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इजराइल-ईरान युद्ध: 300 बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन दागने के बावजूद ईरान को मिली असफलता

मिसाइल

ईरान ने रविवार तड़के इजराइल पर 300 से अधिक ड्रोन, बैलिस्टिक मिसाइलें और क्रूज मिसाइलें दाग दी है| इजराइली सेना के प्रवक्ता ने कहा कि दागी गयी सभी मिसाइलों और ड्रोन में से 99% को हवा में ही नष्ट कर दिया गया है|

हमले के बाद ईरान और इजरायल के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए हैं| अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन समेत दुनिया के तमाम देशों और संयुक्त राष्ट्र ने हमले की कड़ी निंदा की है|

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हमले का बदला लेगा ईरान

सीरिया में 1 अप्रैल को हुए हवाई हमले में ईरानी वाणिज्य दूतावास में दो ईरानी जनरल के मारे जाने के बाद ईरान ने बदला लेने का प्रण लिया था| ईरान ने हमले के पीछे इजराइल का हाथ होने का आरोप लगाया थ|

ईरान दोगुनी ताकत से हमला करेगा

ईरान ने बयान जारी कर कहा कि अगर इजराइल ने हमले का जवाब दिया तो उस पर दोगुनी ताकत से वार करेंगे| ईरान ने अमेरिका को भी मदद नहीं करने की चेतावनी दी है| ईरान ने 1969 की इस्लामी क्रांति के बाद शुरू हुई, दशकों पुरानी दुश्मनी के बाद इजरायल पर पहली बार सीधे तौर पर हमला किया है|

इजराइल ने कहा कि हमला अभी समाप्त नहीं हुआ है

इजरायली सेवा के प्रवक्ता हैगारी ने कहा कि इजराइली नागरिकों की रक्षा के लिए जो भी आवश्यक है, सेना वह करेगी| उन्होंने कहा कि हमला अभी समाप्त नहीं हुआ है, दर्जनों इजरायल के युद्धक विमान आकाश में चक्कर लगा रहे हैं|

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान

उन्होंने रविवार को कहा कि ईरान-इजरायल संघर्ष से बने हालात चिंताजनक है| उन्होंने तत्काल तनाव कम करने का आह्वान किया| उन्होंने कहा कि अभी हमने लोगों को इजराइल या ईरान की यात्रा न करने की सलाह दी है| साथ ही उन देशों में पहले से मौजूद भारतीय लोगों से अत्यधिक सावधानी बरतने को कहा है|

भारतीय लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी

इजराइल में भारतीय दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया है| यह नंबर हैं- +989128109115, +98993179567, +989932179359, +98-21-88755103-5, इन नंबर पर लोगों को सहायता मिलेगी|

मिसाइल

इजराइल के मजबूत रक्षा कवच को भेद नहीं पाई ईरानी मिसाइलें

ईरान ने दे-दनादन इजराइल पर 300 मिसाइलें और ड्रोन दागकर दहशत पैदा तो कर दी लेकिन इजराइल के अभेद्य तीन स्तरीय सुरक्षा कवच की वजह से नुकसान ज्यादा नहीं हो पाया| इजरायल के ऐरो एरियल डिफेंस सिस्टम ने ईरान के हथियारों को धराशाई कर दिया|

रक्षा सूत्रों के अनुसार, इजरायल की सेना तीन स्तरीय हथियार आयरन ड्रोन, डेविड स्लिंग और ऐरो डिफेंस सिस्टम की वजह से 99 फीसदी ड्रोन और मिसाइल को नष्ट करने में सफल रही है| इन हथियारों में पेट्रियट और आयरन बीम भी प्रमुख रूप से शामिल है| यह भी जान लीजिये कि पिछले साल हमास के ड्रोन और मिसाइल हमले के दौरान भी इन सभी हथियारों की मदद से इजरायल ने हमास के हथियारों को मार गिराया था और खुद की सीमा को सुरक्षित कर लिया था|

तेहरान में मनाया गया जश्न

इजराइल पर ईरान की ओर से किए गए हमले के बाद ईरान की राजधानी तेहरान में जश्न मनाया गया| देर रात मध्य तेहरान में कई लोग जुटे और मार्च निकाला| उसी के साथ-साथ हमास ने भी रविवार को इजराइल पर ईरान के हमले का स्वागत किया फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह ने बयान में कहा कि हमास में ईरान के इस्लामी गणराज्य द्वारा किए गए सैन्य अभियान को एक प्राकृतिक अधिकार मानते हैं|

ईरान ने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस, नाम रखा

इजराइल पर हमले को ईरान ने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस’ कोडनाम दिया है| इस ऑपरेशन से इजराइल में दहशत की स्थिति पैदा हो गई है| हमले की वजह से अचानक भयावह स्थिति हो गई और लोग भागने लगे| इस घटना में 10 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है|

भारतीय दूतावास के संपर्क में है सभी भारतीय

इजराइल में भारतीय दूतावास ने ईरान के हमले के बाद अपने नागरिकों के लिए रविवार को एक नया महत्वपूर्ण परामर्श जारी करा जिसमें उन्हें शांतचित्त रहने और सुरक्षा प्रोटोकॉल के पालन करने की सलाह दी है| भारतीय दूतावास ने अपने सोशल मीडिया के पोस्ट में कहा कि वह इजराइल के अधिकारियों तथा भारतीय समुदाय के सदस्यों के संपर्क में हैं|

इसी घटना के साथ एयर इंडिया की फ्लाइट अस्थाई तौर पर निलंबित कर दी गई है| ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के चलते रविवार को एयर इंडिया ने इसरायली राजधानी तेल अवीव के लिए उड़ाने अस्थाई रूप से निलंबित करने का फैसला किया|

मिलिट्री में ईरान और इजरायल के बीच कौन किस पर भारी?

दुनिया के 145 देशों में ताकतवर मिलिट्री के मामले में ईरान 14वें स्थान पर है, जबकि इजराइल 17वें स्थान पर है| हालांकि, सेना के मामले में ईरान से आगे इजराइल नजर आ रहा है|

मिसाइल

ईरान के पास जहां 42,000 वायु सैनिक है, तो दूसरी तरफ इजरायल के पास 89,000 वायु सैनिक मौजूद हैं| 3.50 लाख थल सैनिक है ईरान के पास, तो वही इजरायल के पास 5.26 लाख थल सैनिक है| 18,500 नौसैनिक हैं इस समय ईरान के पास, तो वही इजरायल के पास इस समय 19,500 नौसैनिक हैं|

इसी के साथ-साथ इजरायल द्वारा विकसित आयरन डोम मिसाइल डिफेंस प्रणाली कम दूरी के रोकटों को मार गिराने में माहिर है| यह एक एयर डिफेंस शील्ड है, जिसका पूरा नाम आयरन डोम एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम है| इस प्रणाली की सफलता दर 90% से अधिक है| इसमें एक इंटरसेप्टर लगा होता है, जो सभी मौसम में कार्य करने में सक्षम है|

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अमेरिका ने इजरायल की तरफ बढ़ाया हाथ, ईरान ने कब्जा किया पोत जिस पर 17 भारतीय मौजूद

अमेरिका

ईरान ने ओमान की खाड़ी में होर्मुज के पास एक इजरायली पोत को रोक कर कब्जे में ले लिया| इसे ईरान की ओर ले जाया गया है| इस घटना के बाद दोनों देशों में तनाव और बढ़ गया है| पोत पर चालक दल के 25 सदस्य भी सवार हैं, जिसमें भारत के 17 नागरिक भी हैं|

पोत जब ईरान के जल क्षेत्र से गुजर रहा था तो ईरानी नौसैनिक इकाई के विशेष बलों ने पोत पर हमला बोला| यह सभी हेलीकॉप्टर से पोत पर उतरे और कुछ समय में पोत को कब्जे में ले लिया| इस पर पुर्तगाल देश का राष्ट्रीय ध्वज लगा था और इसका संचालन लंदन स्थित जोडियाक मैरिटाइम कंपनी कर रही थी, जो इजरायली अरबपति इयाल ओफर के जोडियाक ग्रुप का हिस्सा है|

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अंतिम बार यूएई में रुका था पोत

एमएससी एरीज नाम का एक पोत आखिरी बार संयुक्त अरब अमीरात के बंदरगाह पर रुका था और बीते शुक्रवार को रवाना हुआ| देर शाम जोडियाक ग्रुप ने पोत पर कब्जे की पुष्टि की है| हमले की जानकारी पहले देते हुए ब्रिटिश सेना के मैरिटाइम ट्रेड ऑपरेशंस ने कहा कि घटना अमिराती शहर फुजैराह के पास ओमान खाड़ी में हुई|

इजराइल ने समुद्री डकैती बताया

इजराइली मंत्री काट्ज़ ने ईरान के इस अभियान को समुद्री डकैती करार दिया और कहा है कि यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है|उन्होंने ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स को आतंकी संगठन बताते हुए कहा कि, विश्व के देशों को इस मामले में दखल देना चाहिए| उधर, ईरान-इजरायल तनाव के बीच मध्य पूर्व पर तत्काल परामर्श के लिए जो बाइडन ने डेलावेयर की अपनी साप्ताहिक यात्रा में कटौती की है| व्हाइट हाउस ने ईरान से जप्त किए गए पोत को तुरंत रिहा करने का आह्वान किया है|

अमेरिका ने और सैनिक भेजने की घोषणा की

ईरान की पोत पर कब्जे के बाद अमेरिका ने घोषणा की कि वह अशांत क्षेत्र में और अधिक सैनिक भेज रहा है| ईरान की इजराइल पर हमले की धमकी के बाद अमेरिका ने ऐलान किया था कि वह इजरायल के साथ मजबूती से खड़ा है|

अमेरिका

भारतियों की रिहाई के लिए ईरान के संपर्क में भारत सरकार

विशेष सूत्रों के अनुसार, भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं| सरकार ने बताया है कि हम भारतीय नागरिकों की रिहाई के लिए तेहरान और दिल्ली में राजनाइकों के संपर्क में है| अमेरिका ने भी पोत को छोड़ने के लिए कहा है| ओमान की खाड़ी में होर्मुज में ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स द्वारा कब्जाए गए इजराइली मालवाहक पोत एमएससी एरीज पर सवार भारतीय नागरिकों की रिहाई के लिए भारत सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए हैं|

ईरान द्वारा पोत को नियंत्रण में लेने की सूचना के बाद भारत सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी संभव प्रयास शुरू कर दिए हैं| विशेष सूत्रों के अनुसार, सरकार ने कहा, मालवाहक पोत एमएससी एरीज को ईरान द्वारा नियंत्रण में लेने की जानकारी मिली है| हमें पता चला है की पोत पर भारतीय नागरिक मौजूद हैं| हम भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, कल्याण और शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने के लिए तेहरान और दिल्ली दोनों जगहों पर राजनिक चैनलों के माध्यम से ईरानी अधिकारियों के संपर्क में है| इस घटना की वीडियो में नजर आ रहा हैं की हेलीकॉप्टर से ईरानी कमांडो पोत पर उतरते हैं और उसे कब्जे में ले लेते हैं|

ईरान के हवाई क्षेत्र से नहीं गुजर रहे हैं भारतीय विमान

ईरान और इजरायल के बीच युद्ध के हालातों को देखते हुए भारतीय विमान ईरान के हवाई क्षेत्र से नहीं गुजर रहे हैं| भारतीय विमान कंपनियों ने इसके लिए वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करना शुरू कर दिया है| भारतीय विमान यूरोप और मध्य पूर्व के लिए अपना रास्ता बदल रहे हैं| एयर इंडिया और विस्तारा की ओर से इसकी पुष्टि की गई है| भारत सरकार ने भारतीय नागरिकों से ईरान की यात्रा न करने की अपील की है|

बाइडेन ने कहा कि इजराइल पर हमला न करे ईरान

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजराइल पर जल्द ईरान का हमला होने की आशंका जताई, साथ ही ईरान को चेतावनी दी है कि वह ऐसा ना करे| उन्होंने साफ किया कि अमेरिका इजरायल की सुरक्षा के लिए संकल्पबद्ध है| हम इजराइल का समर्थन करते हैं| अमेरिका इजरायल की सुरक्षा में सहायता देगा और इरान सफल नहीं हो पाएगा|

अमेरिका

अमेरिकी राष्ट्रपति का यह स्पष्ट संदेश इजराइल पर हमले को तैयार ईरान के लिए है| इसी बीच अमेरिका ने अपने विमान वाहक युद्धपोत यूएसएस आइजनहावर को लाल सागर के रस्ते इजरायल के लिए रवाना कर दिया है| यह युद्धपोत इसराइल पर ईरान के हमले को रोकने में मदद करेगा| व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि मध्य-पूर्व के देशों में तैनात अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा के लिए भी इंतजाम बढ़ाए जा रहे हैं|

1 अप्रैल को सीरिया की राजधानी दमिश्क स्थित ईरान के दूतावास पर हवाई हमले में सीनियर जनरल समेत ईरानी सेना के 7 सैन्य अधिकारियों के मारे जाने के बाद ईरान ने इजराइल को दंडित करने का ऐलान किया है| इससे यह आशंका पैदा हुई है कि ईरान किसी भी समय इजराइल पर हमला कर सकता है|

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Israel and Iran: Is there going to be a war between them?

Iran

Amid Israel-Iran tension, an American media report has claimed that Iran can attack Israel in 2 days. This information has been given by quoting America’s Intelligence Department.

If this report is to be believed, attacks may occur within the next 24 to 48 hours. Special sources related to Persia have said that the attack plan is being discussed, although no final decision has been taken. Tension between the two countries has increased after the Israeli attack on the Iranian embassy in Syria. Persia has warned of an attack on Israel.

Information related to the Israeli attack has reached Iran’s supreme leader, Ayatollah Ali Khamenei. On Thursday, British Foreign Minister Annalena Barebach and David Cameron spoke to Iranian counterpart Hossein Amir Abdollahian.

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Netanyahu has given a warning to Iran

Recently, Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu gave a direct warning to Iran and said that if anyone harms us, we will respond. He said that Israel has issued all alerts regarding security. We are fully prepared defensively and offensively.

Israel is on alert

Israel is on high alert after the Iranian threat. He has canceled the leaves of all his soldiers. Our air defense system has been strengthened and put on alert. Weapons have been deployed, and every situation is being closely monitored.

Iran

French citizens advised not to travel

In view of the fear of attack by Iran, France has advised its citizens not to travel to this region. They have been asked to avoid traveling to Iran, Palestine, and Israel. French Foreign Minister Stéphane Séjourn has made this recommendation after Persia’s threat.

Fear of another war

Tension is increasing in the Arab world. Israel is already crossing the limits of aggression, and now Iran has also adopted an equally aggressive posture in comparison to it. According to experts, Iran can target any Israeli location at any time. Here, Israel is also on full alert to respond. Tension between Persia and Israel has increased so much that within a day, US Secretary of State Antony Blinken spoke to the foreign ministers of Turkey, China, and Saudi Arabia.

The US Secretary of State is trying to explain that increasing tension in the Middle East is not in anyone’s interest. It is important to say here that America looks weak; it has had tensions with Persia for years, and it is not in a position to influence Iran directly. So he is taking help from the leaders of those countries that have special influence on Persia.

Here, America must wonder why this situation has come to this. Israel’s independence has its place, but how can its unbridled aggression be defended? Despite destroying Gaza, Israel is not ready for a ceasefire. More than six months have passed since Palestine was bombed. It may not have taken responsibility for the attack on the Iranian embassy in Syria, but it has also not done much to dispel Persia’s suspicions. Iran continues to blame Israel for the April 1 attack on its consulate in Damascus, in which a senior member of the Islamic Revolutionary Guard Corps was killed.

There is pressure on Iran to avenge the deaths of its people, and if that happens, a new war will break out in the Arab world or the war will expand. It is a matter of great misfortune for the world that Israel is also ready for war in other places besides Gaza and what is even sadder is that America will not be ready to compromise Israel’s security under any circumstances. It is also a matter of concern that America has asked its citizens in Israel to be cautious.

Iran

If war breaks out on a new front, it will have wide-ranging effects. For example, the Israeli government has announced that more than 6,000 Indian workers will come to Israel between April and May to deal with the labor shortage and aid the country’s construction industry. Meaning, the outbreak of war will also increase the worries of Indians. Indians are also facing unnecessary tension in the Russia-Ukraine war. It would be better if India has minimal connection with war and war zones.

India has often made the aggressor country understand that war is not in anyone’s interest, but obviously, peace does not have much meaning for many countries in the world. While it is not possible to praise Israel, Iran also cannot be praised. It is very sad and very shameful for Iran to be in favor of ruthless and dangerous terrorist organizations like Hamas and Hezbollah. In the civilized world, there can be other ways of putting forth one’s demand and fighting for it; hence, the inhumane practice of directly helping terrorists will have to be abandoned by all those countries that really want peace in the world.

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