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कांग्रेस के घोषणा पत्र में पांच न्याय – 25 गारंटी की उम्मीद

घोषणा पत्र

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने रविवार को सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि कांग्रेस पार्टी की पांच न्याय, 25 गारंटी भारत के लोगों में 10 साल के बाद एक नई उम्मीद को जाग रही है| जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस की गारंटी समय की मांग है| पार्टी का न्याय पत्र या घोषणा पत्र देश की जनता की आवाज है|

जयराम रमेश ने कहा कि 4 जून के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लंबी छुट्टी पर जाना पड़ेगा| यह जनता की गारंटी है| उन्होंने कहा कि देश के लोग झूठी बातें सुनकर काफी थक चुके हैं| कांग्रेस के नेता बिहार में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कांग्रेस के घोषणा पत्र पर की गई टिप्पणी का जवाब दे रहे थे|

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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मैला ढोने की प्रथा खत्म करेंगे

जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर सफाई कर्मचारियों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया| साथ ही कहा कि अगर वह सत्ता में आए तो मैला ढोने की कुप्रत्ता को समाप्त कर इसमें लगे लोगों को किसी अन्य कार्य के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा| इसके बाद रोजगार दिया जाएगा| कांग्रेस महासचिव ने बिना उपकरण के सीवर में उतरने के बाद गैस रिसाव के कारण एक सफाई कर्मचारी की मौत के संबंध में मीडिया में आई एक खबर एक्स पर साझा की|

कांग्रेस के पिछले चुनाव में 55 पेज का था घोषणा पत्र

2024 के लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी का घोषणा पत्र पिछले चुनाव के घोषणा पत्र की तुलना में आकर में कम है| 2019 में पार्टी ने 55 पेज के दस्तावेज को ‘कांग्रेस विल डिलीवर’ नाम दिया था| वहीं इस बार 48 पन्नों की चुनाव घोषणा पत्र को ‘न्याय पत्र’ नाम दिया है| पार्टी ने इस बार देश के सबसे गरीब घर की एक महिला को ₹100000 देने का वादा किया है|

घोषणा पत्र

कांग्रेस पार्टी ने युवाओं और किसानों समेत कई वादे किये

कांग्रेस ने अपनी घोषणा पत्र में वादा किया कि आरक्षण कोटा बढ़ाया जाएगा| वहीं, सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 50% तक आरक्षण और गरीब लड़कियों को सालाना ₹100000 की मदद मिलेगी| पार्टी ने कहा कि स्नातक के बाद युवाओं को पहले नौकरी सरकार दिलाएगी| इसके अलावा युवाओं को 30 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया गया है|

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को विश्वास जताया कि हिमाचल प्रदेश के लोग उनकी पार्टी को समर्थन देंगे और सत्य की जीत होगी| एक तरफ सत्ता के लिए धन बल और एजेंसियों से लोकतंत्र को खत्म करने वाली भाजपा की राजनीति है, जबकि दूसरी ओर सत्य, साहस वाला कांग्रेस का संकल्प है|

राहुल गांधी ने ‘न्याय पत्र’ पर लोगों से सुझाव मांगे

लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 48 पन्नों का 25 गारंटी वाला अपना न्याय पत्र जारी कर चुकी है| अब इस घोषणा पत्र को लेकर पार्टी ने सुझाव मांगना शुरू कर दिया है| राहुल ने इंस्टाग्राम, पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें लोगों से घोषणा पत्र पर प्रक्रिया साझा करने और यह बताने के लिए कहा कि उन्हें क्या पसंद आया और क्या नहीं|

वीडियो जारी कर राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस का घोषणा पत्र हर भारतीय की आवाज है| उन्होंने लोगों से दस्तावेज पर अपनी प्रतिक्रिया साझा करने का आग्रह किया| कांग्रेस ने शुक्रवार को घोषणा पत्र जारी किया, जिसमें पांच न्याय के स्तंभ और उनकी तहत 25 गारंटी पर ध्यान केंद्रित किया है| राहुल ने तेलंगाना में रैली से वापस आने के बाद वीडियो बनाया| मेनिफेस्टो के बारे में अपनी राय ईमेल और मैसेज के माध्यम से लोगों से कहा कि आप दे सकते हैं|

बेरोजगारी इस चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को भाजपा पर तीखा हमला बोला| उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है| उन्होंने दावा किया कि युवा रोजगार पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और देश ने जनसांख्यकीय दुः स्वप्न का सामना कर रहा है|

सोशल मीडिया मंच एक्स पर खड़गे ने पोस्ट कर कहा, युवा न्याय के तहत कांग्रेस की पहली नौकरी पक्की गारंटी से कैरियर के विकास के नए रास्ते खुलेंगे| उन्होंने दावा किया, भाजपा ने नवजवानों पर बेरोजगारी थोपी है| चुनाव में यह सबसे बड़ा मुद्दा है|

घोषणा पत्र

भारत के प्रतिष्ठित संस्थानों, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और भारतीय प्रबंध संस्थान का हवाला देते हुए खड़गे ने दावा किया कि 12 आईआईटी में से लगभग 30% छात्रों को नियमित प्लेसमेंट नहीं मिल रहा है| आईआईएम में से सिर्फ 20% ही ग्रीष्मकालीन प्लेसमेंट पूरा कर सका| अगर आईआईटी और आईआईएम में यह हालात है, तो कल्पना कर सकते हैं कि भाजपा ने किस तरह से युवाओं का भविष्य बर्बाद किया है| मोदी सरकार में बेरोजगारी की दर 2014 के बाद से 3 गुना हो गई है|

खड़गे ने एक्स पर पोस्ट किया, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की हालिया भारत की रोजगार रिपोर्ट से पता चला है कि भारत हर साल 70-80 लाख युवाओं को श्रम बल में जोड़ता है, लेकिन 2012 और 2019 के बीच, रोजगार में लगभग शून्य वृद्धि हुई है, केवल 0.01% वृद्धि हुई है| उन्होंने कहा, कि मोदी की 2 करोड़ नौकरियां देने की गारंटी हमारे युवाओं के दिल और दिमाग में एक बुरे सपने के रूप में गूंजती है|

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कांग्रेस का खत्म होता हुआ अस्तित्व

कांग्रेस

कहा जाता है कि डूबते जहाज में कोई सवारी नहीं करना चाहता। यही स्थिति आज भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की हो गई है| केवल एक परिवार के इर्द-गिर्द परिक्रमा करने की परंपरा के कारण देश की इस सबसे पुरानी पार्टी का लोकतंत्र खत्म हो चुका है, इसी कारण यह अब अपने अस्तित्व के संकट के दौर से गुजर रही है|

आलम यह है कि भारतीय जनता पार्टी जो कि विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है उसके विशाल संगठन के विरोध में गठित इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व जिस कांग्रेस को सिरमौर बनाकर करना चाहिए था, आज वह स्वयं दयनीय अवस्था में है और विभिन्न क्षेत्रीय दलों की कृपा पर निर्भर रहने को विवश है| उसके नेतागढ़ एक-एक करके पार्टी छोड़ रहे हैं और भाजपा का दामन थाम रहे हैं| ऐसा लग रहा है कि अपने नेताओं को रोकने का कोई प्रयास तक कांग्रेस पार्टी नहीं कर पा रही है|

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पूरे भारत में सिकुड़ रही है कांग्रेस

पश्चिम बंगाल हो या पंजाब, बिहार हो या महाराष्ट्र, दिल्ली हो या उत्तर प्रदेश या फिर अन्य कोई राज्य, आज कहीं पर भी कांग्रेस का मोल -भाव की स्थिति में नहीं है| छोटे-छोटे दल उसे आंख दिखाने लगे हैं| जिसे देखो, वहीं इस पार्टी को नसीहत देता नजर आ रहा है| इससे आम लोगों में इस पार्टी की छवि काफी खराब हो चुकी है| स्थिति यह है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व ही अपना आत्मविश्वास खो चुका है| उसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने देशभर में न्याय यात्राएं निकाली|

लेकिन ऐसा लगता है की उससे भी बात नहीं बनी और वह लोगों का भरोसा तक नहीं जीत सके, तो थक हार कर उन्होंने दक्षिण की अपनी सीट पर ही ध्यान लगना समझा| इन दोनों तो कांग्रेस व राहुल गांधी से ज्यादा खबरें आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं की आती है| इस पार्टी को छोड़ रहे लोगों का यह भी कहना है कि पार्टी नेतृत्व की सनातन धर्म विरोधी व राष्ट्र विरोधी सोच को वे
स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं| पार्टी नेताओं के बढ़बोलेपन से रही-सही कसर भी पूरी हो जाती है| ऐसे में, कोई भी भला कब तक इस पार्टी से जुड़ा रह सकता है?

कांग्रेस

पुरानी सोच से नहीं उबर पाई है कांग्रेस

आज जब भारतीय राजनीती की तस्वीर कहीं ज्यादा स्पष्ट है और पार्टियां अपनी विचारधारा खुलकर जनता के सामने रखती हैं, तो हिन्दुओं की अवहेलना करना कांग्रेस को भारी पड़ रहा है| भाजपा को इसी बात का फायदा मिला है और वह आज सत्ता में है| क्योंकि यह पार्टी अभी पुरानी सोच से उभर नहीं पाई है, इसीलिए वह डूबने के कगार पर पहुंच गई है| जिस तरह से उसके कई नेता पार्टी छोड़ रहे हैं, उससे लगता यही है कि जल्द ही पार्टी का पूरा अस्तित्व खत्म हो जाएगा| बहुत ज्यादा दिनों तक इसे संभालना अब लगभग नामुमकिन जान पड़ता है|

कांग्रेस ने चुनावी घोषणापत्र जारी करने के साथ ही अपना आगामी एजेंडा सामने रख दिया है| कांग्रेस के घोषणा पत्र में युवाओं, महिलाओं, किसानों, श्रमिकों, संविधान, अर्थव्यवस्था, संघवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और पर्यावरण पर ज्यादा देने ध्यान देने की कोशिश हुई है|पिछड़ी जातियों के उत्थान के प्रति कांग्रेस की घोषणाएं विशेष रूप से चर्चा का विषय बन रही हैं लेकिन बात यह है कि क्या यह पार्टी अपने इन सभी वादों को पूरा कर पाएगी? और उससे पहले एक और सवाल यह है कि है कि क्या यह पार्टी सत्ता में आ पाएगी क्योंकि इस पार्टी की जो वर्तमान समय में हालात दिख रही है उससे लगता तो नहीं है कि वह सत्ता में आ पाएगी|

हिंदू धर्म को जातियों में बांटना चाहती है कांग्रेस

क्योंकि कांग्रेस पार्टी में आंतरिक फूट पड़ी हुई है, कई बड़े-छोटे नेता पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम रहे हैं| जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है|बेशक, संविधान लागू होने के कई साल बाद भी जातिगत भेदभाव पूरी तरह ख़त्म नहीं हुआ है और इसे खत्म करने के लिए देश की आने वाली सरकारों को सकारात्मक उपायों के साथ काम करना होगा| अपने घोषणापत्र में कांग्रेस ने इस मंशा को जाहिर करने की कोशिश की है|

कांग्रेस

विकास की दौड़ में पीछे रह गए लोगों के लिए हर पार्टी को पहल करनी ही चाहिए| कांग्रेस के घोषणा पत्र में यह बताया गया है कि सत्ता में आने के बाद वह पिछड़ी जातियों का भला करेगी, लेकिन पिछले 70 सालों में इस पार्टी ने पिछड़ी जातियों को सिर्फ शेखचिल्ली के सपने ही दिखाएँ हैं| और रही बात जातिगत जनगणना कराने की तो इस सोंच से केवल हिंदू धर्म को बांटने की शाजिस रची जा रही है जो कांग्रेस ने अपने पिछले शाशनकालों में किया|

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