aggression be defended? Despite destroying Gaza, Israel is not ready for a ceasefire. More than six months have passed since Palestine was bombed. It may not have taken responsibility for the attack on the Iranian embassy in Syria, but it has also not done much to dispel Persia’s suspicions. Iran continues to blame Israel for the April 1 attack on its consulate in Damascus, in which a senior member of the Islamic Revolutionary Guard Corps was killed.

There is pressure on Iran to avenge the deaths of its people, and if that happens, a new war will break out in the Arab world or the war will expand. It is a matter of great misfortune for the world that Israel is also ready for war in other places besides Gaza and what is even sadder is that America will not be ready to compromise Israel’s security under any circumstances. It is also a matter of concern that America has asked its citizens in Israel to be cautious.

Iran

If war breaks out on a new front, it will have wide-ranging effects. For example, the Israeli government has announced that more than 6,000 Indian workers will come to Israel between April and May to deal with the labor shortage and aid the country’s construction industry. Meaning, the outbreak of war will also increase the worries of Indians. Indians are also facing unnecessary tension in the Russia-Ukraine war. It would be better if India has minimal connection with war and war zones.

India has often made the aggressor country understand that war is not in anyone’s interest, but obviously, peace does not have much meaning for many countries in the world. While it is not possible to praise Israel, Iran also cannot be praised. It is very sad and very shameful for Iran to be in favor of ruthless and dangerous terrorist organizations like Hamas and Hezbollah. In the civilized world, there can be other ways of putting forth one’s demand and fighting for it; hence, the inhumane practice of directly helping terrorists will have to be abandoned by all those countries that really want peace in the world.

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क्या इजराइल और ईरान के बीच युद्ध होने वाला है?

इजराइल

इजरायल-ईरान तनाव के बीच अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में दावा किया है कि 2 दिन में ईरान इजरायल पर हमला कर सकता है| अमेरिका की खुफिया विभाग के हवाले से ये जानकारी दी गई है|

इस रिपोर्ट की माने तो हमले अगले 24 से 48 घंटे के भीतर हो सकते हैं| ईरान से जुड़े विशेष सूत्रों ने बताया है कि हमले की योजना पर चर्चा की जा रही है, हालांकि कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया| सीरिया में ईरानी दूतावास पर हुए इजरायली हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है| ईरान ने इजराइल पर हमले की चेतावनी दी है|

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली ख़ामेनेई के पास इजराइल हमले से जुड़ी सूचनए पहुंच चुकी हैं| गुरुवार को ब्रिटेन के विदेश मंत्री एनालेना बेयरबाक और डेविड कैमरन ने ईरानी समकक्ष होसैन अमीर अब्दुल्लाहियन से बात की|

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इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू दे चुके हैं चेतावनी

बीते दिनों इजराइल प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान को सीधी चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर कोई हमें नुकसान पहुंचाएगा, तो उसका जवाब देंगे| उन्होंने कहा, कि इजराइल ने सुरक्षा को लेकर सभी अलर्ट जारी कर रखा है| हम रक्षात्मक हैं और आक्रामक रूप से भी पूरी तरह तैयार है|

अलर्ट पर इजरायल

ईरानी धमकी के बाद इजरायल हाई अलर्ट पर है| उसने अपने सभी सैनिकों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं| अपनी हवाई रक्षा प्रणाली को और मजबूत और अलर्ट पर किया है| हथियारों को तैनात कर दिया है और हर स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है|

इजराइल

फ्रांस की नागरिकों को यात्रा न करने की सलाह

फ्रांस ने ईरान के हमले की आशंका को देखते हुए अपने नागरिकों को सलाह दी है कि वह इस क्षेत्र की यात्रा न करें| ईरान, फिलिस्तीन, और इजरायल की यात्रा से बचने को कहा है| ईरान की धमकी के बाद फ्रांसीसी विदेश मंत्री स्टीफन सेजर्न ने यह सिफारिश की है|

एक और युद्ध की आशंका

अरब दुनिया में तनाव बढ़ता जा रहा है| इजराइल तो पहले से ही आक्रामकता की सीमा लांघता जा रहा है और अब उसके मुकाबले में ईरान भी उतनी ही आक्रामक मुद्रा अख्तियार कर ली है| विशेषज्ञों की मानें, तो ईरान किसी भी वक्त इजरायल के किसी भी ठिकाने को निशाना बना सकता है| इधर इजरायल भी जवाब देने के लिए पूरी तरह चौकस मुद्रा में है| ईरान और इजरायल के बीच तनाव इस कदर बढ़ गया है कि 1 दिन के अंदर ही अमेरिकी विदेश मंत्री अंटोनी ब्लिंकेन ने तुर्किये, चीन और सऊदी अरब के विदेश मंत्रियों से बात की|

अमेरिकी विदेश मंत्री यह समझाने की कोशिश में लगे हैं कि मध्य-पूर्व में तनाव में वृद्धि किसी के हित में नहीं है| यहाँ यह कहना जरूरी है कि अमेरिका कमजोर दिख रहा है, उसका ईरान के साथ वर्षों से तनाव है और वह सीधे ईरान को प्रभावित करने की स्थिति में नहीं है| तो वह उन देशों के नेताओं की मदद ले रहा है, जो ईरान पर खास प्रभाव रखते हैं|

यहाँ अमेरिका को जरूर सोचना चाहिए कि आखिर यह नौबत क्यों आई? इजरायल की स्वतंत्रता अपनी जगह है, लेकिन उसकी बेलगाम आक्रामकता का बचाव कैसे किया जा सकता है| ग़ाज़ा को तबाह करने के बावजूद इजराइल संघर्ष विराम के लिए तैयार नहीं है| फिलिस्तीन पर बम बरसाते हुए छह महीने से ज्यादा वक्त बीत गया है| सीरिया में ईरानी दूतावास पर हमले की जिम्मेदारी भले उसने न ली हो, पर ईरान के संदेह को दूर करने के लिए भी उसने कुछ खास नहीं किया है| ईरान 1 अप्रैल को दमिश्क में अपने वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के लिए इजराइल को लगातार दोषी ठहरा रहा है, जिसमें ‘इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स’ के वरिष्ठ सदस्य मारे गए थे|

ईरान पर दबाव है कि वह अपने लोगों की मौत का बदला ले और अगर ऐसा होता है, तो अरब दुनिया में एक नया युद्ध छिड़ जाएगा या युद्ध का विस्तार हो जाएगा| यह दुनिया के लिए एक बड़े दुर्भाग्य की बात है की इजराइल भी ग़ाज़ा के अलावा अन्य जगहों पर भी जंग के लिए तैयार है और उससे भी दुखद यह है कि अमेरिका किसी भी सूरत में इजरायल की सुरक्षा से समझौता करने को तैयार नहीं होगा| यह भी चिंता बढ़ाने वाली बात है कि अमेरिका ने इजराइल में अपने नागरिकों को सावधान रहने के लिए कहा है|

इजराइल

किसी नए मोर्चे पर अगर युद्ध भड़कता है, तो उसका व्यापक असर होगा| मिशाल के लिए, इजरायली सरकार ने घोषणा की है कि श्रमिकों की कमी से निपटने और देश के निर्माण उद्योग की सहायता के लिए 6000 से अधिक भारतीय श्रमिक अप्रैल मई के बीच इजराइल आएंगे| मतलब, युद्ध के भड़कने से भारतीयों की चिंता में भी इजाफा होगा| रूस-यूक्रेन युद्ध में भी भारतीयों को अनावश्यक रूप से तनाव का सामना करना पड़ रहा है|

युद्ध और युद्ध क्षेत्र से भारत का न्यूनतम संबंध रहे, तो ही अच्छा है| भारत अक्सर आक्रामक देश को समझता रहा है कि युद्ध किसी के हित में नहीं है, पर जाहिर है कि दुनिया के कई देशों के लिए अमन-चैन के खास मायने नहीं है| जहां इजरायल की तारीफ संभव नहीं है, वहीं ईरान की भी प्रशंसा नहीं की जा सकती| हमास और हिज्बुल्ला जैसे निर्मम-खूंखार आतंकी संगठनों के पक्ष में ईरान का होना बहुत दुखद और बहुत शर्मनाक है| सभ्य दुनिया में अपनी मांग रखने और उसके लिए संघर्ष करने के दूसरे तरीके भी हो सकते हैं, इसलिए सीधे आतंकवादियों की मदद भी अमानवीय परिपाटी उन सभी देशों को छोड़नी पड़ेगी, जो दुनिया में वाकई शांति चाहते हैं|

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West Bengal: Question of respect for BJP and Trinamool Congress

West Bengal

42 seats in West Bengal in the Lok Sabha elections have become a matter of prestige and credibility for the ruling Trinamool Congress and the largest opposition party, the BJP, in the state. Voting for these seats is to be held in seven phases. Instead of coordinating on seats with the allies of the India Alliance, i.e., Congress and Left Front, the Trinamool Congress is fighting alone on all the seats in Bengal. Congress and the Left Front have compromised on seats, while on the other hand, India’s largest political party, the BJP, is also contesting elections on all the seats.

This time, both the contenders, i.e., the Trinamool Congress and the BJP, have a big challenge to save their old seats and increase their numbers. This is the reason why the top leaders of both parties have started a very aggressive election campaign. In the last 2019 Lok Sabha elections, the BJP got 18 seats and the Trinamool Congress got 22 seats. Two seats went to the account of India’s oldest party, Congress, while the account of the Left Front was also not opened.

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Close contest between BJP and Trinamool Congress in West Bengal

Although West Bengal is the third-largest state in terms of seats, it has always been very important for all political parties. But this time its importance has increased much more due to the close fight between the two major political parties, i.e., the BJP and the Trinamool Congress. Prime Minister Narendra Modi has already held half a dozen election rallies before the first phase of voting. On the other hand, West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee is also not far behind. The BJP has set a target of winning at least 35 seats in Bengal. On the other hand, Trinamool Congress has also fielded 26 new faces in an effort to win maximum seats.

West Bengal

Big political analysts say that the BJP can get the benefit of the Citizen Amendment Act and the Sandeshkhali scandal. The BJP wants to attract the more than one crore Matuva population of Bengal to its fold through the Citizenship Amendment Act. Similarly, through Sandeshkhali cards, all the party leaders are promoting the status of women in the state. Matuva voters are decisive for at least five seats in Bengal.

Among them, Trinamool Congress leader Mahua Moitra also has a seat in Krishnanagar, but Mamata Banerjee and her party are continuously spreading the illusion that citizenship will be taken away as soon as they apply under the Citizenship Amendment Act. Mamta is also linking this law with the NRC. In such a situation, at present, it is difficult to tell who will get the electoral benefit or loss from this law. The teacher recruitment scam and ration scam done by the Trinamool Congress are also major issues for the BJP.

Women play a big role in elections

Many Trinamool Congress leaders, including Bengal Chief Minister Mamata Banerjee, are making false allegations about the political use of central agencies. Besides, they are also alleging that no money has been given under central schemes. Mamta and party leaders are heavily promoting many schemes launched by the state government, like Lakshmi Bhandar, Kanyashree, Yuvashree, and Sabuj Sathi, besides the old age and widow pension. Out of 7.5 crore voters in Bengal state, 3.59 crore women voters are included.

In the 2021 Bengal Assembly elections, these schemes brought about 55% of women’s votes to the Trinamool Congress. After that, the Lakshmi Bhandar Yojana was started. As a counter to the central schemes, the state government and Trinamool Congress have been successful in promoting their schemes on a large scale through their strong mechanisms. But the opposition parties kept making allegations of corruption in the benefits received under these schemes, which is true to some extent. But the party leaders, despite knowing all this, say that it will have no effect.

West Bengal

Sandeshkhali scandal and many scams tarnished the image of the party

The arrest of strong Trinamool Congress leaders in various scams in North 24-Parganas district has also increased the party’s concern. The minister handling the organization there, Jyotipriya Mallick, is in jail due to the ration scam. Parth Chatterjee, who is in charge of elections in Kolkata and Hooghly districts, is also in jail due to a teacher recruitment scam. The horrific incident of Sandeshkhali and the arrest of many party leaders, including shahjahan sheikh, accused in that case, have also become a headache for the Trinamool Congress. Sandeshkhali area is under Basirhat Lok Sabha constituency.

The party has not given ticket to actress Nusrat Jahan, who won from the same seat last time. Nusrat Jahan has been insulted a lot for ignoring the atrocities committed against women there during the Sandeshkhali incident. Similarly, powerful leader Anuvrat Mandal, who took responsibility for the party’s election campaign in Birbhum and surrounding districts, is also in Delhi’s Tihar Jail in the case of animal smuggling. Partha Chatterjee, who was a strong pillar of the party in the last elections, is in jail, while Shubhendu Adhikari has joined the BJP. Since joining the party, Subhendu Adhikari has provided a lot of strength to the BJP at the grassroots level.

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पश्चिम बंगाल: भाजपा और तृणमूल कांग्रेस की इज्जत का सवाल

पश्चिम बंगाल

लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की 42 सीटें राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी भाजपा के लिए नाक और साख का सवाल बन गई है| इन सीटों के लिए सात चरणों में मतदान होना है| इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों यानी कांग्रेस और वाम मोर्चा के साथ सीटों पर तालमेल के बजाय तृणमूल कांग्रेस बंगाल की तमाम सीटों पर अकेले ही लड़ रही है| कांग्रेस और वाम मोर्चा ने सीटों पर समझौता किया है, तो दूसरी ओर भारत की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा भी तमाम सीटों पर चुनाव लड़ रही है|

इन दोनों दावेदारों ने, यानी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा पर इस बार अपनी पुरानी सीटों को बचाने और उनकी संख्या बढ़ाने की काफी बड़ी चुनौती है| यही वजह है कि दोनों पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने बेहद आक्रामक चुनाव अभियान शुरू कर दिया है| बीते 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को 18 सीटें तो तृणमूल कांग्रेस को 22 सीटें मिली थीं| दो सीटें भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के खाते में गई थीं, जबकि वाम मोर्चा का खाता भी नहीं खुला था|

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पश्चिम बंगाल में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर

वैसे तो सीटों के लिहाज से पश्चिम बंगाल तीसरा सबसे बड़ा राज्य है, और यह तमाम राजनीतिक दलों के लिए हमेशा काफी अहम रहा है| पर इस बार दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों यानी भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच कांटे की लड़ाई के कारण इसकी अहमियत कहीं ज्यादा बढ़ गई है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले चरण के मतदान से पहले ही आधा दर्जन चुनावी रैलियां कर चुके हैं| तो वहीँ दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी पीछे नहीं हैं| भाजपा ने बंगाल में कम से कम 35 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है| तो वहीं दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस ने भी ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के प्रयास में मैदान में 26 नए चेहरे उतारें है|

पश्चिम बंगाल

बड़े राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा को नागरिक संशोधन कानून और संदेशखाली कांड का फायदा मिल सकता है| भाजपा नागरिकता संशोधन कानून के जरिए बंगाल की एक करोड़ से ऊपर की मतुवा आबादी को अपने पाले में खींचना चाहती है| इसी तरह संदेशखाली कार्ड के जरिए पार्टी के तमाम नेता राज्य में महिलाओं की स्थिति का प्रचार कर रहे हैं| बंगाल में कम से कम पांच सीटों पर मतुवा वोटर निर्णायक हैं|

इनमें तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोईत्रा की कृष्णानगर सीट भी है, पर ममता बनर्जी और उनकी पार्टी लगातार भ्रम फैला रही है कि नागरिकता संशोधन कानून के तहत आवेदन करते ही नागरिकता छीन ली जाएगी| ममता इस कानून को एनआरसी से भी जोड़ रही है| ऐसे में, फिलहाल इस कानून का चुनावी फायदा या नुकसान किसे होगा, यह बताना मुश्किल है| भाजपा के लिए तृणमूल कांग्रेस द्वारा किये गए शिक्षक भर्ती घोटाला और राशन घोटाला भी एक प्रमुख मुद्दा है|

चुनाव में महिलाओं की काफी बड़ी भूमिका

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत तृणमूल कांग्रेस के कई नेता केंद्रीय एजेंसियों के राजनीतिक इस्तेमाल का झूठा आरोप लगा रहे हैं| साथ ही, केंद्रीय योजनाओं के मद में कोई पैसा नहीं देने का भी आरोप भी लगा रहे हैं| ममता और पार्टी के नेता राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई लक्ष्मी भंडार, कन्याश्री, युवाश्री और सबुज साथी के अलावा बुजुर्ग और विधवा पेंशन जैसी कई योजनाओं का जमकर प्रचार कर रहे हैं| बंगाल राज्य के 7.5 करोड़ वोटरों में से 3.59 करोड़ महिलाएं वोटर शामिल हैं|

2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में इन योजनाओं ने महिलाओं के करीब 55% वोट तृणमूल कांग्रेस को दिलाया था| उसके बाद लक्ष्मी भंडार योजना शुरू की गई| केंद्रीय योजनाओं की काट के तौर पर राज्य सरकार व तृणमूल कांग्रेस अपने मजबूत तंत्र के जरिए अपनी योजनाओं का बड़े स्तर तक प्रचार करने में सफल रही हैं| लेकिन इन योजनाओं के तहत मिलने वाले लाभ में विपक्षी पार्टियां भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रहीं, जो कि कहीं हद तक सही है| लेकिन पार्टी के नेता ये सब जानते हुए भी कहते हैं कि इसका कोई असर नहीं होगा|

पश्चिम बंगाल

संदेशखाली कांड और कई घोटालों ने खराब की पार्टी की छवि

उत्तर 24-परगना जिले में विभिन्न घोटालों में तृणमूल कांग्रेस के मजबूत नेताओं की गिरफ्तारी ने भी पार्टी की चिंता बढ़ा दी है| वहां संगठन संभालने वाले मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक राशन घोटाले के कारण जेल में है| वहीं कोलकाता और हुगली जिलों में चुनावी जिम्मा संभालने वाले पार्थ चटर्जी भी शिक्षक भर्ती घोटाले के कारण जेल में है| संदेशखाली की भयावह घटना और उस मामले में दोषी शाहजहां शेख समेत पार्टी के कई नेताओं की गिरफ्तारी भी तृणमूल कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन गया है| संदेशखाली इलाका बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र के तहत है|

पार्टी ने इसी सीट से पिछली बार जीतने वाली अभिनेत्री नुसरत जहां को टिकट नहीं दिया है| संदेशखाली कांड के दौरान वहाँ की महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को नज़रअंदाज़ करने के कारण नुसरत जहाँ की काफी बेइज्जती हुई है| इसी तरह बीरभूम और आस पास के जिलों में पार्टी के चुनाव अभियान की जिम्मेदारी उठाने वाले बाहुबली नेता अणुव्रत मंडल भी पशु तस्करी के मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में है| पिछले चुनाव में पार्टी का मजबूत स्तंभ रहे पार्थ चटर्जी जेल में है, तो शुभेंदु अधिकारी भाजपा में शामिल हो चुके हैं| पार्टी में जाने के बाद शुभेंदु अधिकारी ने जमीनी स्तर पर भाजपा को काफी मजबूती प्रदान की है|

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Chief Minister Yogi Adityanath: Mafias will not get even soil now

Chief Minister Yogi Adityanath

Chief Minister Yogi Adityanath said that today you can see the plight of the dreaded mafia and criminals in Uttar Pradesh. Don’t let those whose heat we have calmed become hot again. Chief Minister Yogi said that those who harass innocent people will not get even a penny. The Chief Minister also appealed to forget personal differences.

The Chief Minister was addressing a public meeting organized in Rardhana village of Thakur Chaubisi of Muzaffarnagar Lok Sabha constituency on Wednesday. Chief Minister Yogi Adityanath said that there was such a dangerous mafia in the state that whenever he passed out, the convoy of the Chief Minister and the judge used to stop. His convoy used to leave earlier. We took him to the court. Yogi Adityanath appealed that on the day of voting, people have to go to the booth only as representatives of me and Modi ji.

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CM Yogi Adityanath appreciated the contribution of Kshatriya community

Reminding the Kshatriya community of the life of Maharana Pratap, Yogi Adityanath said that he accepted to eat bread made of grass but did not accept to bow before foreign forces. Chief Minister Yogi further said that when we talk about Maharana Pratap, we talk about India’s self-respect. The Chief Minister appealed that those who had done the work of auctioning the honor of sisters and daughters in this area should not be given a chance to be ruined. These people will come with their tails down, and after winning, they will put their hands in the ring.

Forget differences and think for the nation

On the alleged resentment of the Kshatriya community, he said that we should leave aside personal differences and think for the nation, religion, and nation only. Don’t fall prey to those who are misleading you. The traders of the caste will use them and will disappear after doing the deal. He said that this time it is the responsibility of Sanjeev Baliyan to win with double the number of votes he had won last time. Former Sardhana MLA Sangeet Som also addressed the public meeting.

Chief Minister Yogi Adityanath

Also reminded of Muzaffarnagar riots

Chief Minister Yogi Adityanath reminded the Muzaffarnagar riots and said that these are the same people who had thrown the area into riots by putting Sangeet Som and Sanjeev Balyan in jail. Yogi Adityanath appealed that there is no need to forgive those who have ruined the lives of the youth.

Can’t stop going to Ayodhya to vote

Chief Minister Yogi Adityanath said in Kathua that those who want to be angry should be so. I cannot stop going to Ayodhya for the vote bank. Earlier, people used to hesitate even to call themselves Hindu, but today they proudly call themselves Hindu. Earlier, people were afraid to take the name of Ayodhya. In 2017, when I became the Chief Minister of Uttar Pradesh, I went to Ayodhya. Surprised people asked me, What are you doing? Some people will get angry.

I said, If it happens, then let it happen. I cannot play with public trust. It is not possible for me not to go to Ayodhya for the vote bank. Prepare for the grand festival of lights in Ayodhya. If a good government is formed, then the arduous wait of 500 years also ends. When Yogi Adityanath mentioned the work of Prime Minister Narendra Modi’s central government, he criticized the opposition parties. CM Yogi Adityanath also wished the people of Jammu on the occasion of Vasantik Navratri.

Accidental Hindus also raised questions on Shri Ram and Shri Krishna

Chief Minister Yogi Adityanath said that Congress did not want to build a Ram temple. The Congress had said that Shri Ram and Shri Krishna did not exist. Accidental Hindus had also raised questions about Lord Ram and Lord Krishna, but today a grand temple of Lord Shri Ram has been built in Ayodhya. You come to Ayodhya, and you will feel as if you are actually witnessing Tretayuga. Baba Kashi Vishwanath’s dham has also been built in Kashi.

Chief Minister Yogi Adityanath

If wrong leadership is chosen, then the situation will be worse than pakistan

Yogi Adityanath said that under the leadership of Narendra Modi, very much work has been done on infrastructure in India. Railways, IITs, IIMs, and expressways are being built. The first sports university in the state is being built in this Lok Sabha constituency. Today, India is giving free rations to 80 crore people, while on the other hand, pakistan is begging the world with a bowl. Chief Minister Yogi Adityanath said that if the wrong leadership is chosen, then the situation will be worse than pakistan.

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