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Iran’s nuclear sites are in danger

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After Iran’s attacks, Israel may attack its nuclear sites in response. The head of the International Atomic Energy Agency himself, Rafael Grassi, has expressed concern about this.

His statement came after the Israeli Army Chief said that Israel will definitely respond to Iran’s drone-missile attacks. Grassi said that Iran had closed its nuclear bases for security reasons. He feared that Israel would attack it’s nuclear bases; however, the nuclear bases were resumed on Monday.

When Grassi was asked about the possibility of Israeli attacks on Iranian nuclear sites, he said that we are always concerned about this possibility. He has appealed to Israel to remain calm.

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Iran had informed about closing nuclear plants

Grassi said that our inspectors present there were informed about the closure of nuclear plants in Iran. He said that our inspectors are inspecting there every day. The IAEA Director General says that nuclear inspectors have been kept away until we see whether the situation is completely calm or not.

Following the attacks, Benjamin Netanyahu has called a war cabinet meeting for the fifth time. It is not clear whether he will respond directly or attack its interests or allies. Lebanon’s Iran-backed terrorist organization, Hezbollah, said on Tuesday that it has carried out two drone attacks on Israel. Israel has also confirmed these attacks and said that 3 people have been injured in them.

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Israel wrote letter to 32 countries

Israeli Foreign Minister Benny Katz has written a letter to 32 countries. In this, he has demanded a ban on Iran’s missile program. Apart from this, he has demanded to declare the Islamic Revolutionary Guard Corps, a branch of Iran’s army, a terrorist organization. Katz has said that this will help to weaken Iran. Before it’s too late.

Israel’s right way to deal with Iran

Ever since Israel came into existence, Islamic countries have made life difficult for it. Actually, the United Nations had given permission to the Jews to settle on their historical land, but not even a single day would have passed that they could breathe a sigh of relief. Despite facing all the difficulties, Israel has achieved a very high position with the help of America and Western countries.

It is said that the number of Jews among the richest people in America is very high, and perhaps this is the reason that they have a greater hold on the capitalist American power establishment. After all, why doesn’t Iran let them live in peace? Along with the Palestinian extremists of Hamas, it has been instigating other terrorist organizations in the region by providing them money and weapons to destroy Israel.

In such a situation, how can Israel’s way of dealing with Iran be faulted? Just under the cover of a mosque, Islamic countries support bloodshed even in the 21st century. What should Israel do after all? How can he remain silent after seeing the challenges ahead of him?

If any country oppresses our people or violates our sovereignty, will we not give it a befitting reply? Israel has been doing the same thing till now. Whenever he has been attacked, he has given a concrete reply. Wouldn’t any responsible government do this?

Israel is often described as an oppressive country, but what about the injustice done to the Jews for centuries? Those who underestimate Israel are either stupid or extremely cruel, because either they attack it without thinking about what the consequences are or they think that their own work is being done in this violence.

The Palestine-Israel conflict is a canker on the body of humanity, which is continuously bleeding, and even the nations considered to be the master physicians of the world are not able to cure it. In fact, the Iranian government is troubled by the growing civil unrest on the domestic front.

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Due to his oppressive policies against women, he is being criticized all over the world; hence, to divert the attention of his people and the world, he made an excuse to attack Israel, but the world should understand his intentions and also the helplessness of Israel.

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अमेरिका ने इजरायल की तरफ बढ़ाया हाथ, ईरान ने कब्जा किया पोत जिस पर 17 भारतीय मौजूद

अमेरिका

ईरान ने ओमान की खाड़ी में होर्मुज के पास एक इजरायली पोत को रोक कर कब्जे में ले लिया| इसे ईरान की ओर ले जाया गया है| इस घटना के बाद दोनों देशों में तनाव और बढ़ गया है| पोत पर चालक दल के 25 सदस्य भी सवार हैं, जिसमें भारत के 17 नागरिक भी हैं|

पोत जब ईरान के जल क्षेत्र से गुजर रहा था तो ईरानी नौसैनिक इकाई के विशेष बलों ने पोत पर हमला बोला| यह सभी हेलीकॉप्टर से पोत पर उतरे और कुछ समय में पोत को कब्जे में ले लिया| इस पर पुर्तगाल देश का राष्ट्रीय ध्वज लगा था और इसका संचालन लंदन स्थित जोडियाक मैरिटाइम कंपनी कर रही थी, जो इजरायली अरबपति इयाल ओफर के जोडियाक ग्रुप का हिस्सा है|

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अंतिम बार यूएई में रुका था पोत

एमएससी एरीज नाम का एक पोत आखिरी बार संयुक्त अरब अमीरात के बंदरगाह पर रुका था और बीते शुक्रवार को रवाना हुआ| देर शाम जोडियाक ग्रुप ने पोत पर कब्जे की पुष्टि की है| हमले की जानकारी पहले देते हुए ब्रिटिश सेना के मैरिटाइम ट्रेड ऑपरेशंस ने कहा कि घटना अमिराती शहर फुजैराह के पास ओमान खाड़ी में हुई|

इजराइल ने समुद्री डकैती बताया

इजराइली मंत्री काट्ज़ ने ईरान के इस अभियान को समुद्री डकैती करार दिया और कहा है कि यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है|उन्होंने ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स को आतंकी संगठन बताते हुए कहा कि, विश्व के देशों को इस मामले में दखल देना चाहिए| उधर, ईरान-इजरायल तनाव के बीच मध्य पूर्व पर तत्काल परामर्श के लिए जो बाइडन ने डेलावेयर की अपनी साप्ताहिक यात्रा में कटौती की है| व्हाइट हाउस ने ईरान से जप्त किए गए पोत को तुरंत रिहा करने का आह्वान किया है|

अमेरिका ने और सैनिक भेजने की घोषणा की

ईरान की पोत पर कब्जे के बाद अमेरिका ने घोषणा की कि वह अशांत क्षेत्र में और अधिक सैनिक भेज रहा है| ईरान की इजराइल पर हमले की धमकी के बाद अमेरिका ने ऐलान किया था कि वह इजरायल के साथ मजबूती से खड़ा है|

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भारतियों की रिहाई के लिए ईरान के संपर्क में भारत सरकार

विशेष सूत्रों के अनुसार, भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं| सरकार ने बताया है कि हम भारतीय नागरिकों की रिहाई के लिए तेहरान और दिल्ली में राजनाइकों के संपर्क में है| अमेरिका ने भी पोत को छोड़ने के लिए कहा है| ओमान की खाड़ी में होर्मुज में ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स द्वारा कब्जाए गए इजराइली मालवाहक पोत एमएससी एरीज पर सवार भारतीय नागरिकों की रिहाई के लिए भारत सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए हैं|

ईरान द्वारा पोत को नियंत्रण में लेने की सूचना के बाद भारत सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी संभव प्रयास शुरू कर दिए हैं| विशेष सूत्रों के अनुसार, सरकार ने कहा, मालवाहक पोत एमएससी एरीज को ईरान द्वारा नियंत्रण में लेने की जानकारी मिली है| हमें पता चला है की पोत पर भारतीय नागरिक मौजूद हैं| हम भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, कल्याण और शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने के लिए तेहरान और दिल्ली दोनों जगहों पर राजनिक चैनलों के माध्यम से ईरानी अधिकारियों के संपर्क में है| इस घटना की वीडियो में नजर आ रहा हैं की हेलीकॉप्टर से ईरानी कमांडो पोत पर उतरते हैं और उसे कब्जे में ले लेते हैं|

ईरान के हवाई क्षेत्र से नहीं गुजर रहे हैं भारतीय विमान

ईरान और इजरायल के बीच युद्ध के हालातों को देखते हुए भारतीय विमान ईरान के हवाई क्षेत्र से नहीं गुजर रहे हैं| भारतीय विमान कंपनियों ने इसके लिए वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करना शुरू कर दिया है| भारतीय विमान यूरोप और मध्य पूर्व के लिए अपना रास्ता बदल रहे हैं| एयर इंडिया और विस्तारा की ओर से इसकी पुष्टि की गई है| भारत सरकार ने भारतीय नागरिकों से ईरान की यात्रा न करने की अपील की है|

बाइडेन ने कहा कि इजराइल पर हमला न करे ईरान

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजराइल पर जल्द ईरान का हमला होने की आशंका जताई, साथ ही ईरान को चेतावनी दी है कि वह ऐसा ना करे| उन्होंने साफ किया कि अमेरिका इजरायल की सुरक्षा के लिए संकल्पबद्ध है| हम इजराइल का समर्थन करते हैं| अमेरिका इजरायल की सुरक्षा में सहायता देगा और इरान सफल नहीं हो पाएगा|

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अमेरिकी राष्ट्रपति का यह स्पष्ट संदेश इजराइल पर हमले को तैयार ईरान के लिए है| इसी बीच अमेरिका ने अपने विमान वाहक युद्धपोत यूएसएस आइजनहावर को लाल सागर के रस्ते इजरायल के लिए रवाना कर दिया है| यह युद्धपोत इसराइल पर ईरान के हमले को रोकने में मदद करेगा| व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि मध्य-पूर्व के देशों में तैनात अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा के लिए भी इंतजाम बढ़ाए जा रहे हैं|

1 अप्रैल को सीरिया की राजधानी दमिश्क स्थित ईरान के दूतावास पर हवाई हमले में सीनियर जनरल समेत ईरानी सेना के 7 सैन्य अधिकारियों के मारे जाने के बाद ईरान ने इजराइल को दंडित करने का ऐलान किया है| इससे यह आशंका पैदा हुई है कि ईरान किसी भी समय इजराइल पर हमला कर सकता है|

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