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ईरान-पाकिस्तान का नया याराना

ईरान

ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की तीन दिनों से पाकिस्तान दौरे और दोनों देश के बीच बातचीत के बाद संयुक्त वक्तव्य जारी होने का कदापि यह अर्थ नहीं की दोनों के बीच दोस्ती बहुत ज्यादा बढ़ गई है | दोनों के बीच रिश्तों में अभी भी ऐसे ही तनाव हैं, जिन्हें संयुक्त वक्तव्य से पहले सुलझाया नहीं गया |

वैसे दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर समन्वय है, जैसे मजहब, तहजीब, बिरादर मूल के नाम पर दोनों एक मंच पर नजर आते हैं, लेकिन बहुत से मुद्दों पर बुनियादी कसमकश है | पाकिस्तान में सुन्नी बहुमत है और ईरान में शिया | पाकिस्तान में सुन्नी कट्टरपंथ को बढ़ावा दिया जाता है, तो ईरान में शिया कट्टर पंथ को | पाकिस्तान मेंशियायों का दमन होता है और ईरान में सुनियो का | जहां तक राजनीतिक, कूटनीतिक संबंध का सवाल है, ये दोनों देशों के बीच पारस पर एक सम्मान सहमत नहीं है |

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पाकिस्तान के लिए ईरान के साथ-साथ सऊदी अरब भी जरूरी

गौर करने वाली बात यह है कि फिलहाल सऊदी अरब ईरान के आपस में एक समझौता कर रखा है, पर दोनों के बीच लगभग 1500 साल पुरानी है, यह अरब और अजम की लड़ाई है, और सिया और सुन्नी लड़ाई है, इस्लाम पर इसका दबदबा होगा, इसकी लड़ाई हैं | मात्र एक संधि कर लेने से लड़ाई नहीं सुलझी है |

यहाँ सऊदी अरब का जिक्र इसलिए जरूरी है, क्योंकि पाकिस्तान सऊदी अरब पर ज्यादा निर्भर रहे | पाकिस्तान की रिश्ते ईरान के साथ तभी खराब हुए, जब ईरान और सऊदी के बीच रिश्ते खराब हुए और तब पाकिस्तान शिकारगाह का बन गया | इस वजह से पाकिस्तान में शिया सुन्नी फसाद भी फैले |

ईरान

पर्शिया और पाकिस्तान ने एक दूसरे पर किया था हमला

जनवरी में ही ईरान और पाकिस्तान के बीच तनाव इस कदर बढ़ गया कि पर्शिया ने पाकिस्तान पर मिसाइल दागे और पाकिस्तान ने भी मिसाइल से जवाब दिया | पाकिस्तान से दहश्तगर्द ईरान जाकर हमले करते हैं और ईरानी सुरक्षा बल ने कई बार पाकिस्तान सीमा में अंदर जाकर दहशतगर्दों का मुकाबला किया है |

हालांकि, ऐसे मामले को पहले दबाया दिया जाता था, पर इस बार जनवरी में जो हुआ, वह प्रत्यक्ष तौर पर हुआ, दोनों ने एक दूसरे के ऊपर मिसाइल दागे | दोनों मुल्कों ने महसूस किया कि आपस में जो तनाव है, उसमें इजाफा नहीं करना चाहिए, पहले से ही दोनों मुल्कों के समक्ष संघर्ष के अनेक मुद्दे हैं |

दोनों देशों के बीच ताजा बातचीत व संयुक्त वक्तव्य तनाव कम करने की कोशिश है, मगर इसका अर्थ यह नहीं की दोनों के बीच प्रगाढ़ दोस्ती हो जाएगी जैसा कि बताने की कोशिश हो रही है | दोनों देशों ने यह बात की है कि हमें परस्पर व्यापार बढ़ाना चाहिए, तय किया गया कि अगले 5 साल में परस्पर व्यापार को 10 अरब डालर तक ले जाएंगे, पर ऐसा कैसे होगा?

दोनों मुल्क एक दूसरे को क्या बेचेंगे, क्या खरीदेंगे? इसका जवाब नहीं दिया गया | पर्शिया पर अमेरिकी प्रतिबंध भी लगे हैं, तब पाकिस्तान अपने साथ अपने व्यापार को कितना बढ़ा सकता है? दोनों देशों के बीच एक मुद्दा गैस पाइपलाइन का है | गैस पाइपलाइन परियोजना में पहले भारत भी था, पर इसमें अकल मंदी की ओर समझौते से अलग हो गया | अब वह सिर्फ पाकिस्तान पर्शिया के बीच का पाइपलाइन है | समस्या यह है कि पाकिस्तान केपास पैसे नहीं है|

ईरान

दुनिया में कोई भी पाकिस्तान को पैसे नहीं देगा, क्योंकि ईरान पर प्रतिबंध है | एक आशंका यह भी रहेगी, मान लीजिए, पर्शिया में संबंध बढ़ाने पर पाकिस्तान पर भी प्रतिबंध लग जाए, तो क्या पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था नुकसान झेल पाएगी? अब पाकिस्तान इसी कोशिश में है कि ईरान के साथ भी संबंध बढ़ाये और अमेरिका को भी भरमा रक्खे उसे लगता है कि बीच का कोई रास्ता निकल आएगा | फिलिस्तीन के मुद्दे पर भी पाकिस्तान ने काफी कड़ी मुद्रा अख्तियार कर रखी है |

जबकि अरब के ज्यादातर मुल्क इतने मुखर नहीं है, पाकिस्तान ने अगर फिलिस्तीन के मामले में पर्शिया की तरफ सीधे हस्तक्षेप किया, तो समस्या हो जाएगी |

इसके बाद आतंकवाद का विषय आता है | संयुक्त वक्तव्या में कहा गया कि दोनों देश आतंकी गुटों पर प्रतिबद्ध लगाएंगे | बोलने के लिए या आसान है, पर यहां सवाल लिया है कि अगर आप किसी गिरोह को आतंकी मानते हैं? पाकिस्तान मांगता है कि बहुत सारे बलोच स्वतंत्रता सेनानी है, उन्होंने ईरान में शरण ले रखी है |

क्या पर्शिया इस पर प्रतिबंध लगाएगा? आगामी दिनों में ईरान शायद इसकी लगाम कुछ कसेगा, पर देश से पूरी तरह खदेड़गा नहीं, क्योंकि ईरान अभी भी पूरी तरह से पाकिस्तान पर यकीन नहीं करता है | ठीक यही बात है कि पाकिस्तान के साथ है | ईरान मांनता है उसके यहां बहुत सारी दहशतगर्द तंजीमे हैं, जो पाकिस्तान से संचालित हैं, उन्हें पाकिस्तान सरकार की सह हांसिल है इन तंजीमो को इसराइल और अमेरिका से भी मदद मिल रही है|

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लोकसभा चुनाव 2024: कर्नाटक, केरल में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर

कर्नाटक

पहले चरण में तमिलनाडु में मतदान संपन्न होने के साथ ही अब ध्यान पड़ोसी राज्य केरल और कर्नाटक पर केंद्रित हो गया है| इन दोनों कर्नाटक और केरल राज्यों में 26 अप्रैल को मतदान होने जा रहा है| केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर चुनाव होंगे, जबकि कर्नाटक की आधी यानी 14 सीटों पर दूसरे चरण के का मतदान होगा, बाकी 14 सीटों पर तीसरे चरण में वोट पड़ेंगे|

इन दोनों कर्नाटक और केरल राज्यों की चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए दो वजह से खास हैं एक वामशासित केरल में सेंध लगाने के अपने लंबे समय से पोषित सपने को साकार करना और दूसरा कर्नाटक को फिर से हासिल करना, जहां उसने 2019 में 28 लोकसभा सीटों में से 25 हासिल की थी भाजपा के अपने दम पर 370 और गठबंधन के सहयोगियों के साथ 400 से ज्यादा सीटे जीतने के दावे साकार करने के लिए विशेष रूप से कर्नाटक में उनका जितना जरूरी है|

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कर्नाटक और केरल को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाएंगे – पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा का चुनाव अभियान मतदाताओं से इस वादे के साथ एक सीधी अपील है कि वह दोनों कर्नाटक और केरल राज्यों को भ्रष्ट राजनेताओं से छुटकारा दिलाएंगे और राज्य को चमकदार ‘न्यू इंडिया’ में ले जाएंगे | दूसरी ओर, विपक्ष लोकतंत्र संविधान और उसके संघीय ढांचे की रक्षा के अधिक बुनियादी मुद्दों पर भरोसा कर रहा है |

उसकी यह भी शिकायत है कि केंद्रीय धन के हस्तांतरण में उनके साथ अनुचित व्यवहार किया जाता है| चूंकि दोनों राज्य अत्यधिक साक्षर हैं इसलिए प्रधानमंत्री वहां के अपने सार्वजनिक संबोधनों में अधिक उदार है, जो पिनराईविजायन या सिद्दरमैया जैसे मुख्यमंत्री पर सियासी हमले की बात आती है, तब प्रधानमंत्री पीछे नहीं रहते हैं|

केरल में मिजाज थोड़ा अलग, इस बार यूडीएफ बनाम सीपीएम

साल 2019 की तुलना में 2024 में केरल की कहानी थोड़ी अलग है, क्योंकि कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ और सीपीएम के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा ज्यादातर सीटों पर आमने-सामने है| एनडीए का नेतृत्व करने वाली भाजपा कम से कम कुछ चुनिंदा निर्वाचन क्षेत्र के मुकाबले को त्रिकोणी बनाने की इच्छुक है| यूडीएफ और एलडीएफ 2019 में पार्टी कार्यकर्ताओं के स्तर पर एक दूसरे के प्रतिनिधि थे इसलिए 2024 में वाम मोर्चे के शीर्ष नेता पिनराईविजायन और राहुल गांधी एक दूसरे के खिलाफ मैदान में कूद पड़े हैं|

यह बदलाव मुख्य रूप से वायनाड में राहुल गांधी के खिलाफ सीपीआई की प्रमुख नेता एनिराजा को मैदान में उतरने के वाम मोर्चे के फैसले के कारण है| केरल में वामपंथी राहुल गांधी का आरोप लगाते रहे हैं कि वह भाजपा से डरे हुए हैं और इसीलिए अपेक्षाकृत सुरक्षित केरल में छिपने की कोशिश कर रहे हैं| वाम नेताओं का प्रचार अभियान तब और अधिक तलक हो रहा हो गया जब पिनाराई ने राहुल गांधी को परोक्ष रूप से ‘अमूल बेबी’ कहना शुरू कर दिया|

कर्नाटक

राहुल गांधी ने लगाया पिनाराई विजयन पर आरोप

राहुल अभी तक पिनाराई के खिलाफ सीधे हमले से बचते रहे, पर इस बार उन्होंने आरोप लगा दिया कि भ्रष्टाचार की शिकायत के बावजूद नरेंद्र मोदी ने पिनाराई के खिलाफ ईडी को केरल नहीं भेजा है | जैसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ भेजा है| पिनाराई ने भी इस पर पलटवार करते हुए कहां है कि राजनीतिक कैद उनके लिए नई बात नहीं है, यहां तक कि उनकी दादी इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान उन्हें जेल में डाल दिया था|

प्रधानमंत्री मोदी ने भी जले पर नमक छिड़कते हुए कहा है कि कांग्रेस के उत्तराधिकारी जल्द ही वायनाड से भी भाग खड़े होंगे, जैसे उन्होंने अमेठी से किया था| उन्होंने आश्चर्य जताया कि कोई भी ‘इंडिया ब्लॉक’ के उन घटकों को चुनने के बारे में कैसे सोच सकता है, जो जनता के बीच ही इतने खुले तौर पर लड़ रहे हैं|

बहरहाल, कांग्रेस और वामपंथियो के बीच खींचतान को समझा जा सकता है| वाम मोर्चा विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अपने विजय अभियान को जारी रखना चाहता है, जबकि कांग्रेस साल साल 2019 के प्रदर्शन को दोहराना चाहती है| कांग्रेस ने 2019 में केरल की बीस में से 19 लोकसभा सीटों जीती थी | हालांकि कांग्रेस और वाम मोर्चा में से कोई नहीं चाहता कि केरल में भाजपा के पांव जमें | देखना है कि उनकी यह रणनीति सफल होती या नहीं | केरल में भाजपा की रणनीति तिरुवंतपुरम और त्रिशूर जैसी कुछ सीटों पर केंद्रित है, जहां उसे उम्मीद है| उसने केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को कांग्रेस प्रत्याशी को कांग्रेस के सुरेंद्र के खिलाफ मैदान में उतारा है|

लिंगायत कट्टर बीजेपी समर्थक, वहीँ मुसलमान कांग्रेस के साथ

जहां तक कर्नाटक की बात है, तो भाजपा यहां 2019 के अपने प्रदर्शन को दोहराना चाहती है, लेकिन बीते विधानसभा चुनाव में उसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा है| वैसे, यदुरप्पा का पुनर्वास कर दिया गया है और उनके बेटे को राज्य भाजपा का प्रमुख नियुक्त किया गया है और साथ ही पार्टी ने जद (एस ) के साथ गठबन्धन भी किया है|

दूसरी ओर, कर्नाटक में कुछ बातें ऐसी भी हैं, जो सत्तरुण कांग्रेस के पक्ष में नजर आ रही हैं| एक, मुसलमानो ने जो आबादी का 15% हिस्सा है, धर्मनिरपेक्ष दल को वोट देने का मन बनाया है| एकमत के अनुसार, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिले कुल वोटो में से लगभग 30 प्रतिशत वोट मुसलमान के थे| दूसरी अहम बात, बड़े पैमाने पर राज्य के दलित भी, जो 18% हैं, कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं|

कर्नाटक

लिंगायत प्रमुख रूप से कट्टर बीजेपी समर्थक रहे हैं| मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने इस समुदाय को आकर्षित करने के लिए प्रयास किए हैं| एक अन्य प्रमुख जाति वोक्कालिगा का समर्थन कर रही है, जो उनके सबसे बड़े नेता हैं| मगर उपमुख्यमंत्री डीके शिवाकुमार भी वोक्कालिगा नेता हैं, देवेगौड़ा के पोते प्रज्ज्वल रेवन्ना हराने के लिए मैसूर में जोरदार प्रचार कर रहे हैं|

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Karnataka & Kerala: Close contest between BJP and Congress in these two states

Kerala

With the completion of the first phase of voting in Tamil Nadu, the focus has now shifted to neighboring states Kerala and Karnataka. Voting is going to be held in these two states on April 26th. Elections will be held on all 20 Lok Sabha seats in Kerala, while in Karnataka, half, i.e., 14 seats will be voted in the second phase, and the remaining 14 seats will be voted in the third phase.

The elections in these two states are special for the Bharatiya Janata Party for two reasons: one is to realize its long-cherished dream of making a dream come true and the second one is to regain Karnataka, where it had won 25 out of 28 Lok Sabha seats in 2019. It is necessary for them to realize the BJP’s claims of winning 370 seats on its own and more than 400 seats with its alliance partners.

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Will free Karnataka and Kerala from corruption – PM Modi

The BJP’s election campaign under the leadership of Prime Minister Narendra Modi is a direct appeal to the voters with the promise that he will free both the states of corrupt politicians and take the state to a shining ‘New India’. On the other hand, the opposition is relying on more fundamental issues of protecting the democratic constitution and its federal structure.

He also complains that the Central Government treats them unfairly during money transfer. Since both states are highly literate, the Prime Minister is more liberal in his public addresses there, which does not lag behind when it comes to political attacks on Chief Ministers like Pinarayi Vijayan or Siddaramaiah.

The mood is a little different in Kerala, this time UDF vs CPM

The story of Kerala in 2024 is a bit different as compared to the year 2019, as Congress led UDF and CPM led Left Front are face to-toe on most of the seats. The BJP leading the NDANDA, keen to make the contest triangular in at least a few select constituencies. UDF and LDF had each other’s representatives at the party workers’ level in 2019, hence in 2024, top Left Front leaders Pinarayi Vijayan and Rahul Gandhi are pitted against each other.

This change is mainly due to the Left Front’s decision to field prominent CPI leader Aniraja against Rahul Gandhi in Wayanad. Leftists in Kerala have been accusing Rahul Gandhi that he is scared of BJP the BJP hence is trying to hide in relatively safe Kerala. The Left leaders’ campaign became more heated when Pinarayi started indirectly calling Rahul Gandhi ‘Amul Baby’.

Kerala

Rahul Gandhi accused Pinarayi Vijayan

Till now, Rahul has avoided direct attacksk against Pinarayi, but this time he alleged that despite the complaint of corruption, Narendra Modi has not sent ED against Pinarayi to Keralite has been sent against Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal and Jharkhand Chief Minister Hemant Soren. Pinarayi also hit back saying that political imprisonment is not new to him, even his grandmother Indira Gandhi, put him in jail during the Emergency.

Prime Minister Modi has also added insult to injury by saying that Congress’ successors will soon run away from Wayanad too, like they did from Amethi. He wondered how anyone could think of electing those constituents of the ‘India Bloc’ who were fighting so openly among the public.

However, the tussle between Congress and the Left is understandable. The Left Front wants to continue its victory campaign after winning the assembly elections, while the Congress wants to repeat the performance of 2019. Congress had won 19 out of twenty Lok Sabha seats in Kerala in 2019. However, neither the Congress nor the Left Front wants want BJP to gain a foothold in Kerala.

It remains to be seen whether his strategy is successful or not. BJP’s strategy in Kerala is focused on a few seats seats, Thiruvananthapuram and Thrissur, where it has hope. It has fielded Congress candidate Union Minister Rajiv Chandrashekhar against Congress’s Surendra.

Lingayats are staunch BJP supporters, while Muslims are with Congress

As far as Karnataka is concerned, BJP wants to repeat its 2019 performance here, but it had to face a big defeat in the last assembly elections. However, Yadurappa has been rehabilitated and ,son has been appointed the state BJP chief and the party has also entered into an alliance with JD(S).

On the other hand, there are some things in Karnataka which seem to be in favor of the ruling Congress. One, Mus who constitute 15% of the population, have decided to vote for secular parties. According to unanimous opinion, out of the total votes received by Congress in the assembly elections, about 30 percent votes were of Muslims. Secondly, the Dalits of the state, who constitute 18%, are also supporting the Congress on a large scale.

Kerala

Lingayats have mainly been staunch BJP supporters. Chief Minister Siddaramaiah has made efforts to attract this community. Another major caste is supporting Vokkaliga, who is their eldest leader. But Deputy Chief Minister DK Shivakumar is also a Vokkaliga leader, Deve Gowda’s grandson Prajjwal is campaigning vigorously in Mysore to defeat Revanna.

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PM Modi in Rajasthan: Congress will divide the country’s wealth among infiltrators

Rajasthan

Prime Minister Narendra Modi held election rallies in Banswara and Jalore, Rajasthan, on Sunday. During this, he took a dig at the Congress and said that the Congress manifesto says that if their government is formed, then everyone’s property will be surveyed. How much gold our mothers and sisters have will be investigated. They say that after calculation, all the property will be distributed equally among the people. This thinking of urban Naxalites will not allow them to sell even the Mangal Sutras of their mothers and sisters.

Prime Minister Modi said during a public meeting in Banswara, Rajasthan, that Congress will divide the country’s wealth among infiltrators and that the condition of Congress, surrounded by selfishness and opportunism, has become such that for the first time it will happen that the royal family of Congress will not vote for Congress itself. The party is not contesting elections in Delhi, where the royal family lives.

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Further, Prime Minister Modi said in Rajasthan that now India does not want the situation before 2014. Today, it is necessary to have a stable and strong government that can protect the borders. In Jalore, Prime Minister Modi said that half of Rajasthan has taught the Congress a lesson in the first round of voting.

Resolve to take the country and Rajasthan to new heights

Prime Minister Narendra Modi said that now we have to take the development of Rajasthan and the development of the country to new heights. With this resolve, I set out to study. India has to become the third largest economic superpower in the world. We have to develop India and Rajasthan. He said that he is committed to removing every obstacle that comes in the way of development.

Rajasthan

Chief Minister Yogi said that there is collusion between Congress and Naxalites

Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath took charge of the campaign for three Lok Sabha seats in Chhattisgarh on Sunday. He also took a jibe at former Chhattisgarh Chief Minister Bhupesh Baghel. He said that the Baghel government had stopped the construction of houses for 18 lakh poor people, which will now be built for them. Congress can neither provide security nor good governance. Congress put guns in the hands of children and forced them to fight.

Chief Minister Yogi alleged that Congress’s collusion with naxalism is not hidden from anyone. During this time, the people of Chhattisgarh warmly welcomed Chief Minister Yogi Adityanath. The rally in Chhattisgarh echoed with the slogans ‘Jai Bulldozer Baba’ and ‘Yogi-Yogi’. On the one hand, Yogi Adityanath described Chhattisgarh as the maternal birthplace of Prabhu Shri Ramchandra Ji Maharaj and discussed spiritual relations with Uttar Pradesh; on the other hand, Chief Minister Yogi also attacked Congress fiercely.

Congress had given permission for love jihad during its rule

Chief Minister Yogi Adityanath appealed for heavy voting in favor of BJP candidate Santosh Pandey from Rajnandgaon Lok Sabha seat, Saroj Pandey in Korba, and party candidate Tokhan Sahu in Bilaspur. Congress scams and naxalism were the targets of Chief Minister Yogi. Yogi Adityanath said that Congress is another name for scams, terrorism, and naxalism. At the age when the youth should have books and tablets in their hands and should have the passion to take the world forward, Congress has put guns in the hands of the children of that age and incited them to fight against India in the name of naxalism and terrorism.

During the Congress rule, incidents of love jihad were given exemption here. No one has yet forgotten the incident that happened with common citizen Bhuneshwar Sahu. I congratulate the people of Chhattisgarh that by making their father Ishwar Sahu an MLA, they have made the memories of Bhuvneshwar ji alive. Bhuvaneshwar ji had sacrificed his life while opposing Love Jihad and the appeasement policy of Congress. Chief Minister Yogi said that former Chief Minister Bhupesh Baghel is already accused of scams involving liquor, coal, and the Mahadev App, yet that person is daring to contest the elections with a bang.

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राजस्थान में पीएम मोदी: कांग्रेस देश की संपत्ति को घुसपैठियों में बांट देगी

राजस्थान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राजस्थान के बांसवाड़ा और जालौर में चुनावी जनसभाएं की| इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा की कांग्रेस का घोषणापत्र कह रहा है कि यदि उनकी सरकार बनी तो हर एक की संपत्ति का सर्वे किया जाएगा| हमारी माताओं-बहनों के पास सोना कितना है उसकी जांच की जाएगी| वे कहते हैं कि हिसाब लगाने के बाद सारी संपत्ति समान रूप से लोगों में बांट दी जाएगी| ये अर्बन नक्सलियों की सोच, माताओं-बहनों का मंगलसूत्र भी बेचने नहीं देगी|

प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में जानसभा के दौरान कहा कि स्वार्थ और अवसरवादिता में घिरी कांग्रेस की हालत ऐसी हो गई है की पहली बार ऐसा होगा कि कांग्रेस का शाही परिवार कांग्रेस को ही वोट नहीं देगा| दिल्ली में जहाँ उनका शाही परिवार रहता है, वहाँ पार्टी चुनावी ही नहीं लड़ रही है|

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आगे प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब भारत 2014 से पहले के हालात नहीं चाहता| आज ऐसी स्थिर और मजबूत सरकार जरूरी है, जो सरहदों की रक्षा कर सके| जालौर में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले दौर के मतदान में आधे राजस्थान ने कांग्रेस को बराबर सबक सिखाया है|

देश को और राजस्थान को नई बुलंदियों पर पहुंचने का संकल्प

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी हमें राजस्थान के विकास को, देश के विकास को नई बुलंदियों तक पहुंचाना है| यह संकल्प लेकर मैं चल पढ़ा हूं| भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनना है| हमें विकसित भारत और विकसित राजस्थान बनाना है| उन्होंने कहा कि वे राजस्थान और भारत के विकास की राह में आने वाली हर अड़चन को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं|

राजस्थान

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कांग्रेस और नक्सलियों में मिलीभगत

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को छत्तीसगढ़ में तीन लोकसभा सीटों पर प्रचार अभियान की कमान संभाली| उन्होंने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भी जमकर तंज कसा| उन्होंने कहा कि बघेल सरकार ने 18 लाख गरीबों के मकान बनने रोक दिए थे जो अब उन्हें बनकर मिलेंगे| कांग्रेस न सुरक्षा दे सकती है और न ही सुशासन| कांग्रेस ने बच्चों के हाथ में तमंचे पकड़ा दिए और उन्हें लड़ने के लिए मजबूर कर दिया|

मुख्यमंत्री योगी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की नक्सलवाद से मिलीभगत किसी से छिपी नहीं है| इस दौरान छत्तीसगढ़ की जनता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जोरदार स्वागत किया| ‘बुलडोजर बाबा की जय हो’ और ‘योगी-योगी’ के नारों से छत्तीसगढ़ की रैली गूँज उठी| योगी आदित्यनाथ ने एक तरफ जहां छत्तीसगढ़ को प्रभु श्री रामचंद्र जी महाराज का ननिहाल बताते हुए उत्तर प्रदेश के साथ आध्यात्मिक संबंधों की चर्चा की तो वहीं कांग्रेस पर भी मुख्यमंत्री योगी ने जमकर हमले बोले|

कांग्रेस ने अपने राज में लव जिहाद की छूट दी थी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजनांदगांव लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार संतोष पांडे, कोरबा में सरोज पांडे और बिलासपुर में पार्टी के उम्मीदवार तोखन साहू के पक्ष में भारी मतदान की अपील की| मुख्यमंत्री योगी के निशाने पर कांग्रेस के घोटाले और नक्सलवाद रहे| योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस घोटाले, आतंकवाद, नक्सलवाद का दूसरा नाम है| जिस आयु में युवाओं के हाथों में पुस्तक, टैबलेट होना चाहिए, दुनिया को आगे बढ़ाने का जज्बा होना चाहिए, कांग्रेस ने उस आयु के बच्चों के हाथों में तमंचे पकड़ा दिए| उन्हें भारत के खिलाफ ही लड़ने के लिए नक्सलवाद, आतंकवाद के नाम पर उकसाया|

राजस्थान

कांग्रेस शासन के समय यहाँ लव जिहाद की घटनाओं को छूट दे दी गई थी| सामान्य नागरिक भुनेश्वर साहू के साथ हुई घटना को अभी तक कोई भूला नहीं है| छत्तीसगढ़ की जनता का अभिवादन करता हूं की उनके पिता ईश्वर साहू को विधायक बनाकर भुवनेश्वर जी की स्मृतियों को जीवंत बनाने का कार्य किया है| भुवनेश्वर जी ने लव जिहाद और कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति का विरोध करते हुए अपना बलिदान दे दिया था| मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ऊपर पहले से ही शराब, कोयला, महादेव ऐप के घोटालों का आरोप है, फिर भी वह व्यक्ति ठसक के साथ चुनाव लड़ने का दुस्साहस कर रहा है|

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Election and Voting festival begins in world’s largest democracy

Voting

Voting has started on Friday in eight seats in Uttar Pradesh in the first phase of Lok Sabha elections 2024, and with this, the grandeur of elections has also started in our country, India, the world’s largest democracy. All necessary preparations for voting have been completed. In the first phase, voting is to be held on 21 state seats, including eight in UP and 102 parliamentary seats in Union Territories.

Prominent candidates in this phase include Union ministers Nitin Gadkari, Sarbananda Sonowal, and Upendra Yadav, Congress’s Gaurav Gogoi, and DMK’s Kanimozhi. In Uttar Pradesh, the reputations of the BJP’s Sanjeev Balyan, Pradeep Kumar, and Cabinet Minister Jatin Prasad are at stake.

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The Chief Electoral Officer of Uttar Pradesh, Navdeep Ridwa, gave information about the preparations for voting last Thursday. He said that voting will start at 7:00 am and continue until 6:00 pm. In the first phase, maximum voters are in Moradabad and least in Nagina reserved seat. 80 candidates are in the fray for 8 seats. A maximum of 15 candidates are on the Kairana seat, and at least 5 candidates are on the Nagina reserved seat.

Voters will vote in pleasant weather

During the first phase of voting in Uttar Pradesh, voters will not be troubled by the scorching sun and heat. In the areas where voting is to be held, the weather will be good, with light rain and a cloudy and cool breeze. Atul Kumar Singh, scientist of the Zonal Meteorological Center, said that except for Pilibhit and Rampur, it will be cloudy in the Saharanpur, Shamli, Meerut, Muzaffarnagar, and Moradabad areas on Friday. There are chances of light rain or a shower, along with thunder. Strong winds can also blow during this period.

In this phase, 8 general observers, 5 police observers, and 10 expenditure observers have been deployed to keep an eye on the voting. Apart from these, 1772 sector magistrates, 150 zonal magistrates, and 103 static magistrates have been deployed. Any complaint related to voting can be lodged at the toll-free number 18001801950.

Voting

Employees of factories working day and night will also get the opportunity to vote in the by-elections of Lok Sabha and Assembly constituencies to be held in Uttar Pradesh. For this, they will get leave on the day of voting. In return, they will not be asked to work on the next weekly holiday. There is an order to provide suitable opportunities to all the employees working in factories running day and night and to declare the voting day a public holiday in other factories. In this regard, necessary guidelines have been issued by Principal Secretary Labor Anil Kumar to all district magistrates and district election officers.

Chief Minister Yogi Adityanath said not to worry about sunlight for voting

Chief Minister Yogi Adityanath reached Jhanjhar village in Secunderabad area in Bulandshahr on Thursday afternoon in his first public meeting. While addressing in support of BJP candidate Dr. Mahesh Sharma from Gautam Buddha Nagar Lok Sabha seat, he tried to woo youth, farmers, women and businessmen. He said that there was an atmosphere of insecurity, terrorism and fear during the rule of Congress, SP and BSP.

The district with the most improved economy in developed India will be Gautam Buddha Nagar. Asia’s largest airport is being built in Jewar. He said that Lord Shri Ram’s Surya Tilak has been done in Ayodhya. Could the people of Congress, SP, and the BSP have done this? The Chief Minister said that one should not worry about heat, sun and heat. Vote 50% in the first 3 hours.

The second public meeting of the Chief Minister was held at Sisauli PRD ground of Kithore assembly constituency of Meerut-Lok Sabha. Here he said that those who want family first may be talking about Congress, BSP, and SP, but those who want nation first are with BJP.

Now the poor get free ration

In Sisauli, the Chief Minister asked the people whether the people of Congress, SP and BSP could have done the foundation stone laying, consecration and Surya Abhishek of Ram temple that you saw. After 500 years in Ayodhya, Suryavanshi Lord Shri Ram was given tilak by the Sun God with rays. He said that those who saw the Surya Abhishek of Ramlala, only one thing was coming out of their mouth: ‘We will bring back those who have brought Ram.’

In a public meeting in Pilkhua, Hapur, in support of BJP candidate and MLA Ghaziabad Atulgarg from the Ghaziabad Lok Sabha seat, Chief Minister Yogi Adityanath said that if India is to be developed, Uttar Pradesh is necessary. Yogi said that India is giving free ration to 80 crore people. Before 2014, there were reports of deaths due to hunger here too.

Voting

‘To hoist tricolor on PoK, 400 marks should be crossed’

Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya fiercely attacked the SP and Congress. He said that these parties do dynasty politics. He appealed to hoist the tricolor on PoK and take the BJP beyond 400 for the interests of farmers and women in the One Nation, One Election. He said that the country has to be made Congress free and the state made SP, BSP free. He was addressing a public meeting in Bahjoi on Thursday. At the same time, in the Gandhi Bhawan complex in Hardoi, the Deputy CM said that the party’s target is to empower 3 crore women. One crore Nari Shakti Bandhans have been made; the target is to make 2 crore more.

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लोकसभा चुनाव 2024: दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का महोत्सव शुरू

चुनाव

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर शुक्रवार को मतदान शुरू हो चुका है और इसी के साथ ही विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र, हमारे भारत में चुनावी महाकुंभ का शंखनाध भी हो चुका है| मतदान की सभी जरूरी तैयारीयां पूरी कर ली गई हैं| पहले चरण में यूपी की आठ समेत 21 राज्यों की सीटों और केंद्रशासित प्रदेशों की 102 संसदीय सीटों पर मतदान होना है|

पहले चरण में अरुणाचल प्रदेश (60 सीटें) और सिक्किम (32 सीटें) में विधानसभा चुनाव भी होंगे| इस चरण के प्रमुख उम्मीदवारों में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, सर्बानंद सोनोवाल और उपेंद्र यादव, कांग्रेस के गौरव गोगोई, और द्रमुक की कनिमोली शामिल हैं| वही उत्तर प्रदेश में भाजपा के संजीव बालियान, प्रदीप कुमार व कैबिनेट मंत्री जतिन प्रसाद की प्रतिष्ठा दाओं पर है|

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उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिड़वा ने बीते गुरुवार को प्रसवर्ता में मतदान की तैयारीयों संबंधी जानकारी दी| उन्होंने बताया कि के चुनावी मतदान सुबह 7:00 बजे शुरू होगा और शाम 6:00 बजे तक चलेगा| पहले चरण में सबसे अधिक वोटर मुरादाबाद व सबसे कम नगीना सुरक्षित सीट पर है| 8 सीटों पर 80 प्रत्याशी मैदान में है| सबसे अधिक 15 उम्मीदवार कैराना सीट पर और सबसे कम 5 उम्मीदवार नगीना सुरक्षित सीट पर है|

खुशनुमा मौसम में चुनावी मतदाता करेंगे वोट

उत्तर प्रदेश में पहले चरण के चुनाव के दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का महोत्सव शुरूमतदान के दौरान वोटरों को तेज धूप, तपिश और लू नहीं सताएगी| जिन इलाकों में मतदान होना है, वहां हल्की बारिश, बदली और ठंडी हवा से मौसम अच्छा रहेगा| आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि शुक्रवार को पीलीभीत व रामपुर को छोड़कर सहारनपुर, शामली, मेरठ, मुजफ्फरनगर और मुरादाबाद इलाकों में बादल छाए रहेंगे| गरज-चमक के साथ हल्की बारिश होने या बौछार पड़ने के आसार हैं| इस दरमियान तेज हवा भी चल सकती है|

इस चरण के चुनावी मतदान पर नजर रखने के 8 सामान्य प्रेक्षक, 5 पुलिस प्रेक्षक, 10 व्यय प्रेक्षक तैनात किए गए हैं| इनके अलावा 1772 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 150 जोनल और 103 स्टैटिक मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं| मतदान से संबंधित कोई भी शिकायत टोल फ्री नंबर 18001801950 पर दर्ज करवाई जा सकती है|

उत्तर प्रदेश में होने वाले लोकसभा तथा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के उपचुनाव में दिन-रात चलने वाले कारखानों के कार्मिकों को भी मतदान का अवसर मिलेगा| इसके लिए उन्हें मतदान वाले दिन अवकाश मिलेगा| बदले में अगले साप्ताहिक अवकाश के दिन उनसे कार्य नहीं लिया जाएगा| दिन-रात चलने वाले कारखानों में कार्यरत समस्त कर्मचारियों को उपयुक्त अवसर प्रदान करने तथा अन्य कारखानों में मतदान के दिवस को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का आदेश है| इस संबंध में प्रमुख सचिव श्रम अनिल कुमार की ओर से समस्त जिलाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये जा चुके हैं|

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मतदान के लिए धूप की परवाह न करें

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी पहली जनसभा में गुरुवार दोपहर बाद बुलंदशहर में सिकंदराबाद क्षेत्र के गांव झांझर पहुंचे| गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर महेश शर्मा के समर्थन में संबोधन के दौरान उन्होंने युवा, किसान, महिला, व्यापारी सभी को साधने का प्रयास किय| उन्होंने कहा कि कांग्रेस, सपा, बसपा के राज में असुरक्षा, आतंकवाद और भय का माहौल था| विकसित भारत में सबसे सुद्रण अर्थव्यवस्था वाला जिला गौतमबुद्धनगर होगा| एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट जेवर में बन रहा है| उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्री राम का सूर्य तिलक हुआ है| कांग्रेस, सपा, बसपा के लोग यह कर पाते क्या| मुख्यमंत्री ने कहा की गर्मी, धुप, लू परवाह न करें| पहले 3 घंटे में 50% मतदान कर दें|

मुख्यमंत्री की दूसरी जनसभा मेरठ-लोकसभा के किठौर विधानसभा क्षेत्र के सिसौली पीआरडी मैदान में हुई| यहां उन्होंने कहा कि जिन लोगों को फैमिली फर्स्ट चाहिए वह कांग्रेस, बसपा, सपा की बात कर रहे होंगे, पर जिन्हे नेशन फर्स्ट चाहिए वे भाजपा के साथ हैं|

अब गरीबों को राशन फ्री मिलता है

सिसौली में मुख्यमंत्री ने लोगों से पूछा कि राम मंदिर के शिलान्यास, प्राण प्रतिष्ठा और सूर्याभिषेक जो आपने देखा क्या वह कांग्रेस, सपा, बसपा के लोग कर पाते| अयोध्या में 500 साल बाद सूर्यवंशी भगवान श्रीराम को सूर्य भगवान ने किरणों से तिलक किया| उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने रामलला का सूर्याभिषेक देखा, तो उनके मुंह से सिर्फ एक बात ही निकल रही है- ‘जो राम को लाये हैं हम उनको लाएंगे|’

हापुड़ के पिलखुआ में गाजियाबाद क्षेत्र लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी एवं विधायक गाजियाबाद अतुलगर्ग के समर्थन में जनसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत को विकसित बनाना है तो उत्तर प्रदेश जरूरी है| योगी ने कहा कि भारत 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रहा है| 2014 से पहले यहाँ भी भूख से मौत की खबरें आती थी|

चुनाव

पीओके पर तिरंगा फहराने को चाहिए 400 पार

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सपा और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला| उन्होंने कहा कि यह पार्टियां वंश की राजनीति करती है| उन्होंने पीओके पर तिरंगा फहराने और एक राष्ट्र एक चुनाव के साथ किसान और महिलाओं के हितों के लिए भाजपा को 400 पार पहुंचाने की अपील की| उन्होंने कहा कि देश को कांग्रेस मुक्त तो प्रदेश को सपा, बसपा मुक्त बनाना है| वे गुरुवार को बहजोई में जनसभा को संबोधित कर रहे थे| वहीं, हरदोई के गांधी भवन परिसर में डिप्टी सीएम ने कहा कि पार्टी का 3 करोड़ महिलाओं के सशक्तिकरण का लक्ष्य है| एक करोड़ नारी शक्ति बंदन बन चुकी है, 2 करोड़ और का लक्ष्य है|

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Iran’s nuclear sites are in danger

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After Iran’s attacks, Israel may attack its nuclear sites in response. The head of the International Atomic Energy Agency himself, Rafael Grassi, has expressed concern about this.

His statement came after the Israeli Army Chief said that Israel will definitely respond to Iran’s drone-missile attacks. Grassi said that Iran had closed its nuclear bases for security reasons. He feared that Israel would attack it’s nuclear bases; however, the nuclear bases were resumed on Monday.

When Grassi was asked about the possibility of Israeli attacks on Iranian nuclear sites, he said that we are always concerned about this possibility. He has appealed to Israel to remain calm.

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Iran had informed about closing nuclear plants

Grassi said that our inspectors present there were informed about the closure of nuclear plants in Iran. He said that our inspectors are inspecting there every day. The IAEA Director General says that nuclear inspectors have been kept away until we see whether the situation is completely calm or not.

Following the attacks, Benjamin Netanyahu has called a war cabinet meeting for the fifth time. It is not clear whether he will respond directly or attack its interests or allies. Lebanon’s Iran-backed terrorist organization, Hezbollah, said on Tuesday that it has carried out two drone attacks on Israel. Israel has also confirmed these attacks and said that 3 people have been injured in them.

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Israel wrote letter to 32 countries

Israeli Foreign Minister Benny Katz has written a letter to 32 countries. In this, he has demanded a ban on Iran’s missile program. Apart from this, he has demanded to declare the Islamic Revolutionary Guard Corps, a branch of Iran’s army, a terrorist organization. Katz has said that this will help to weaken Iran. Before it’s too late.

Israel’s right way to deal with Iran

Ever since Israel came into existence, Islamic countries have made life difficult for it. Actually, the United Nations had given permission to the Jews to settle on their historical land, but not even a single day would have passed that they could breathe a sigh of relief. Despite facing all the difficulties, Israel has achieved a very high position with the help of America and Western countries.

It is said that the number of Jews among the richest people in America is very high, and perhaps this is the reason that they have a greater hold on the capitalist American power establishment. After all, why doesn’t Iran let them live in peace? Along with the Palestinian extremists of Hamas, it has been instigating other terrorist organizations in the region by providing them money and weapons to destroy Israel.

In such a situation, how can Israel’s way of dealing with Iran be faulted? Just under the cover of a mosque, Islamic countries support bloodshed even in the 21st century. What should Israel do after all? How can he remain silent after seeing the challenges ahead of him?

If any country oppresses our people or violates our sovereignty, will we not give it a befitting reply? Israel has been doing the same thing till now. Whenever he has been attacked, he has given a concrete reply. Wouldn’t any responsible government do this?

Israel is often described as an oppressive country, but what about the injustice done to the Jews for centuries? Those who underestimate Israel are either stupid or extremely cruel, because either they attack it without thinking about what the consequences are or they think that their own work is being done in this violence.

The Palestine-Israel conflict is a canker on the body of humanity, which is continuously bleeding, and even the nations considered to be the master physicians of the world are not able to cure it. In fact, the Iranian government is troubled by the growing civil unrest on the domestic front.

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Due to his oppressive policies against women, he is being criticized all over the world; hence, to divert the attention of his people and the world, he made an excuse to attack Israel, but the world should understand his intentions and also the helplessness of Israel.

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ईरान के परमाणु ठिकाने खतरे में

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ईरान के हमलों के बाद जवाब में इजराइल उसके परमाणु ठिकानों पर हमले कर सकता है| खुद अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख राफेल ग्रासी ने इस बात की चिंता जताई है|

उनका यह बयान इजराइली सेना प्रमुख के उस बयान के बाद आया है, जिसमें कहा गया कि इजरायल, ईरान के ड्रोन-मिसाइल के हमलों का जवाब जरूर देगा| ग्रासी ने बताया कि ईरान ने सुरक्षा कारणों से अपने परमाणु ठिकानों को बंद कर दिया था| उसे अंदेशा था कि इजराइल इसी पर हमला करेगा, हालांकि सोमवार को उसने परमाणु ठिकानों को फिर से शुरू कर दिया गया|

ग्रासी से जब ईरानी परमाणु ठिकानों पर इजराइली हमलों की संभावनाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम हमेशा इस संभावना के बारे में चिंतित हैं| उन्होंने इजराइल से शांत रहने की अपील की है|

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ईरान ने दी थी परमाणु संयंत्रों को बंद करने की सूचना

ग्रासी ने बताया कि ईरान पर परमाणु संयंत्रों को बंद करने के बारे में वहां मौजूद हमारे निरीक्षकों को सूचित किया गया था| उन्होंने बताया कि हमारे निरीक्षक प्रतिदिन वहाँ का निरीक्षण कर रहे हैं| आईएईए के महानिदेशक का कहना है कि परमाणु निरीक्षकों को तब तक दूर रखा गया है जब तक कि हम देख नहीं लेते की स्थिति पूरी तरह से शांत है की नहीं|

हमलों के बाद में बेंजामिन नेतन्याहू पांचवी बार युद्ध कैबिनेट की बैठक बुला चुके हैं| स्पष्ट नहीं है कि वह सीधे जवाब देगा या उसके हितों या सहयोगियों पर हमला करेगा| लेबनान के ईरान समर्थित आतंकी संगठन हिजबुल्ला ने मंगलवार को कहा कि उसने इजराइल पर 2 ड्रोन हमले किए हैं| इजरायल ने भी इन हमलों की पुष्टि करते हुए कहा है कि इस हमले में 3 लोग घायल हुए हैं|

परमाणु

इजराइल ने 32 देशों को लिखा पत्र

इजरायल के विदेश मंत्री बेनी काट्ज़ ने 32 देशों को लेटर लिखा है| इसमें उन्होंने ईरान के मिसाइल प्रोग्राम पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है| इसके अलावा उन्होंने ईरान की सेना की ब्रांच इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स को आतंकी संगठन घोषित किए जाने की मांग की है| काट्ज़ ने कहा है कि इसके जरिए ईरान को कमजोर करने में मदद मिलेगी| इससे पहले की बहुत देर हो जाए|

ईरान से निपटने का इजराइल का तरीका सही

इजराइल जब से अस्तित्व में आया है, इस्लामिक देशों ने उसका जीना मुश्किल कर रखा है| बकायदा संयुक्त राष्ट्र ने यहूदियों को अपनी ऐतिहासिक भूमि पर बसने की अनुमति दी थी, मगर एक दिन भी ऐसा नहीं बीता होगा कि वे चैन की सांस ले सके| सारी कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अमेरिका और पश्चिमी देशों की सहायता से इजरायल ने काफी ऊंचा मुकाम हासिल किया है|

कहते हैं, अमेरिका के सर्वाधिक धनी लोगों में से यहूदियों की तादाद बहुत अधिक है और शायद यही वजह है कि पूंजीवादी अमेरिकी सत्ता-प्रतिष्ठान पर उनकी पकड़ ज्यादा है| आखिर ईरान उन्हें चैन से क्यों नहीं रहने देता?हमास के फिलिस्तीनी चरमपंथियों के साथ-साथ वह इस क्षेत्र के दूसरे आतंकी संगठनों को धन व हथियार देकर उकसाता रहा है कि वे इजराइल को तबाह कर दे|

ऐसे में, ईरान से निपटने के इजराइल के तरीके को गलत कैसे ठहराया जा सकता है? सिर्फ एक मस्जिद की आड़ को लेकर इस्लामिक देश 21वी सदी में भी खून-खराबे का समर्थन करते हैं| इजरायल आखिर करें, तो क्या करें? अपने अस्तित्व के आगे चुनौतियों को देखकर वह कैसे खामोश रह जाए?

यदि कोई भी देश हमारे लोगों को प्रताड़ित करेगा या हमारी संप्रभुत्ता का उल्लंघन करेगा, तो क्या हम उसे करारा जवाब नहीं देंगे? इजराइल अब तक वही तो करता आ रहा है| जब-जब उस पर हमला किया गया तो उसने उसका ठोस जवाब दिया है| क्या कोई जिम्मेदार सरकार यह नहीं करेगी?

बात-बात पर इजरायल को अत्याचारी देश बतलाया जाता है, लेकिन यहूदियों के साथ सदियों से जो अन्याय हुआ, उसका क्या? इजराइल को कमतर समझने वाले या तो मूर्ख देश हैं या फिर बेहद क्रूर, क्योंकि या तो वे बिना सोचे समझे ही उस पर हमला करते हैं उसका क्या नतीजा हो सकता है या फिर वे समझते हैं कि इस हिंसा में उनका अपना काम तो बना रहा है|

परमाणु

फिलिस्तीन-इजराइल संघर्ष मानवता के जिस्म का एसा नासूर है, जो लगातार बहे जा रहा है और दुनिया के आका वैद्य माने जाने वाले राष्ट्र भी उसका उपचार नहीं कर पा रहे हैं| दरअसल, ईरान की सरकार घरेलू मोर्चे पर बढ़ते नागरिक असंतोष से हलाकान है| औरतों के खिलाफ उसकी दमनकारी नीतियों के कारण दुनिया भर में उनकी थू-थू हो रही है, इसलिए अपने लोगों व दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए उसने बहाना बनाकर इजराइल पर हमला बोला, मगर दुनिया को उसकी मनसा भी समझनी चाहिए और इजरायल की मजबूरी भी|

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Prime Minister Candidate: Narendra Modi is the public’s first choice in 2024

Narendra Modi

Narendra Modi is the first choice as Prime Minister for the people of the country. Nearly half of the people involved in a survey suggest Narendra Modi’s name for the post of Prime Minister. The most important thing is that people were not given the option of naming any leader for the post of Prime Minister. Everyone has suggested Modi’s name first in their minds.

Congress leader Rahul Gandhi is the second politician whose name was suggested by people for this post. According to 3 out of 10 people, Rahul Gandhi is the second-strongest contender for the post of Prime Minister. The other three names that were taken the most include the names of Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal, West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee, and Samajwadi Party’s Akhilesh Yadav.

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Voting for Modi’s guarantee

In the ongoing election campaign for the general elections, it has become clear that Prime Minister Narendra Modi is the center of the BJP. During the election campaign, he made it clear while talking to the voters that the voters who voted for the BJP would vote for Modi’s guarantee this time. It would not be surprising if NDA candidates sought votes in the name of Prime Minister Narendra Modi in the elections. He will appeal to the voters to vote in favor of the party, in which Prime Minister Narendra Modi leads the country for the third consecutive time. Prime Minister Modi has made it clear in many of his speeches that he is coming to power again.

People’s interest in guarantee of BJP and Congress is almost equal

According to the general survey, there is not much enthusiasm among the voters regarding Modi’s guarantee and Rahul’s guarantee. There are very few voters who are excited about the guarantees of the parties. Among the people surveyed, 23% believe in Modi’s guarantee, while 17% believe in Rahul’s guarantee. According to the data, there is no significant difference in people’s interest in the Modi and Rahul Guarantee. Only 7% more people like the BJP’s guarantee than Congress. It is clear that the voters who vote, considering the opportunity, are not able to differentiate much between the two parties and their guarantees.

‘Guarantee’ instead of election promises

Promises in elections are an old tradition. This time, in the general elections, promises have been replaced by guarantees. With the introduction of the word guarantee in the electoral arena, the competition has become more interesting. Parties are offering different guarantees. Meanwhile, the voters are facing the challenge of trusting the guarantees and promises of different parties. The BJP is running the election campaign through ‘Modi Government Guarantee’. Prime Minister Narendra Modi is repeatedly assuring that the public will respect his guarantee. Opposition parties are preparing to woo voters through the Congress guarantee.

Narendra Modi

There is a place for Narendra Modi in the heart of every class

There are different opinions, region-wise, about seeing Narendra Modi as the Prime Minister after the elections. In rural areas, the economically prosperous people want him as Prime Minister more than the poor. Compared to Dalits and tribals, the upper castes and other backward classes are more interested in making him the Prime Minister for the third consecutive time. 14% of the people in the Muslim community consider the name Modi ji better for this post, whereas among other minority castes, about 28% have such thoughts. Statistics show that Prime Minister Narendra Modi is more likely to get public support this time too.

Modi’s leadership is a trump card for the party

The leadership factor is like a trump card for the BJP in this general election. With the help of Prime Minister Narendra Modi’s popularity, the party will remove the negative sentiments in the minds of people regarding the economy. Prime Minister Narendra Modi’s attachment to the public and his skill in showing a better future are positive signs for the party and Narendra Modi. The crowd of his fans flocking to catch a glimpse of him during the election campaign is an indication of this.

People trust Modi’s guarantee in villages

Compared to cities and towns, people living in villages have more faith in Modi’s guarantee. The difference between those who like the guarantee of both the leaders in the villages is 9%. People living in towns have equal faith in Modi and Rahul. The difference between the votes of rich people on the Modi and Rahul guarantee is about 18%.

Statistics show that Modi’s guarantee is more popular among less educated voters than among educated people. Whereas Rahul Guarantee is more popular among those who are more educated.

Modi government did a lot of work

When asked about the popularity of Narendra Modi and his government, about a quarter, i.e., 23%, while taking the name of the grand consecration ceremony of Shri Ram temple in Ayodhya, said that the Modi government has done the work. Whereas only 1 in 10%, about 9% also believed that the government has tried to increase employment. Similarly, about 8% of the people are of the opinion that the government has taken many important steps to reduce poverty.

Narendra Modi

Modi government is showing progress in every field

In a survey, about 1 in 10 people, or about 11%, believed that the central government has worked extensively in infrastructure, the development sector, and to accelerate the economy. Similarly, 1 in 10 or about 8% of people are of the opinion that the government has worked extensively to improve the image of India at the international level. The result of this is that India has become the fifth-largest economy in the world.

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