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सास की कीमती चीज और 2-दामादों की लालच: एक कत्ल की दास्तान

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सास की कीमती चीज और 2-दामादों की लालच: एक कत्ल की दास्तान

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पारिवारिक रिश्तों में प्यार और विश्वास की नींव होती है, लेकिन कभी-कभी लालच और जलन इन रिश्तों को खून से रंग देते हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव में हुई एक घटना ने सबको चौंका दिया। यह कहानी दो दामादों की है, जिनकी नजर अपनी सास की एक अनमोल चीज पर थी। यह चीज इतनी खास थी कि इसके लिए दोनों में ऐसी दुश्मनी पैदा हुई कि एक ने दूसरे का कत्ल कर डाला। आखिर वह चीज क्या थी? और इस हत्याकांड के पीछे की वजह क्या थी? आइए, इस घटना को विस्तार से समझते हैं।

घटना की शुरुआत: सास की संपत्ति

यह मामला मार्च 2025 की शुरुआत का है, जब उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के एक गांव में रहने वाली 65 साल की विमला देवी (सास) की जिंदगी में उथल-पुथल मच गई। विमला देवी एक विधवा सास थीं और उनकी दो बेटियां थीं – रेखा और पूजा। रेखा की शादी गांव के ही संजय यादव से हुई थी, जबकि पूजा की शादी पास के कस्बे में रहने वाले अजय सिंह से हुई थी। विमला (सास) के पास एक पुरानी हवेली थी, जो उनके पति की विरासत थी। लेकिन इस कहानी का असली केंद्र वह हवेली नहीं, बल्कि उसमें छिपा एक अनमोल खजाना था – एक प्राचीन सोने का हार।

यह हार विमला (सास) के ससुराल से आया था और पीढ़ियों से उनके परिवार में था। कहा जाता है कि यह हार न केवल कीमती था, बल्कि उसमें जड़े रत्नों के कारण उसकी कीमत करोड़ों में थी। विमला (सास) इसे अपनी सबसे कीमती चीज मानती थीं और इसे अपने पास एक तिजोरी में संभालकर रखती थीं। लेकिन इस हार की खबर उनके दोनों दामादों – संजय और अजय – तक पहुंच गई थी। दोनों को लगता था कि अगर यह हार उनके हाथ लग जाए, तो उनकी जिंदगी बदल जाएगी।

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दो दामादों की लालच भरी नजर

संजय और अजय दोनों ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। संजय एक छोटी सी दुकान चलाता था, जो मुश्किल से चल रही थी। वहीं अजय मजदूरी करता था और उसकी आमदनी परिवार चलाने के लिए काफी नहीं थी। जब उन्हें सास के उस सोने के हार के बारे में पता चला, तो दोनों के मन में लालच जाग उठा। संजय को लगता था कि रेखा बड़ी बेटी है, इसलिए यह हार उसकी पत्नी को मिलना चाहिए। दूसरी ओर, अजय का मानना था कि पूजा अपनी मां के ज्यादा करीब थी, तो हार पर उसका हक बनता है।

शुरुआत में दोनों ने अलग-अलग अपनी सास से इस हार के बारे में बात करने की कोशिश की। विमला (सास) ने साफ कह दिया कि वह यह हार किसी को नहीं देगी और इसे अपनी बेटियों के लिए संभालकर रखेगी। लेकिन संजय और अजय का लालच कम होने के बजाय बढ़ता गया। दोनों ने आपस में इस बात को लेकर तनातनी शुरू कर दी। गांव में लोग बताते हैं कि दोनों दामाद अक्सर एक-दूसरे से बहस करते हुए देखे गए थे।

तनाव का बढ़ना: एक खतरनाक मोड़

15 मार्च 2025 की शाम को यह तनाव अपने चरम पर पहुंच गया। उस दिन विमला (सास)अपने घर पर अकेली थीं। संजय और अजय दोनों अलग-अलग बहाने से उनके घर पहुंचे। संजय ने कहा कि वह रेखा के लिए कुछ सामान लेने आया था, जबकि अजय ने पूजा की ओर से कुछ पूछने का बहाना बनाया। लेकिन असल में दोनों की नजर उस तिजोरी पर थी, जिसमें हार रखा था। विमला को शक हो गया और उन्होंने दोनों को डांटकर घर से निकाल दिया।

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। रात करीब 10 बजे संजय और अजय फिर से विमला (सास) के घर के पास मिले। इस बार दोनों में जमकर बहस हुई। गांव वालों का कहना है कि उनकी आवाजें दूर तक सुनाई दे रही थीं। बहस इतनी बढ़ गई कि अजय ने गुस्से में पास पड़े एक लोहे के सरिए से संजय पर हमला कर दिया। संजय ने बचने की कोशिश की, लेकिन अजय ने कई बार वार किए और संजय वहीं जमीन पर गिर पड़ा। खून से लथपथ संजय की मौके पर ही मौत हो गई।

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हत्याकांड के बाद: गांव में सनसनी

अजय को अपनी गलती का अहसास हुआ, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उसने भागने की कोशिश की, लेकिन कुछ ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर संजय के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और अजय को हिरासत में ले लिया। विमला देवी (सास) इस घटना से सदमे में चली गईं। उन्होंने कहा, “मुझे क्या पता था कि मेरा हार मेरे परिवार में इतना बड़ा खून-खराबा कराएगा।”

पुलिस की जांच में पता चला कि यह हत्या अचानक गुस्से का नतीजा नहीं थी, बल्कि इसके पीछे लंबे समय से चली आ रही योजना थी। अजय ने पूछताछ में कबूल किया कि वह संजय को रास्ते से हटाना चाहता था ताकि हार पर उसका अकेला कब्जा हो सके। उसने यह भी कहा कि उसे लगा था कि संजय उससे पहले हार चुरा लेगा।

परिवार पर असर: टूटते रिश्ते

इस घटना ने विमला (सास) के परिवार को पूरी तरह तोड़ दिया। रेखा अपने पति की मौत से गहरे सदमे में है और उसने अपनी मां को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। वहीं पूजा अपने पति अजय के इस कृत्य से शर्मिंदगी महसूस कर रही है। विमला अब अकेली रह गई हैं और वह हार, जो कभी उनकी शान था, अब उनके लिए अभिशाप बन गया है। गांव में लोग इस घटना को लेकर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। कोई इसे लालच की पराकाष्ठा कह रहा है, तो कोई इसे रिश्तों की नाजुक डोर का टूटना बता रहा है।

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समाज के लिए सबक

यह घटना सिर्फ एक हत्याकांड की कहानी नहीं है; यह हमें लालच और रिश्तों के बीच के नाजुक संतुलन के बारे में सोचने पर मजबूर करती है। एक सोने का हार, जो परिवार की विरासत था, दो दामादों की आपसी जलन और दुश्मनी का कारण बन गया। यह हमें बताता है कि धन और संपत्ति की चाहत कितनी खतरनाक हो सकती है। अगर संजय और अजय ने अपने लालच पर काबू रखा होता, तो शायद यह परिवार आज भी एकजुट होता।

कानूनी कार्रवाई और भविष्य

पुलिस ने अजय के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है और वह जेल में है। कोर्ट में उसका मुकदमा जल्द शुरू होगा। दूसरी ओर, विमला ने फैसला किया है कि वह उस हार को बेच देंगी और उससे मिलने वाले पैसे को अपनी बेटियों के बीच बांट देंगी। लेकिन क्या यह फैसला उनके टूटे रिश्तों को जोड़ पाएगा? यह सवाल अभी अनुत्तरित है।

सास की उस अजीब चीज – एक सोने के हार – ने दो दामादों के बीच ऐसी आग लगाई कि एक की जान चली गई और दूसरा सलाखों के पीछे पहुंच गया। यह कहानी लालच, जलन और पारिवारिक रिश्तों के टूटने की दुखद मिसाल है। आज, 18 मार्च 2025 को, जब यह घटना सुर्खियों में है, यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या संपत्ति इतनी कीमती है कि उसके लिए रिश्तों को कुर्बान कर दिया जाए? इस हत्याकांड ने न केवल एक परिवार को बर्बाद किया, बल्कि समाज को भी एक कड़वा सबक दिया। क्या हम इससे कुछ सीखेंगे? यह समय ही बताएगा।

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