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बिहार का अनोखा प्रेम: 3 बच्चों का बाप, 5 बच्चों की मां और सड़क पर हंगामा

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बिहार का अनोखा प्रेम: 3 बच्चों का बाप, 5 बच्चों की मां और सड़क पर हंगामा

बिहार

बिहार के सहरसा जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है, जो सुनने में किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लगती। यह कहानी प्यार, धोखे, गुस्से और ड्रामे से भरी हुई है। एक तीन बच्चों के पिता और पांच बच्चों की मां के बीच शुरू हुआ इश्क कोर्ट मैरिज तक पहुंचा, लेकिन इसकी भनक जैसे ही पहली पत्नी को लगी, मामला सड़क पर हाई-वोल्टेज ड्रामे में बदल गया। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी और लोग हैरानी से इस अनोखे प्रेम प्रसंग की चर्चा करने लगे। आइए, इस घटना के हर पहलू को विस्तार से जानते हैं।

प्यार की शुरुआत: छुप-छुप कर मिलना

बिहार के सहरसा जिले के सौरबाजार थाना क्षेत्र के कॉप पश्चिमी पंचायत में रहने वाले राजेश कामत की शादी करीब आठ साल पहले हुई थी। उनकी पत्नी मीना देवी के साथ उनके तीन बच्चे हैं। दूसरी ओर, इसी इलाके की रहने वाली रेखा देवी की शादी दस साल पहले हुई थी और उनके पांच बच्चे हैं। जानकारी के मुताबिक, रेखा का अपने पहले पति से झगड़ा हो गया था, जिसके बाद वह उससे अलग रहने लगी थी। इसी दौरान राजेश और रेखा की मुलाकात हुई। शुरुआत में दोनों छुप-छुप कर मिलते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनका रिश्ता गहरा होता गया। कुछ दिनों से तो दोनों खुलेआम साथ रहने लगे थे, जिससे इलाके में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया।

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कोर्ट मैरिज: इश्क का अगला कदम

राजेश और रेखा का प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि दोनों ने अपने-अपने परिवार को छोड़कर एक-दूसरे का साथ चुन लिया। दोनों ने चुपके से कोर्ट में जाकर शादी कर ली। रेखा ने बताया कि भले ही उसके पांच बच्चे हों, लेकिन अब उसका अपने पहले पति से कोई रिश्ता नहीं है।

उसने राजेश के साथ नई जिंदगी शुरू करने का फैसला किया और कोर्ट मैरिज को इसकी औपचारिकता दी। उधर, राजेश ने भी इस शादी को सही ठहराते हुए कहा कि उसने रेखा से कोर्ट में शादी की है और अब वह उसके साथ ही रहेगा। दोनों का मानना था कि यह कदम उनकी जिंदगी को नई दिशा देगा। लेकिन यह फैसला उनकी जिंदगी में तूफान लाने वाला साबित हुआ।

पहली पत्नी का गुस्सा: सड़क पर हंगामा

राजेश की पहली पत्नी मीना देवी को जब अपने पति की दूसरी शादी की खबर मिली, तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। मीना ने अपने पति की जासूसी शुरू की और आखिरकार उसे रेखा के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया। इसके बाद जो हुआ, वह किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था।

मीना ने बिहार के सहरसा जिले के बीच सड़क पर राजेश और रेखा को घेर लिया और दोनों के साथ जमकर मारपीट की। पहले उसने अपने पति को पीटा और फिर रेखा पर अपना गुस्सा उतारा। इस दौरान तीनों के बीच खूब झगड़ा हुआ। देखते ही देखते मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। लोग इस हाई-वोल्टेज ड्रामे को देखने के लिए रुक गए और इलाके में सनसनी फैल गई।

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राजेश का ऑफर: दोनों पत्नियों को साथ रखने की इच्छा

इस पूरे हंगामे के बीच राजेश कामत ने एक ऐसा बयान दिया, जिसने सबको हैरान कर दिया। उसने कहा कि वह अपनी दोनों पत्नियों—मीना और रेखा—को साथ रखना चाहता है। उसका कहना था कि वह दोनों के साथ अपनी जिंदगी बिताने को तैयार है और अपने बच्चों की जिम्मेदारी भी उठाएगा। लेकिन मीना को यह प्रस्ताव मंजूर नहीं था। आठ साल तक पति-पत्नी का रिश्ता निभाने और तीन बच्चों को जन्म देने के बाद अपने पति की ऐसी हरकत से वह पूरी तरह टूट चुकी थी। उसने राजेश के इस ऑफर को सिरे से नकार दिया और बिहार के सहरसा जिले के सड़क पर ही अपना गुस्सा जाहिर किया।

रेखा का पक्ष: पहले पति से कोई वास्ता नहीं

रेखा ने इस बिहार के सहरसा जिले के घटना के बाद अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उसके पांच बच्चे जरूर हैं, लेकिन वह अपने पहले पति से पूरी तरह अलग हो चुकी है। उसका कहना था कि अब उसका अपने पहले पति से कोई संबंध नहीं है और उसने राजेश के साथ कोर्ट मैरिज करके नई शुरुआत की है। रेखा का यह भी कहना था कि वह राजेश के साथ खुश है और अब उसी के साथ रहना चाहती है। लेकिन इस बात ने मीना के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया। मीना का मानना था कि उसके पति ने उसके साथ धोखा किया है और उसे इसकी सजा मिलनी चाहिए।

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पुलिस का हस्तक्षेप: जांच शुरू

हंगामा बढ़ता देख बिहार के सहरसा जिले के स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों को समझा-बुझाकर शांत कराया और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस के सामने राजेश ने दोहराया कि वह अपनी दोनों पत्नियों को साथ रखने को तैयार है। लेकिन मीना इस बात के लिए राजी नहीं थी। उसका कहना था कि राजेश ने उसके साथ विश्वासघात किया है और उसे इसकी कीमत चुकानी चाहिए। बिहार के सहरसा जिले की पुलिस अब इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि कोर्ट मैरिज के पीछे की पूरी कहानी क्या है और क्या यह कानूनी रूप से वैध है।

समाज की प्रतिक्रिया: चर्चा का विषय

इस घटना ने बिहार के सहरसा जिले के कॉप पश्चिमी पंचायत में हलचल मचा दी है। बिहार के सहरसा जिले के लोग इस अनोखे प्रेम प्रसंग की चर्चा कर रहे हैं। कुछ लोग इसे प्यार की जीत मान रहे हैं, तो कुछ इसे परिवार और सामाजिक मूल्यों के खिलाफ बगावत बता रहे हैं। इस घटना ने यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या प्यार की खातिर अपने परिवार को छोड़ना सही है? राजेश और रेखा के फैसले ने उनके बच्चों के भविष्य पर भी सवालिया निशान लगा दिया है। मीना के तीन बच्चे और रेखा के पांच बच्चे अब इस उलझन का हिस्सा बन गए हैं।

कानूनी पहलू: क्या कहता है कानून?

भारत में एक साथ दो शादियां करना कानूनन अपराध है, जब तक कि पहली शादी को तलाक के जरिए खत्म न कर दिया जाए। राजेश की कोर्ट मैरिज ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या उसने अपनी पहली पत्नी से तलाक लिया था? अगर नहीं, तो उसकी दूसरी शादी कानूनी रूप से वैध कैसे हो सकती है? पुलिस की जांच में इन सवालों के जवाब सामने आएंगे। अगर राजेश ने बिना तलाक के दूसरी शादी की है, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

निष्कर्ष: प्यार या पागलपन?

बिहार के सहरसा जिले की यह घटना प्यार की अजब-गजब दुनिया का एक नमूना है। राजेश और रेखा का इश्क कोर्ट तक पहुंचा, लेकिन मीना के गुस्से ने इसे सड़क पर ला दिया। इस कहानी में हर किरदार अपने हिस्से का दर्द और सच लिए खड़ा है। राजेश का दोनों पत्नियों को साथ रखने का सपना क्या सच होगा, या यह मामला कानूनी पचड़े में उलझकर खत्म हो जाएगा? यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन एक बात साफ है—यह प्रेम कहानी बिहार के सहरसा जिले के लोगों के लिए लंबे समय तक चर्चा का विषय बनी रहेगी।

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अंतिम विचार

प्यार एक ऐसी भावना है, जो कभी-कभी इंसान को ऐसे रास्ते पर ले जाती है, जहां समाज और कानून के नियम टकराने लगते हैं। राजेश और रेखा की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। क्या आपको लगता है कि प्यार में सब जायज है, या फिर परिवार और जिम्मेदारियों को नजरअंदाज करना गलत है? बिहार के सहरसा जिले की इस घटना पर अपनी राय जरूर बताएं।

मध्य प्रदेश: हिंदू लड़की से शादी के लिए कोर्ट पहुंचा मुस्लिम युवक, हिंदू संगठनों ने किया हंगामा

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मध्य प्रदेश: हिंदू लड़की से शादी के लिए कोर्ट पहुंचा मुस्लिम युवक, हिंदू संगठनों ने किया हंगामा

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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक अंतरधार्मिक विवाह का मामला उस समय विवादों में घिर गया जब एक मुस्लिम युवक अपनी हिंदू प्रेमिका के साथ कोर्ट मैरिज के लिए जिला अदालत पहुंचा। जैसे ही इस घटना की जानकारी हिंदू संगठनों को लगी, उन्होंने अदालत परिसर में हंगामा कर दिया। इस दौरान युवक के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट भी की गई। मामले ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी बहस को जन्म दिया है।

क्या है पूरा मामला?

भोपाल निवासी शहजाद अहमद नामक युवक अपनी हिंदू प्रेमिका के साथ जिला अदालत पहुंचा था। दोनों शादी करने की योजना बना रहे थे और इसके लिए उन्होंने कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। हालांकि, हिंदू संगठनों को जब इस बारे में पता चला, तो वे मौके पर पहुंच गए और जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, संगठन के सदस्यों ने युवक को घेर लिया और उसकी मंशा पर सवाल उठाते हुए उसे धमकाने लगे। बाद में, मामला बढ़ते-बढ़ते धक्का-मुक्की और हाथापाई तक पहुंच गया।

हिंदू संगठनों का आरोप: ‘लव जिहाद’ का मामला?

विरोध कर रहे हिंदू संगठनों ने इसे ‘लव जिहाद’ का मामला बताया। संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने आरोप लगाया कि युवक पिछले तीन वर्षों से युवती के साथ संबंध में था, जब वह नाबालिग थी। उन्होंने दावा किया कि युवती को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जा रहा था।

तिवारी ने कहा,
“हम ऐसे मामलों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह लव जिहाद का एक और उदाहरण है, जिसमें हिंदू लड़कियों को झांसे में लेकर शादी के नाम पर उनके धर्म परिवर्तन की कोशिश की जाती है।”

हालांकि, युवती ने पुलिस को दिए अपने बयान में इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि वह अपनी मर्जी से शादी कर रही है।

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पुलिस की कार्रवाई

कोर्ट परिसर में बढ़ते हंगामे को देखते हुए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। पुलिस ने युवक और युवती को सुरक्षित बाहर निकाला और उन्हें हिरासत में ले लिया। दोनों से पूछताछ की गई और उनके परिवारों से संपर्क किया गया।

भोपाल पुलिस के एक अधिकारी ने बताया,
“हमने दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर लिए हैं। शुरुआती जांच में युवती ने कहा है कि वह अपनी मर्जी से शादी कर रही है और उस पर कोई दबाव नहीं है। फिलहाल, मामले की गहन जांच की जा रही है।”

सोशल मीडिया पर मामला गर्माया

यह घटना सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो गई। इस मुद्दे पर लोग दो धड़ों में बंटे नजर आए—कुछ लोगों ने इसे ‘लव जिहाद’ का मामला बताया, जबकि अन्य ने इसे दो वयस्कों के निजी फैसले में बाहरी हस्तक्षेप करार दिया।

एक ट्विटर यूजर ने लिखा,
“अगर दो लोग अपनी मर्जी से शादी कर रहे हैं, तो किसी को इसमें दखल देने का हक नहीं होना चाहिए। यह उनकी निजी जिंदगी का मामला है।”

वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा,
“लव जिहाद के मामलों को रोकना जरूरी है। सरकार को इस पर सख्त कानून लागू करना चाहिए।”

अंतरधार्मिक विवाह और कानून

भारत में विशेष विवाह अधिनियम (Special Marriage Act, 1954) के तहत विभिन्न धर्मों के लोग बिना धर्म बदले शादी कर सकते हैं। हालांकि, इस कानून के तहत शादी करने के लिए 30 दिन पहले विवाह का नोटिस देना होता है, ताकि अगर किसी को कोई आपत्ति हो, तो वह दर्ज की जा सके।

मध्य प्रदेश सरकार ने पहले ही ‘लव जिहाद’ के खिलाफ सख्त कानून लागू किया है, जिसे ‘मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम, 2021’ कहा जाता है। इस कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति धोखे से, दबाव डालकर, या झांसा देकर किसी का धर्म परिवर्तन करवाता है, तो उसे 10 साल तक की सजा हो सकती है।

इस मामले में भी पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या युवती पर किसी प्रकार का दबाव था या नहीं।

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राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

इस मामले को लेकर राजनीतिक दलों की भी प्रतिक्रियाएँ आई हैं।

बीजेपी का रुख:

मध्य प्रदेश सरकार के एक मंत्री ने कहा,
“हम प्रदेश में लव जिहाद को बढ़ावा नहीं देने देंगे। अगर कोई धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”

कांग्रेस की प्रतिक्रिया:

वहीं, कांग्रेस ने इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला बताया और सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,
“अगर दो वयस्क सहमति से शादी कर रहे हैं, तो किसी को भी इसमें दखल देने का अधिकार नहीं है। बीजेपी सरकार बेवजह समाज में ध्रुवीकरण कर रही है।”

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएँ

यह कोई पहला मामला नहीं है जब अंतरधार्मिक विवाह को लेकर विवाद हुआ हो। पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें हिंदू संगठनों ने मुस्लिम युवकों पर हिंदू लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है।

हाल ही में उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी इसी तरह के मामले सामने आए थे, जहाँ पुलिस ने हस्तक्षेप कर दोनों पक्षों से पूछताछ की थी।

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क्या कहता है समाज?

समाज में इस तरह के मामलों को लेकर दो तरह की राय देखी जाती है। एक वर्ग मानता है कि शादी पूरी तरह से व्यक्तिगत मामला है और इसमें किसी भी बाहरी संगठन या व्यक्ति को हस्तक्षेप करने का हक नहीं होना चाहिए।

वहीं, दूसरा वर्ग ‘लव जिहाद’ को गंभीर मुद्दा मानता है और इसे रोकने के लिए सख्त कानूनों की मांग करता है।

भोपाल विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र की प्रोफेसर डॉ. अंजलि मिश्रा कहती हैं,
“समाज में विश्वास और आपसी समरसता बनाए रखने के लिए जरूरी है कि धर्म और विवाह जैसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति न की जाए। हर व्यक्ति को अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार है, लेकिन जबरदस्ती या धोखाधड़ी से हुए धर्म परिवर्तन पर कानून का सख्त होना जरूरी है।”

यह मामला न केवल कानूनी बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से भी बेहद संवेदनशील है। अंतरधार्मिक विवाहों को लेकर विवाद कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस तरह की घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि समाज में अभी भी धार्मिक आधार पर गहरे मतभेद मौजूद हैं।

आने वाले दिनों में पुलिस की जांच से स्पष्ट हो पाएगा कि यह वास्तव में एक प्रेम विवाह का मामला था या इसमें किसी प्रकार का दबाव था। लेकिन इतना तय है कि इस घटना ने एक बार फिर ‘लव जिहाद’ और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर बहस को हवा दे दी है।

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