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नरेंद्र मोदी 2024 में प्रधानमंत्री पद के लिए जनता की पहली पसंद

नरेंद्र मोदी

देश की जनता के लिए नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में पहली पसंद है| एक सर्वेक्षण में शामिल करीब आधे लोग प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी का नाम सुझाते हैं| सबसे अहम बात यह है कि लोगों को प्रधानमंत्री पद के लिए किसी नेता के नाम का विकल्प नहीं दिया गया था| सभी ने अपने मन से सबसे पहले मोदी जी का नाम सुझाया है|

कांग्रेस नेता राहुल गांधी दूसरे नंबर के राजनेता हैं, जिनका नाम लोगों ने इस पद के लिए सुझाया| 10 में से 3 लोगों के अनुसार प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी दूसरे नंबर के मजबूत दावेदार हैं| अन्य तीन नाम जो सबसे ज्यादा लिए गए, उसमे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, और समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव का नाम शामिल है|

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मोदी की गारंटी के लिए मतदान

आम चुनावो को लेकर चल रहे चुनाव प्रचार में यह स्पष्ट हो चुका है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी का केंद्र है| चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने मतदाताओं से बातचीत में यह स्पष्ट कर दिया है कि, भाजपा को वोट देंने वाले मतदाता इस बार मोदी की गारंटी के लिए मतदान करेंगे| यह हैरानी की बात नहीं होगी की चुनाव में एनडीए उम्मीदवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांगे| वे मतदाताओं से पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए अपील करेंगे, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश का नेतृत्व करें| प्रधानमंत्री मोदी अपने कई भाषणों में स्पष्ट कर चुके हैं कि वह फिर से सत्ता में आ रहे हैं|

भाजपा और कांग्रेस की गारंटी में लोगों की रुचि लगभग बराबर

आम सर्वेक्षण के अनुसार, मोदी की गारंटी और राहुल गारंटी को लेकर मतदाताओं में बहुत ज्यादा उत्साह नहीं है| बहुत कम मतदाता है, जो दलों की गारंटी को लेकर उत्साहित है| एक सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से 23% मोदी की गारंटी, जबकि 17% को राहुल की गारंटी में विश्वास है| आकड़ों के अनुसार मोदी और राहुल गारंटी में लोगों को दिलचस्पी को लेकर कोई खास अंतर नहीं है| कांग्रेस की तुलना में भाजपा की गारंटी को पसंद करने वाले सिर्फ 7% अधिक है| स्पष्ट है कि मौके को देखकर वोट करने वाले मतदाता दोनों दलों और उनकी गारंटी के बीच ज्यादा अंतर नहीं कर पा रहे हैं|

चुनावी वादों की जगह ‘गारंटी’

चुनाव में वादे पुरानी परंपरा है| इस बार के आम चुनाव में वादे की जगह गारंटी ने ले ली है| चुनावी मैदान में गारंटी शब्द आने के साथ ही प्रतिस्पर्धा और रोचक हो गई है| पार्टियां अलग-अलग गारंटी पेश कर रही हैं| इसी बीच मतदाताओं के सामने अलग-अलग दलों की गारंटी और वादों पर विश्वास की चुनौती हैं| बीजेपी ‘मोदी सरकार की गारंटी’ के जरिए चुनावी अभियान चला रही है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार आश्वस्त कर रहे हैं कि जनता उनकी गारंटी का सम्मान करेगी| विपक्षी दल कांग्रेस गारंटी के जरिए मतदाताओं को साधने की तैयारी कर रहे है|

नरेंद्र मोदी

हर वर्ग के दिल में नरेंद्र मोदी के लिए जगह

चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में देखने के लिए क्षेत्र वार अलग-अलग राय है| ग्रामीण इलाकों में गरीबों से ज्यादा आर्थिक रूप से संपन्न लोग उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में ज्यादा चाहते हैं| दलितों और आदिवासियों की तुलना में उच्च जाति और अन्य पिछड़े वर्ग उन्हें प्रधानमंत्री पद पर लगातार तीसरी बार विराजमान करने में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं| मुस्लिम वर्ग के 14% लोग इस पद के मोदी जी का नाम बेहतर मानते हैं, वहीं अन्य अल्पसंख्यक जातियों में ऐसी सोच रखने वाले करीब 28% है| आंकड़े बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बार भी जनता का साथ मिलने की उम्मीद ज्यादा है|

मोदी का नेतृत्व पार्टी के लिए ट्रम्प कार्ड

इस बार के आम चुनाव में लीडरशिप फैक्टर भाजपा के लिए ट्रंप कार्ड जैसा है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के सहारे पार्टी लोगों के मन में अर्थव्यवस्था को लेकर जो नकारात्मक भाव है, उसे दूर कर लेगी| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जनता से लगाव और बेहतर भविष्य दिखाने में उनकी निपुणता पार्टी और नरेंद्र मोदी के लिए सकारात्मक संकेत हैं| चुनाव प्रचार में उनकी एक झलक के लिए उनके चाहने वालों की उमड़ती भीड़ इसी का संकेत हैं|

गांवों में मोदी की गारंटी पर लोगों को भरोसा

शहरों और कस्बों की तुलना में गांव में रहने वाले लोगों को मोदी की गारंटी में ज्यादा विश्वास है| गांवों में दोनों नेताओं की गारंटी को पसंद करने वालों के बीच का अंतर 9% है| कस्बों में रहने वाले लोगों का मोदी और राहुल गारंटी में बराबर विश्वास है| मोदी और राहुल गारंटी पर अमीर लोगों के मतों के बीच का अंतर करीब 18% है| आंकड़े बताते हैं कि पढ़े-लिखे लोगों की तुलना में कम पढ़े-लिखे मतदाताओं में मोदी की गारंटी ज्यादा लोकप्रिय है| वहीं राहुल गारंटी उन लोगों के बीच ज्यादा चर्चित है, जो ज्यादा पढ़े लिखे हैं|

मोदी सरकार ने काफी काम किया

नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की लोकप्रियता को लेकर सवाल पूछा गया तो करीब एक चौथाई, यानी 23% ने अयोध्या में श्री राम मंदिर के भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह का नाम लेते हुए कहा कि मोदी सरकार ने काम किया है| वहीं 10% में सिर्फ 1, करीब 9% ने यह भी माना की सरकार ने रोजगार बढ़ाने की कोशिश की है| इसी तरह में से 1, करीब 8% लोगों की राय है कि सरकार ने गरीबी कम करने के लिए कई जरूरी कदम उठाए हैं|

नरेंद्र मोदी

मोदी सरकार हर क्षेत्र में दिखा रही है तेजी

एक सर्वेक्षण में 10 में से 1, करीब 11% लोगों ने माना है कि केंद्र सरकार ने मूलभूत ढांचे, विकास के क्षेत्र और अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए बड़े स्तर पर काम किया है| इसी तरह 10 में से 1, करीब 8% लोगों की राय है कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि बेहतर करने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है| इसी का नतीजा है कि भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है|

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लोकसभा चुनाव 2024: कांग्रेस पर गरजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े भाजपाई नेता

प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर जमकर हमला बोला| उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से दशकों तक गरीबों की जरूरत को कांग्रेस ने नजरअंदाज किया और कभी उनका दर्द नहीं समझा| कांग्रेस सरकार के दौर में भ्रष्टाचार देश की पहचान बन गया था, लेकिन हमारे भारत के लोगों ने कांग्रेस के लूट के लाइसेंस को ही खत्म कर दिया|

छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में विजय संकल्प शंखनाद रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में मुस्लिम लीग की छाप दिखती है| प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार से सबसे ज्यादा नुकसान गरीब लोगों का होता है| 2014 से पहले लाखों करोड़ों रुपए के घोटाले होते थे|

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वह कौन सा पंजा था जो लोगों के पचासी पैसे मार लेता था? – प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में दिल्ली से जब ₹1 भेजा जाता था तो सिर्फ 15 पैसा ही गांव के लोगों तक पहुंचता था| उन्होंने आगे कहा कि यह मैं नहीं कह रहा हूं, यह खुद भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था| आगे प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह कौन सा पंजा था जो 85 पैसे लोगों के मार लेता था| मोदी ने कांग्रेस की लूट की व्यवस्था को बंद किया| भाजपा सरकार ने 10 साल में 34 लाख करोड रुपए सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजे हैं| ₹1 भेजा गया और पूरे 100 पैसे गरीबों के खातों में जमा हो गए|

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत के लाठी मारने वाले बयान पर कहा कि जब कांग्रेस की दुकान बंद हो गई, लूटने का लाइसेंस चला गया तो मोदी को गाली देने लगे| प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि मेरे देशवासी, मेरी माताएं-बहने आज मोदी का रक्षा कवच बन गई है| प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं को जिन्होंने धोखा दिया उनकी तेजी से जांच चल रही है, इसीलिए अब नाराज होकर वे लाठी से मोदी का सिर्फ फोड़ने की धमकी दे रहे हैं|

स्थिरता बनाम अस्थिरता की लड़ाई – प्रधानमंत्री मोदी

बीते सोमवार को महाराष्ट्र के चंद्रपुर की एक अन्य रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी लोकसभा चुनाव को स्थिरता बनाम अस्थिरता की लड़ाई बताया| उन्होंने कहा कि एक तरफ उनके नेतृत्व में केंद्र सरकार देशहित में कड़े फैसला ले रही है, तो वहीं विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का लक्ष्य सत्ता पाओ और मलाई खाओ का है|

प्रधानमंत्री

श्री राम मंदिर बनने से इंडी गठबंधन हो गया है नाराजप्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का जिक्र करते हुए कहा कि रामनवमी अब बहुत दूर नहीं है उन्होंने कहा कि इस बार अयोध्या में हमारे राम लाल टेंट में नहीं बल्कि भव्य मंदिर में | उन्होंने कहा की इस बार अयोध्या में हमारे रामलला टेंट में नहीं बल्कि अपने भव्य मंदिर में विराजमान है और अपने भक्तों को दर्शन देंगे|

यह सपना 500 साल की कड़ी तपस्या के बाद पूरा हुआ है| इसकी सबसे अधिक खुशी प्रभु श्री राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ के लोगों को होना स्वाभाविक है| प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया की कांग्रेस और इंडी गठबंधन श्री राम मंदिर बनने से बहुत नाराज है और कांग्रेस के शाही परिवार ने तो श्री राम मंदिर के भव्य प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का न्योता ही ठुकरा दिया था|

यूपी में दंगाइयों की खैर नहीं! – मुख्यमंत्री योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को महाराष्ट्र में पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में धुआंधार प्रचार किया| इस दौरान उन्होंने वर्धा और भंडारा में विशाल जनसभा को संबोधित किया| मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब दंगा नहीं होता है क्योंकि दंगा करने वालों को पता है कि यूपी में उल्टा लटका दिए जाएंगे| आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का परिणाम है कि अब मुंबई हमलों के आतंकी पाकिस्तान में भी सुरक्षित नहीं है|

उन्होंने आगे कहा कि यह पहला चुनाव है जिसके परिणाम को लेकर पूरे देश में एकमत है| जनता भी जानती है कि आएंगे तो मोदी जी ही| उन्होंने कहा कि श्री छत्रपति शिवाजी महाराज और श्री बाला साहेब ठाकरे के सपनों को केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार पूरा कर रही है| योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को पहचान, सुरक्षा, सम्मान, समृद्धि दी है और साथ-साथ में गरीब कल्याण के अनेक कार्यक्रम भी किए हैं|

प्रधानमंत्री

इंडी गठबन्धन के आधे नेता बेल पर, तो आधे नेता जेल में! – जेपी नड्डा

धामपुर में सोमवार को चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विपक्ष पर निशाना साधा| उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन के आधे नेता बल पर हैं तो आधे नेता जेल में है, यह सब क्या देश का विकास करेंगे| उन्होंने आगे कहा कि घमंडिया गठबंधन के सभी दल भी भ्रष्टाचारी हैं और सभी पार्टियां परिवार की हैं, उन सब में परिवारवाद बसा हुआ है जिससे उन्हें आम जनता से कोई मतलब नहीं है| जेपी नड्डा ने कांग्रेस के घोषणा पत्र की 1929 मेंजिन्ना द्वारा ले गए मुस्लिम लीग के प्रस्ताव से तुलना की|

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कांग्रेस का खत्म होता हुआ अस्तित्व

कांग्रेस

कहा जाता है कि डूबते जहाज में कोई सवारी नहीं करना चाहता। यही स्थिति आज भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की हो गई है| केवल एक परिवार के इर्द-गिर्द परिक्रमा करने की परंपरा के कारण देश की इस सबसे पुरानी पार्टी का लोकतंत्र खत्म हो चुका है, इसी कारण यह अब अपने अस्तित्व के संकट के दौर से गुजर रही है|

आलम यह है कि भारतीय जनता पार्टी जो कि विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है उसके विशाल संगठन के विरोध में गठित इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व जिस कांग्रेस को सिरमौर बनाकर करना चाहिए था, आज वह स्वयं दयनीय अवस्था में है और विभिन्न क्षेत्रीय दलों की कृपा पर निर्भर रहने को विवश है| उसके नेतागढ़ एक-एक करके पार्टी छोड़ रहे हैं और भाजपा का दामन थाम रहे हैं| ऐसा लग रहा है कि अपने नेताओं को रोकने का कोई प्रयास तक कांग्रेस पार्टी नहीं कर पा रही है|

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पूरे भारत में सिकुड़ रही है कांग्रेस

पश्चिम बंगाल हो या पंजाब, बिहार हो या महाराष्ट्र, दिल्ली हो या उत्तर प्रदेश या फिर अन्य कोई राज्य, आज कहीं पर भी कांग्रेस का मोल -भाव की स्थिति में नहीं है| छोटे-छोटे दल उसे आंख दिखाने लगे हैं| जिसे देखो, वहीं इस पार्टी को नसीहत देता नजर आ रहा है| इससे आम लोगों में इस पार्टी की छवि काफी खराब हो चुकी है| स्थिति यह है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व ही अपना आत्मविश्वास खो चुका है| उसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने देशभर में न्याय यात्राएं निकाली|

लेकिन ऐसा लगता है की उससे भी बात नहीं बनी और वह लोगों का भरोसा तक नहीं जीत सके, तो थक हार कर उन्होंने दक्षिण की अपनी सीट पर ही ध्यान लगना समझा| इन दोनों तो कांग्रेस व राहुल गांधी से ज्यादा खबरें आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं की आती है| इस पार्टी को छोड़ रहे लोगों का यह भी कहना है कि पार्टी नेतृत्व की सनातन धर्म विरोधी व राष्ट्र विरोधी सोच को वे
स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं| पार्टी नेताओं के बढ़बोलेपन से रही-सही कसर भी पूरी हो जाती है| ऐसे में, कोई भी भला कब तक इस पार्टी से जुड़ा रह सकता है?

कांग्रेस

पुरानी सोच से नहीं उबर पाई है कांग्रेस

आज जब भारतीय राजनीती की तस्वीर कहीं ज्यादा स्पष्ट है और पार्टियां अपनी विचारधारा खुलकर जनता के सामने रखती हैं, तो हिन्दुओं की अवहेलना करना कांग्रेस को भारी पड़ रहा है| भाजपा को इसी बात का फायदा मिला है और वह आज सत्ता में है| क्योंकि यह पार्टी अभी पुरानी सोच से उभर नहीं पाई है, इसीलिए वह डूबने के कगार पर पहुंच गई है| जिस तरह से उसके कई नेता पार्टी छोड़ रहे हैं, उससे लगता यही है कि जल्द ही पार्टी का पूरा अस्तित्व खत्म हो जाएगा| बहुत ज्यादा दिनों तक इसे संभालना अब लगभग नामुमकिन जान पड़ता है|

कांग्रेस ने चुनावी घोषणापत्र जारी करने के साथ ही अपना आगामी एजेंडा सामने रख दिया है| कांग्रेस के घोषणा पत्र में युवाओं, महिलाओं, किसानों, श्रमिकों, संविधान, अर्थव्यवस्था, संघवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और पर्यावरण पर ज्यादा देने ध्यान देने की कोशिश हुई है|पिछड़ी जातियों के उत्थान के प्रति कांग्रेस की घोषणाएं विशेष रूप से चर्चा का विषय बन रही हैं लेकिन बात यह है कि क्या यह पार्टी अपने इन सभी वादों को पूरा कर पाएगी? और उससे पहले एक और सवाल यह है कि है कि क्या यह पार्टी सत्ता में आ पाएगी क्योंकि इस पार्टी की जो वर्तमान समय में हालात दिख रही है उससे लगता तो नहीं है कि वह सत्ता में आ पाएगी|

हिंदू धर्म को जातियों में बांटना चाहती है कांग्रेस

क्योंकि कांग्रेस पार्टी में आंतरिक फूट पड़ी हुई है, कई बड़े-छोटे नेता पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम रहे हैं| जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है|बेशक, संविधान लागू होने के कई साल बाद भी जातिगत भेदभाव पूरी तरह ख़त्म नहीं हुआ है और इसे खत्म करने के लिए देश की आने वाली सरकारों को सकारात्मक उपायों के साथ काम करना होगा| अपने घोषणापत्र में कांग्रेस ने इस मंशा को जाहिर करने की कोशिश की है|

कांग्रेस

विकास की दौड़ में पीछे रह गए लोगों के लिए हर पार्टी को पहल करनी ही चाहिए| कांग्रेस के घोषणा पत्र में यह बताया गया है कि सत्ता में आने के बाद वह पिछड़ी जातियों का भला करेगी, लेकिन पिछले 70 सालों में इस पार्टी ने पिछड़ी जातियों को सिर्फ शेखचिल्ली के सपने ही दिखाएँ हैं| और रही बात जातिगत जनगणना कराने की तो इस सोंच से केवल हिंदू धर्म को बांटने की शाजिस रची जा रही है जो कांग्रेस ने अपने पिछले शाशनकालों में किया|

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