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रांची में ईडी का छापा, 35 करोड़ रुपए बरामद

ईडी

झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के ओएसडी संजीव कुमार लाल समेत 6 ठिकानों पर सोमवार को छापेमारी कर ईडी करीब 35 करोड रुपए बरामद किए | इस रकम से करीब 30 करोड रुपए ओएसडी के नौकर जहांगीर आलम के यहां से मिले हैं | जहांगीर मूल रूप से चतरा का रहने वाला है |

आलमगीर के करीबी के इंजीनियर वीरेंद्र राम से जुड़े मनी लॉन्डरिंग केस में ईडी ने सोमवार को यह कार्यवाई की है | ईडी को कुछ ठिकानों पर पैसे जमा किए जाने और उसके ट्रांजिट कुछ किए जाने की सूचना मिली थी | टीम ने सुबह 4:00 आलमगीर की ओएसडी, उसके नौकर जहांगीर आलम, ठेकेदार मुन्ना कुमार समेत इंजीनियरों के यहां छापेमारी शुरू की और नोटों का भंडार और जेव्लरी बरामद की |

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ईडी की छापेमारी में तीन कमरों में नोटों का भंडार मिला

छापेमारी के दौरान तीन कमरों में नोटों का भंडार मिला | ईडी रांची के गाड़ी खान इलाके में स्थित सर् सैयद रेजिडेंसी पहुंची और फ्लैट नंबर वन ए में जहांगीर की आवाज पर छापा मारा | जहांगीर को मंत्री आलमगीर आलम का करीबी बताया जाता है | छापे के दौरान तीन कमरों में अलमारी बंद मिला | उसने चाबी ना मिलने की बात बताई | ओएसडी संजीव के यहां से चाबियां मांगने के बाद तीन कमरों में ईडी को पांच-पांच 500 नोटों के और लाखों की जेवरात मिले, जिसे कब्जे में कर लिया गया है|

ट्रांसफर-पोस्टिंग में मोटी रकम की वसूली हुई

झारखंड के ग्रामीण मंत्री आलमगीर आलम की ओएसडी संजीव कुमार लाल समेत 6 जगहों पर सोमवारको ईडी ने करीब 35 करोड रुपए बरामद किए | ईडी की जांच में यह बात सामने आई है कि विभाग द्वारा जारी होने वाले ठेको में कट मनी के साथ ट्रांसफर-पोस्टिंग में मोटी रकम की वसूली होती थी | ईडी टीम संजीव लाल, सहायक जहांगीर, मुन्ना समेत अन्य से पूछताछ कर रही है | जहांगीर ने संजीव द्वारा उसके यहां पैसे रखने की बात स्वीकारी है | ईडी के एडिशनल डायरेक्टर कपिल राज भी जहांगीर के आवास पर पहुंचे |

ईडी

ठेकेदार मुन्ना ने मनी ट्रांजिट की बात स्वीकारी

नोटों की बारामदगी के बाद संजीव लाल, जहांगीर, मुन्ना समेत अन्य से पूछताछ कर रही है| जानकारी के मुताबिक, जहांगीर ने कबूल किया है कि संजीव कुमार लाल ने यहां पैसे रखवाए थे | वहीं मुन्ना के द्वारा बताया गया कि उसके यहां से बरामद पैसे भी सर सैयद रेजिडेंसी स्थित फ्लैट पर पहुंच जाने थे, लेकिन इससे पहले ही ईडी ने छापेमारी कर पैसा बरामद कर लिए |

ठेका पट्टा के आवंटन के लिए जुड़े पैरवी पत्र भी मिले

मामले की गंभीरता को देखते हुएईडी के एडिशनल डायरेक्टर कपिल राज स्वयं जहांगीर आलम के फ्लैट पर पहुंचे | जहां उन्होंने अपनी मौजूदगी में ही जांच पड़ताल शुरू की | जांच के दौरान ट्रांसफर-पोस्टिंग में वसूली के भी बड़े साक्ष्य मिले हैं |

निलंबित वीरेंद्र राम की अवैध कमाई का भी खुलासा

झारखंड के ग्रामीण कार्य विकास मंत्री के के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को अवैध कमाई और करतूत की जाँच ईडी ने शुरू कर दी है तो ग्रामीण विकास विभाग व ग्रामीण कार्य विभाग में पहले भ्रष्टाचार का भी खुलासा हुआ है | वीरेंद्र राम ने एड के समक्ष स्वीकार किया कि हर टेंडर पर 3.2 प्रतिशत कमीशन मिलता था, जिसमें 0.3% ही उसका था ईडी ने जांच में पाया कि कमीशन का पैसा राजनेताओं, अधिकारियों का इंजीनियरों के सिंडिकेट के बीच बटता था |

एक गाड़ी के एवज में दिए गए थे 62 करोड़ के 22 टेंडर

ईडी के समक्ष वीरेंद्र राम ने स्वीकार किया था कि प्रत्येक टेंडर वैल्यू पर ठेकेदार से 3.2 कमीशन प्रतिशत कमीशन लिया जाता था | जिसमें मुख्य अभियंता का शेर 0.3 से 1% होता था | 21 फरवरी 2023 को छापेमारी में अशोक नगर में मिले 7.82 लाख भी कमीशन के ही थे | जांच में जिलस ठेकेदार राजेश की गाड़ी से वीरेंद्र राम चलते थे | उसे 2015 में 62 करोड़ के 22 टेंडर दिए गए थे | जिसकी कमीशन के तौर पर वीरेंद्र राम ने 1.88 करोड़ लिए थे|

ईडी

ग्रामीण विकास मंत्री के पूर्व चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के चार राज्यों में 24 ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी | इसमें पता चला था कि वीरेंद्र राम ने 125 करोड रुपए की संपत्ति अर्जित की है | ईडी को वीरेंद्र राम के ठिकानों से आठ महंगी गाड़ियों के अलावा छह आलीशान मकान के भी दस्तावेज मिले हैं |

सांसद धीरज साहू से जुड़े तीन राज्यों के आधा दर्जन ठिकानों पर आयकर विभाग का छापा दूसरे दिन उड़ीसा के बलांगीर के ऑफिस से 200 करोड रुपए कैश मिले थे | आईटी ने बलदेव साहू और ग्रुप आफ कंपनी के कई खातों को फ्रीज कर दिया था | तीसरे दिन कैश का आंकड़ा 300 करोड़ पार हुआ मशीन को नोट गिरने के में 4 दिन लगे थे| कुल 10 दिन चली छापेमारी|

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बढ़ीं मुश्किलें

अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उच्च न्यायालय से मंगलवार को बहुत बड़ा झटका लगा है| अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड के विरुद्ध दाखिल याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट नें खारिज कर दिया है| अदालत ने अपने आदेश में कहा कि उनकी गिरफ्तारी कानून का उल्लंघन नहीं है| इस फैसले के बाद अरविंद केजरीवाल फिलहाल जेल में ही रहेंगे|

न्यायमूर्ति स्वर्ण कांत शर्मा की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त आधार मौजूद हैं| पीठ नें यह भी कहा कि विशेष अदालत द्वारा केजरीवाल को रिमांड पर देना भी कानून सम्मत है| पीठ ने कहा कि यह सिर्फ केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड का मामला नहीं है, बल्कि यह आम आदमी के लिए कानूनी प्रावधान को समझने का मसला भी है| इसीलिए पीठ विस्तृत तौर पर कानूनी पक्ष को स्पष्ट कर रही है| मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से जिन आधारों पर गिरफ्तारी और रिमांड के विरोध किया गया, वह आधारहीन है|

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पीठ ने कहा कि ईडी द्वारा एकत्र की गई सामग्री से पता चलता है कि अरविंद केजरीवाल ने साजिश रची थी| वह अपराध की आय के उपयोग को छिपाने में सक्रिय रूप से शामिल थे| ईडी की जांच से यह भी पता चलता है कि वह आम आदमी पार्टी के संयोजक के तौर पर इन सब में शामिल थे| ईडी द्वारा गिरफ्तारी कानूनी तौर पर एकदम उचित है| पीठ ने जोर दिया कि कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है| अदालतें संवैधानिक नैतिकता से जुड़ी होती हैं, ना कि राजनीतिक नैतिकता से| इसीलिए केजरीवाल की याचिका को खारिज किया जाता है

अरविंद केजरीवाल के चुनाव अभियान रोकने के लिए कार्यवाई

केजरीवाल के वकील ने दलील देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के दिन उन्हें गिरफ्तार किया गया, ताकि वह चुनाव का हिस्सा न बन सके|

अरविंद केजरीवाल

ईडी के पास पर्याप्त साक्ष्य

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि ईडी के पास आरोपों को लेकर प्रथम दृष्टया पर्याप्त साक्ष्य हैं| कानून सभी के लिए एक समान रूप से लागू होता है| केजरीवाल के राजनेता होने का मतलब यह नहीं है कि एक आरोपी का नाम सामने आ जाने के बाद उसे महज इस लिए बाहर रखा जाए कि वह लोकसभा या अन्य चुनाव का हिस्सा बन सके| कानून में व्यक्ति विशेष के लिए कोई विशेषाधिकार नहीं है| यदि साक्ष्य है तो कोई भी समय हो, आरोपी की गिरफ्तारी होगी|

परेशान करना उद्देश्य

केजरीवाल की ओर से दलील दी गई कि केंद्र ने जानबूझ कर उन्हें धन संशोधन में फसाया है जबकि उनके खिलाफ साक्ष्य नहीं है| सारा मकसद इस समय पर परेशान करना है|

केंद्र सरकार की भूमिका नहीं

हाईकोर्ट ने कहा यह मामला केंद्र और केजरीवाल के बीच का नहीं बल्कि अरविंद केजरीवाल और ईडी के बीच का है| इसमें केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है| जांच एजेंसी अपना काम कर रही हैं|

मुख्यमंत्री केजरीवाल की दलीलें और हाईकोर्ट के जवाब

दलील: ईडी ने जानबूझकर वह समय चुना जब चुनाव सर पर है|

अदालत की टिप्पणी: गिरफ्तारी कानून के हिसाब से होगी न की चुनाव की तारीख देखकर|

दलील: सरकारी गवाहों के बयान दर्ज करने का तरीका सही नहीं था|

अदालत की टिप्पणी: हाईकोर्ट बोली की बयान दर्ज करने पर सवाल उठाना, अदालत को कलंकित करने जैसा है|

दलील: गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है|

अदालत की टिप्पणी: कोर्ट ने कहा कि न्यायाधीश कानून से बंधे हैं राजनीति से नहीं|

दलील: केजरीवाल की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भी हो सकती थी| ईडी जानबूझकर उन्हें अदालत में बुलाने पर डटी रही|

अदालत की टिप्पणी: आरोपी तय नहीं करेगा की जांच किस तरह की जाए, जांच आरोपी की सुविधा के मुताबिक नहीं की जा सकती है|

अरविंद केजरीवाल

गिरफ्तारी से लेकर अब तक क्या हुआ?

21 मार्च को ईडी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को गिरफ्तार किया, और उसी दिन केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई मगर अगले दिन उसे वापस ले लिया| 22 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को ईडी की रिमांड पर भेज दिया| 23 मार्च को मुख्यमंत्री दिल्ली हाईकोर्ट गए| 1 अप्रैल को कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया| 3 अप्रैल को हाईकोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई पूरी, अदालत ने निर्णय सुरक्षित रखा|

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