बांग्लादेश में अलकायदा एक्टिव, ISI के इशारे पर शेख मुजीबुर रहमान के घर पर तोड़फोड़

बांग्लादेश में अलकायदा एक्टिव, ISI के इशारे पर शेख मुजीबुर रहमान के घर पर तोड़फोड़

अलकायदा

बांग्लादेश में हाल ही में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है, जिसमें अलकायदा का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। विशेष रूप से, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI पर आरोप है कि वह बांग्लादेश में अस्थिरता पैदा करने के लिए कट्टरपंथी गुटों को समर्थन दे रही है। इस संदर्भ में, बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक घर (धनमंडी 32) पर हाल ही में हुई तोड़फोड़ ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है।

अलकायदा की बढ़ती गतिविधियां और बांग्लादेश में कट्टरपंथ का खतरा

बांग्लादेश में पिछले कुछ वर्षों में चरमपंथी संगठनों की सक्रियता बढ़ी है। अलकायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) ने बांग्लादेश में अपने नेटवर्क को मजबूत किया है, जो पहले से ही स्थानीय कट्टरपंथी संगठनों जैसे अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) और जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) के साथ जुड़ा हुआ है। ये संगठन भारत-विरोधी और उदारवादी विचारों के खिलाफ हमलों के लिए कुख्यात हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि ISI, बांग्लादेश में धार्मिक कट्टरपंथ और आतंकवाद को बढ़ावा देकर देश की स्थिरता को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। यह रणनीति न केवल बांग्लादेश को अस्थिर करने के लिए बल्कि भारत की पूर्वी सीमा पर सुरक्षा चिंताओं को बढ़ाने के लिए भी अपनाई जा रही है।

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शेख मुजीबुर रहमान का घर क्यों बना निशाना?

शेख मुजीबुर रहमान का घर, जिसे धनमंडी 32 के नाम से जाना जाता है, बांग्लादेश की स्वतंत्रता और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का प्रतीक है। 15 अगस्त 1975 को इसी घर में शेख मुजीबुर रहमान और उनके परिवार के अधिकांश सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। यह स्थान बांग्लादेश की राजनीतिक विरासत और देश के स्वतंत्रता संग्राम की स्मृति से जुड़ा हुआ है।

हाल ही में, कुछ कट्टरपंथी अलकायदा समूहों ने इस घर पर हमला किया और तोड़फोड़ की। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह हमला योजनाबद्ध था और इसके पीछे ISI के इशारे पर काम करने वाले संगठनों का हाथ हो सकता है।

क्या ISI कर रही है बांग्लादेश में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश?

ISI लंबे समय से बांग्लादेश के कट्टरपंथी समूहों के साथ गुप्त संबंध बनाए हुए है। 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के बाद से ही पाकिस्तान इस क्षेत्र में भारत के प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रहा है।

पिछले कुछ वर्षों में, ISI पर आरोप लगे हैं कि वह बांग्लादेश में आतंकवादी संगठनों को धन और प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। इसका मकसद बांग्लादेश सरकार को कमजोर करना, कट्टरपंथी गुटों को मजबूत करना और दक्षिण एशिया में अस्थिरता पैदा करना है।

विशेषज्ञों के अनुसार:

  • AQIS और अन्य कट्टरपंथी समूहों को ISI से अप्रत्यक्ष समर्थन मिलता रहा है।
  • बांग्लादेश में कई आतंकवादी हमलों के पीछे ISI की छाया देखी गई है।
  • ISI, बांग्लादेश के राजनीतिक और धार्मिक ध्रुवीकरण को भड़काने की रणनीति पर काम कर रही है।

अलकायदा

बांग्लादेश सरकार की प्रतिक्रिया और आगे की चुनौतियाँ

बांग्लादेश सरकार ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और जांच के आदेश दिए हैं। हालाँकि, देश में लगातार बढ़ रही कट्टरपंथी गतिविधियों और बाहरी हस्तक्षेप से निपटना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

बांग्लादेश की सुरक्षा एजेंसियों को अब तीन प्रमुख चुनौतियों का सामना करना होगा:

  1. अलकायदा और अन्य आतंकवादी संगठनों पर कड़ी निगरानी रखना।
  2. ISI के गुप्त अभियानों को उजागर कर उनके प्रभाव को कम करना।
  3. देश के धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत करना।

शेख मुजीबुर रहमान के घर पर हमला केवल एक इमारत पर हमला नहीं था, बल्कि यह बांग्लादेश की ऐतिहासिक विरासत और धर्मनिरपेक्ष पहचान पर हमला था। अलकायदा और ISI की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता, और बांग्लादेश को इस बढ़ते खतरे से निपटने के लिए मजबूत रणनीति अपनाने की आवश्यकता है।

यदि सरकार कट्टरपंथी ताकतों पर सख्ती नहीं बरतती, तो यह देश की सुरक्षा और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। बांग्लादेश को अपने लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की रक्षा के लिए सतर्क रहना होगा, अन्यथा यह कट्टरपंथ और आतंकवाद का नया केंद्र बन सकता है।

खेल अपडेट: भारत का टी20 विश्व कप 2024 में आज सामना अमेरिका से

खेल अपडेट: भारत का टी20 विश्व कप 2024 में आज सामना अमेरिका से

भारत

एक तरफ टीम इंडिया है, तो दूसरी तरफ टीम यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका, क्योंकि बुधवार को नासाउ काउंटी स्टेडियम में टी20 वर्ल्ड कप 2024 में भारत और यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। कप्तान रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम इंडिया लगातार 3 जीत के साथ सुपर 8 में अपनी जगह पक्की करना चाहेगी।

पाक को हराकर सबसे बड़ा उलटफेर करने वाली अमेरिकी टीम से भारतीय टीम को भी सतर्क रहना होगा| जरा सी भी ढिलाई भारतीय टीम को भारी पड़ सकती है| अमेरिकी टीम के पास भले ही कम अनुभव हो पर उसने हाल ही में काफी सराहनीय प्रदर्शन किया है| भारतीय टीम अमेरिका को कम आंकने की कोशिश नहीं करेगा| भारतीय टीम के शीर्ष और मध्य क्रम के बल्लेबाज अमेरिका के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन करके आगे के बड़े और महत्त्वपूर्ण मैचों के लिए लय हासिल करने की कोशिश करेंगे| नसाउ काउंटी स्टेडियम की पिच ने बल्लेबाजों को बहुत परेशान किया है और बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल नहीं रही है|

अमेरिका के खिलाफ गलती नहीं दोहराना चाहेंगे भारतीय बल्लेबाज

भारतीय टीम के बल्लेबाज़ अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराने से बचना चाहेंगे, जब टीम ने 30 रनों के अंदर अपने अंतिम 7 विकेट खो दिए थे| अमेरिका की टीम में आधे से ज्यादा ऐसे खिलाड़ी हैं जिनका भारत की तरफ से खेलने का सपना पूरा नहीं हो पाया था, इनमें सौरव नेत्रवालकर और अमित सिंह का नाम भी शामिल हैं| इन दोनों खिलाडियों ने अपनी टीम की तरफ से अभी तक काफी अच्छा प्रदर्शन किया है|

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भारत

पिच के व्यवहार ने भले ही हर टीमों के बीच अंतर को कम कर दिया हो पर अमेरिका के लिए भारतीय टीम से पार पाना बहुत कठिन होगा| टूर्नामेंट से लगभग बहार हो चुकी पाक पर सुपर ओवर में रोमांचक जीत दर्ज करने के बावजूद अमेरिका के खिलाड़ियों की चर्चा कम है पर भारत के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन उन्हें क्रिकेट जगत में एक अच्छी पहचान दिला सकता है| जब अमेरिका के सामने रोहित, कोहली, बुमराह, हार्दिक जैसे दिग्गज हों तो मैच में रोमांच का बढ़ना स्वाभाविक है|

भारतीय स्टार सुमित नागल ने ओलंपिक में जगह बनाई

भारत के शीर्ष वरीय टेनिस स्टार सुमित नागल ने आधिकारिक रूप से इस साल होने फ्रांस में होने वाले पेरिस ओलंपिक्स के लिए क्वालीफाई कर लिया है| उन्होंने मंगलवार को बोस्निआ के नर्मन फैटिक को हरा एटीपी 125 पेरूगिया चैलेंजर के प्री क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया है|

अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ बुधवार को ओलंपिक क्वालीफाई करने वाले खिलाड़ियों के बारे में राष्ट्रीय महासंघों को सूचित करेगा| राष्ट्रीय ओलंपिक समीतियां 19 जून तक अपनी प्रविष्टियों की पुष्टि करेंगी|

छठे वरीय भारतीय सुमित नागल ने पहले दौर में 7-6, 6-2 से जीत दर्ज की| सुमित नागल अब स्थानीय खिलाड़ी एलेसांद्रो जियाननेसी से मुकाबला करेंगे| वहीँ इसी जीत के साथ एटीपी लाइव रैंकिंग में सुमित नागल जी 73वें स्थान पर पहुंच गए हैं जो उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग है| सुमित नागल ने इस तरह एटीपी रैंकिंग के जरिए पेरिस ओलंपिक्स पुरुष एकल ड्रा में अपना स्थान पक्का कर लिया है|

हरभजन सिंह ने सिखाया कामरान अकमल को सबक

पाक के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज कामरान अकमल ने भारत के युवा तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह के खिलाफ अपनी शर्मनाक टिप्पणी के लिए माफी मांगी है| भारत-पाक के बीच टी20 विश्व कप 2024 के मैच का विश्लेषण करते हुए कामरान अकमल ने तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह के सिख धर्म का मजाक बनाया था जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया| इसके जवाब में पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया की|

कामरान ने हरभजन को टैग करते हुए एक्स पर लिखा कि मुझे अपनी टिप्पणियों पर गहरा दुःख है और मैं हरभजन सिंह और सिख समुदाय से ईमानदारी से माफी मांगता हूं, मेरे शब्द अनुचित और अपमानजनक थे| मैं दुनिया भर के सिखों का बहुत सम्मान करता हूं और मेरा कभी भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था| मैं सच में माफी चाहता हूं|

भारत

कामरान ने भारत के खिलाफ मैच में पाक की बल्लेबाजी के दौरान यह टिप्पणी की थी| तब पाक को अंतिम यानि 20वे ओवर में 17 रनों की आवश्यकता थी| कामरान अकमल ने आखिरी ओवर से पहले कहा था की कुछ भी हो सकता है| देखिए, अंतिम ओवर अर्शदीप सिंह को ही कराना है और वह अच्छी लय में नहीं दिख रहा है और 12 बज गए हैं|

हरभजन ने यह वीडियो रिपोर्ट किया जिसमें अकमल के साथ बैठे अन्य लोगों को भी हंसते हुए दिखाया गया है| अकमल पर पलटवार करते हुए हरभजन ने कहा, आपको अपना गन्दा मुँह खोलने से पहले सिखों का इतिहास जान लेना चाहिए| हम सिखों ने अपनी माताओं और बहनों को बचाया है जब उन्हें आक्रमणकारियों ने अगवा कर लिया था| समय 12 बजे का था| शर्म आनी चाहिए आप लोगों को| कुछ तो आभार मानिये|

अमेरिका ने इजरायल की तरफ बढ़ाया हाथ, ईरान ने कब्जा किया पोत जिस पर 17 भारतीय मौजूद

अमेरिका

ईरान ने ओमान की खाड़ी में होर्मुज के पास एक इजरायली पोत को रोक कर कब्जे में ले लिया| इसे ईरान की ओर ले जाया गया है| इस घटना के बाद दोनों देशों में तनाव और बढ़ गया है| पोत पर चालक दल के 25 सदस्य भी सवार हैं, जिसमें भारत के 17 नागरिक भी हैं|

पोत जब ईरान के जल क्षेत्र से गुजर रहा था तो ईरानी नौसैनिक इकाई के विशेष बलों ने पोत पर हमला बोला| यह सभी हेलीकॉप्टर से पोत पर उतरे और कुछ समय में पोत को कब्जे में ले लिया| इस पर पुर्तगाल देश का राष्ट्रीय ध्वज लगा था और इसका संचालन लंदन स्थित जोडियाक मैरिटाइम कंपनी कर रही थी, जो इजरायली अरबपति इयाल ओफर के जोडियाक ग्रुप का हिस्सा है|

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अंतिम बार यूएई में रुका था पोत

एमएससी एरीज नाम का एक पोत आखिरी बार संयुक्त अरब अमीरात के बंदरगाह पर रुका था और बीते शुक्रवार को रवाना हुआ| देर शाम जोडियाक ग्रुप ने पोत पर कब्जे की पुष्टि की है| हमले की जानकारी पहले देते हुए ब्रिटिश सेना के मैरिटाइम ट्रेड ऑपरेशंस ने कहा कि घटना अमिराती शहर फुजैराह के पास ओमान खाड़ी में हुई|

इजराइल ने समुद्री डकैती बताया

इजराइली मंत्री काट्ज़ ने ईरान के इस अभियान को समुद्री डकैती करार दिया और कहा है कि यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है|उन्होंने ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स को आतंकी संगठन बताते हुए कहा कि, विश्व के देशों को इस मामले में दखल देना चाहिए| उधर, ईरान-इजरायल तनाव के बीच मध्य पूर्व पर तत्काल परामर्श के लिए जो बाइडन ने डेलावेयर की अपनी साप्ताहिक यात्रा में कटौती की है| व्हाइट हाउस ने ईरान से जप्त किए गए पोत को तुरंत रिहा करने का आह्वान किया है|

अमेरिका ने और सैनिक भेजने की घोषणा की

ईरान की पोत पर कब्जे के बाद अमेरिका ने घोषणा की कि वह अशांत क्षेत्र में और अधिक सैनिक भेज रहा है| ईरान की इजराइल पर हमले की धमकी के बाद अमेरिका ने ऐलान किया था कि वह इजरायल के साथ मजबूती से खड़ा है|

अमेरिका

भारतियों की रिहाई के लिए ईरान के संपर्क में भारत सरकार

विशेष सूत्रों के अनुसार, भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं| सरकार ने बताया है कि हम भारतीय नागरिकों की रिहाई के लिए तेहरान और दिल्ली में राजनाइकों के संपर्क में है| अमेरिका ने भी पोत को छोड़ने के लिए कहा है| ओमान की खाड़ी में होर्मुज में ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स द्वारा कब्जाए गए इजराइली मालवाहक पोत एमएससी एरीज पर सवार भारतीय नागरिकों की रिहाई के लिए भारत सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए हैं|

ईरान द्वारा पोत को नियंत्रण में लेने की सूचना के बाद भारत सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी संभव प्रयास शुरू कर दिए हैं| विशेष सूत्रों के अनुसार, सरकार ने कहा, मालवाहक पोत एमएससी एरीज को ईरान द्वारा नियंत्रण में लेने की जानकारी मिली है| हमें पता चला है की पोत पर भारतीय नागरिक मौजूद हैं| हम भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, कल्याण और शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने के लिए तेहरान और दिल्ली दोनों जगहों पर राजनिक चैनलों के माध्यम से ईरानी अधिकारियों के संपर्क में है| इस घटना की वीडियो में नजर आ रहा हैं की हेलीकॉप्टर से ईरानी कमांडो पोत पर उतरते हैं और उसे कब्जे में ले लेते हैं|

ईरान के हवाई क्षेत्र से नहीं गुजर रहे हैं भारतीय विमान

ईरान और इजरायल के बीच युद्ध के हालातों को देखते हुए भारतीय विमान ईरान के हवाई क्षेत्र से नहीं गुजर रहे हैं| भारतीय विमान कंपनियों ने इसके लिए वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करना शुरू कर दिया है| भारतीय विमान यूरोप और मध्य पूर्व के लिए अपना रास्ता बदल रहे हैं| एयर इंडिया और विस्तारा की ओर से इसकी पुष्टि की गई है| भारत सरकार ने भारतीय नागरिकों से ईरान की यात्रा न करने की अपील की है|

बाइडेन ने कहा कि इजराइल पर हमला न करे ईरान

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजराइल पर जल्द ईरान का हमला होने की आशंका जताई, साथ ही ईरान को चेतावनी दी है कि वह ऐसा ना करे| उन्होंने साफ किया कि अमेरिका इजरायल की सुरक्षा के लिए संकल्पबद्ध है| हम इजराइल का समर्थन करते हैं| अमेरिका इजरायल की सुरक्षा में सहायता देगा और इरान सफल नहीं हो पाएगा|

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अमेरिकी राष्ट्रपति का यह स्पष्ट संदेश इजराइल पर हमले को तैयार ईरान के लिए है| इसी बीच अमेरिका ने अपने विमान वाहक युद्धपोत यूएसएस आइजनहावर को लाल सागर के रस्ते इजरायल के लिए रवाना कर दिया है| यह युद्धपोत इसराइल पर ईरान के हमले को रोकने में मदद करेगा| व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि मध्य-पूर्व के देशों में तैनात अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा के लिए भी इंतजाम बढ़ाए जा रहे हैं|

1 अप्रैल को सीरिया की राजधानी दमिश्क स्थित ईरान के दूतावास पर हवाई हमले में सीनियर जनरल समेत ईरानी सेना के 7 सैन्य अधिकारियों के मारे जाने के बाद ईरान ने इजराइल को दंडित करने का ऐलान किया है| इससे यह आशंका पैदा हुई है कि ईरान किसी भी समय इजराइल पर हमला कर सकता है|

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