...

ट्रम्प के टैरिफ़ विराम से बाज़ार में हेरफेर के दावे उभरे: एक गहरा विश्लेषण

image 49

ट्रम्प के टैरिफ़ विराम से बाज़ार में हेरफेर के दावे उभरे: एक गहरा विश्लेषण

ट्रम्प

10 अप्रैल 2025 को, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर सुर्खियों में जगह बनाई। इस बार मामला उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर की गई एक पोस्ट और उसके बाद की गई एक बड़ी नीतिगत घोषणा से जुड़ा है। बुधवार को, ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि निवेशकों के लिए यह “खरीदारी करने का एक बढ़िया समय” है। उनकी यह पोस्ट अपने आप में सामान्य लग सकती थी, लेकिन कुछ ही घंटों बाद उन्होंने उच्च टैरिफ़ पर 90 दिनों के विराम की घोषणा की।

इस घोषणा का असर तत्काल देखने को मिला—शेयर बाज़ार में उल्लेखनीय तेजी आई। लेकिन इस तेजी के साथ ही विवाद भी शुरू हो गया। आलोचकों, जिनमें कुछ डेमोक्रेटिक नेता भी शामिल हैं, ने ट्रम्प पर बाज़ार में हेरफेर और संभावित अंदरूनी व्यापार (इनसाइडर ट्रेडिंग) का आरोप लगाया। इन आरोपों ने न केवल ट्रम्प की मंशा पर सवाल उठाए हैं, बल्कि इस मामले की गहन जांच की मांग को भी तेज कर दिया है। आइए, इस घटनाक्रम को विस्तार से समझते हैं।

ट्रम्प की पोस्ट और टैरिफ़ विराम की घोषणा

ट्रम्प का ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करना कोई नई बात नहीं है। वह अक्सर इस मंच का उपयोग अपने विचारों, नीतियों और समर्थकों से संवाद करने के लिए करते हैं। बुधवार को उनकी पोस्ट में निवेशकों को शेयर बाज़ार में खरीदारी करने की सलाह दी गई थी। यह संदेश अपने आप में अस्पष्ट था—इसमें कोई विशिष्ट स्टॉक या सेक्टर का उल्लेख नहीं था। लेकिन कुछ ही घंटों बाद, ट्रम्प ने घोषणा की कि वह उच्च टैरिफ़, जो वैश्विक व्यापार और बाज़ारों पर दबाव डाल रहे थे, को 90 दिनों के लिए स्थगित कर रहे हैं। यह घोषणा अप्रत्याशित थी, क्योंकि हाल के महीनों में ट्रम्प अपनी “अमेरिका फर्स्ट” नीति के तहत टैरिफ़ को बढ़ाने की वकालत करते रहे थे।

इस घोषणा का असर तुरंत शेयर बाज़ार पर दिखा। अमेरिकी बाज़ारों में तेजी आई, और कई प्रमुख सूचकांकों ने दिन के अंत तक उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की। निवेशकों ने इस कदम को सकारात्मक माना, क्योंकि टैरिफ़ का स्थगन वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता को कम करने वाला कदम था। लेकिन इस तेजी के पीछे की कहानी इतनी साधारण नहीं थी।

ट्रम्प

बाज़ार में हेरफेर और अंदरूनी व्यापार के आरोप

ट्रम्प की पोस्ट और टैरिफ़ विराम की घोषणा के बीच का समय अंतर—महज कुछ घंटे—आलोचकों के लिए संदेह का मुख्य कारण बना। उनका तर्क है कि ट्रम्प ने अपनी पोस्ट के जरिए निवेशकों को एक संकेत दिया, जिसके बाद उनकी घोषणा ने बाज़ार को ऊपर की ओर धकेल दिया। कुछ आलोचकों ने इसे बाज़ार में हेरफेर का एक स्पष्ट उदाहरण बताया। डेमोक्रेटिक नेताओं और वित्तीय विश्लेषकों के एक वर्ग ने दावा किया कि यह संभव है कि ट्रम्प या उनके करीबी सहयोगियों ने इस जानकारी का उपयोग निजी लाभ के लिए किया हो।

अंदरूनी व्यापार का आरोप गंभीर है। यह एक ऐसी प्रक्रिया को संदर्भित करता है जिसमें कोई व्यक्ति गोपनीय, गैर-सार्वजनिक जानकारी का उपयोग करके शेयर बाज़ार में व्यापार करता है। यदि ट्रम्प या उनके सहयोगियों ने टैरिफ़ विराम की घोषणा से पहले स्टॉक खरीदे और फिर घोषणा के बाद उन्हें बेचकर मुनाफा कमाया, तो यह कानूनी रूप से अंदरूनी व्यापार माना जा सकता है। हालांकि, अभी तक इस तरह का कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया है। फिर भी, सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने दावा किया कि ट्रम्प के करीबी कॉर्पोरेट दोस्तों ने इस छोटे समय अंतराल में लाखों गुना मुनाफा कमाया। ये दावे अभी सत्यापित नहीं हुए हैं, लेकिन इनसे विवाद और गहरा गया है।

शेयर बाज़ार पर प्रभाव

टैरिफ़ नीतियों का शेयर बाज़ार पर सीधा असर पड़ता है। पिछले कुछ महीनों में, ट्रम्प की आक्रामक टैरिफ़ नीतियों ने वैश्विक बाज़ारों में अस्थिरता पैदा की थी। एशियाई और यूरोपीय बाज़ारों में गिरावट देखी गई थी, और अमेरिकी बाज़ार भी दबाव में थे। लेकिन 90 दिनों के टैरिफ़ विराम की घोषणा ने इस माहौल को अचानक बदल दिया। निवेशकों ने राहत की सांस ली, और स्टॉक की कीमतों में तेजी देखी गई। विशेष रूप से उन कंपनियों के शेयरों में उछाल आया जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भर हैं, जैसे कि टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल सेक्टर।

हालांकि, यह तेजी सभी के लिए सकारात्मक नहीं थी। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह एक अस्थायी उछाल हो सकता है। टैरिफ़ नीति में बार-बार बदलाव बाज़ार में अनिश्चितता को बढ़ा सकता है, और निवेशकों का भरोसा लंबे समय तक बना रहना मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा, यदि अंदरूनी व्यापार के आरोपों की जांच शुरू होती है, तो यह बाज़ार की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठा सकता है।

ट्रम्प

आलोचकों का पक्ष

आलोचकों का कहना है कि ट्रम्प का यह कदम उनकी पुरानी रणनीति का हिस्सा है—अप्रत्याशित बयानों और नीतियों के जरिए बाज़ार और जनता का ध्यान अपनी ओर खींचना। डेमोक्रेटिक नेताओं ने इसे “अनैतिक और संभावित रूप से अवैध” करार दिया। एक वरिष्ठ डेमोक्रेटिक सांसद ने कहा, “ट्रम्प ने पहले भी अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया है, और यह उसी का एक और उदाहरण है। हमें इसकी जांच करनी चाहिए कि क्या उन्होंने या उनके सहयोगियों ने इस घोषणा से पहले बाज़ार में कोई असामान्य गतिविधि की।” कुछ स्वतंत्र विश्लेषकों ने भी इस बात पर सहमति जताई कि समय संदिग्ध है और इसकी पारदर्शी जांच जरूरी है।

ट्रम्प का मौन

इन सभी आरोपों के बावजूद, ट्रम्प ने अभी तक इस मामले पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। यह उनके लिए असामान्य नहीं है—वह अक्सर विवादों के बीच चुप्पी साध लेते हैं और बाद में अपने समर्थकों के बीच अपनी बात रखते हैं। उनके समर्थकों का मानना है कि यह आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और डेमोक्रेट्स ट्रम्प को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। एक समर्थक ने सोशल मीडिया पर लिखा, “ट्रम्प ने बाज़ार को बचाया, और अब वामपंथी उन्हें इसके लिए सजा देना चाहते हैं। यह हास्यास्पद है।”

ट्रम्प

आगे की राह

इस घटनाक्रम ने कई सवाल खड़े किए हैं। पहला, क्या वास्तव में अंदरूनी व्यापार हुआ था? इसके लिए अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) को ट्रम्प की घोषणा से पहले और बाद के बाज़ार के लेनदेन की जांच करनी होगी। दूसरा, क्या यह बाज़ार में हेरफेर का मामला है? यह साबित करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इसके लिए ट्रम्प की मंशा को स्पष्ट रूप से स्थापित करना होगा। तीसरा, इस घटना का लंबे समय तक बाज़ार और ट्रम्प की विश्वसनीयता पर क्या असर होगा?

फिलहाल, यह स्पष्ट है कि ट्रम्प का टैरिफ़ विराम एक साधारण नीतिगत निर्णय से कहीं अधिक है। यह एक ऐसा कदम है जिसने आर्थिक, राजनीतिक और कानूनी बहस को जन्म दिया है। यदि जांच शुरू होती है और आरोप सिद्ध होते हैं, तो इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। दूसरी ओर, यदि यह केवल एक संयोग साबित होता है, तो ट्रम्प के समर्थक इसे उनकी आर्थिक कुशलता के प्रमाण के रूप में पेश करेंगे।

https://twitter.com/i/status/1910220382067384825

ट्रम्प के टैरिफ़ विराम और उससे पहले की उनकी पोस्ट ने शेयर बाज़ार को एक नई दिशा दी, लेकिन साथ ही विवादों को भी हवा दी। बाज़ार में हेरफेर और अंदरूनी व्यापार के आरोप गंभीर हैं, और इनका सच सामने आने में समय लगेगा। तब तक, यह घटना ट्रम्प के अप्रत्याशित और प्रभावशाली व्यक्तित्व का एक और उदाहरण बनी रहेगी। निवेशकों, आलोचकों और समर्थकों की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि यह कहानी आगे कैसे बढ़ती है। क्या यह एक सुनियोजित चाल थी, या महज एक संयोग? इसका जवाब भविष्य में ही मिलेगा।

Seraphinite AcceleratorOptimized by Seraphinite Accelerator
Turns on site high speed to be attractive for people and search engines.