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In UNSC, France once more upheld India’s lasting participation, too, naming these countries

In UNSC, France once more upheld India’s lasting participation, too, naming these countries

UNSC

France once again bolstered India’s lasting participation in UNSC; moreover, it named these countries

France has backed India for the lasting participation of UNSC.

French President Emmanuel Macron has bolstered India’s lasting enrollment in the Joined Together Countries Security Board. Talking at the UN Common Gathering, Macron has said that the UNSC needs to be made more compelling; for this, he upheld the candidature of Brazil, Japan, Germany, and two African nations counting India.

Earlier, amid the Quad Summit held in America, the Quad nations moreover upheld change in the UNSC. Moreover, amid the assembly with Prime Minister Modi, Joe Biden had said that America would bolster India’s changeless enrollment in the Joined Together Countries Security Council.

UNSC

What did Macron say in UNGA?

French President Emmanuel Macron has said in the UNGA that the joined-together countries need to be made more effective. For this, the number of agents will have to be expanded. He said that France underpins the development of this worldwide body. Tending to the 79th session of the Joined Together Countries Common Get Together, Macron said that India, Brazil, Germany, and Japan ought to get changeless enrollment in the UNSC, and two nations from there ought to too be included to choose the representation of African countries.

India has been requesting change for a long time

Actually, India has been requesting change in the UNSC for a long time and expanding the cooperation of Asian and African nations. But due to China’s resolved demeanor, this was not happening. UNSC is one of the 6 major organs of the joined-together countries; it has 5 lasting and 10 transitory individuals. Changeless individuals are too known as ‘P5’; they too have rejected control. At the same time, brief individuals keep changing each two years.

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For a choice on any issue in the UNSC, endorsement of 9 out of 15 individuals is essential, but if one of the changeless individuals employs his reject control, at that point that proposition / choice is rejected.

UNSC

India’s claim for UNSC is strong

India’s claim to have gotten to be a changeless part of the Joined Together Countries Security Board is solid. India is the quickest-developing economy in the world. India’s showcase is drawing in enormous nations for venture; separated from this, India leads 17 percent of the world’s populace. India is one of the establishing individuals of the UN, and India has continuously contributed a parcel to the peace mission of the joined-together countries. India is an atomic control, and India’s developing picture as a worldwide pioneer in the final few decades cannot be overlooked.

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कारगिल विजय दिवस: वीरता और बलिदान की जीत

कारगिल विजय दिवस: वीरता और बलिदान की जीत

कारगिल

हर साल 26 जुलाई को मनाया जाने वाला कारगिल विजय दिवस, 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों के वीरतापूर्ण प्रयासों और बलिदानों की याद दिलाता है। यह दिन ऑपरेशन विजय के सफल समापन का प्रतीक है, जब भारतीय सशस्त्र बल ने पाकिस्तानी घुसपैठियों से कारगिल की चोटियों को वापस हासिल किया था। यह जीत सिर्फ़ एक सैन्य जीत नहीं थी, बल्कि देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए असाधारण परिस्थितियों में लड़ने वाले अधिकारियों की हिम्मत, समर्पण और लचीलेपन की पुष्टि थी।

संघर्ष की शुरुआत

कारगिल युद्ध 13,000 से 18,000 फीट की ऊँचाई पर लड़ा गया एक विशेष संघर्ष था। इसकी शुरुआत मई 1999 में हुई थी, जब पाकिस्तानी सैनिकों और कार्यकर्ताओं ने कश्मीरी कार्यकर्ताओं के वेश में जम्मू और कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के भारतीय हिस्से पर हमला किया था। इसका उद्देश्य कश्मीर और लद्दाख के बीच संपर्क को काटना और इलाके में दबाव बनाना था, संभवतः नियंत्रण रेखा को संशोधित करना और दोनों देशों के बीच शुरू की गई शांति योजना को प्रभावित करना।

आरंभिक झटका और लामबंदी

इस रुकावट को सबसे पहले स्थानीय चरवाहों ने पहचाना और जल्द ही भारतीय सेना को स्थिति की गंभीरता का पता चल गया। परिदृश्य, जलवायु और दुश्मन की प्रमुख स्थिति ने बड़ी चुनौतियों को प्रदर्शित किया। घुसपैठियों ने चोटियों पर अच्छी तरह से किलेबंद स्थिति बना ली थी, जिससे उन्हें महत्वपूर्ण रणनीतिक लाभ मिला। इन चुनौतियों के बावजूद, भारतीय सशस्त्र बल ने तेजी से अपनी ताकत जुटाई और कब्जे वाले क्षेत्रों को वापस पाने के लिए ऑपरेशन विजय को आगे बढ़ाया।

लड़ाई और नायक

कारगिल युद्ध में कई भयंकर लड़ाइयाँ हुईं, जिसमें योद्धाओं ने असाधारण वीरता और आत्मविश्वास दिखाया। कुछ सबसे शानदार लड़ाइयों में शामिल हैं:

  • टोलोलिंग की लड़ाई: यह सबसे बड़ी लड़ाइयों में से एक थी, जिसमें भारतीय सैनिकों को गंभीर प्रतिरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन अंततः वे टोलोलिंग शिखर पर कब्जा करने में सफल रहे। यह जीत बाद के अभियानों के लिए महत्वपूर्ण थी।
  • टाइगर स्लोप पर कब्ज़ा: यह सबसे कुख्यात और जानबूझकर महत्वपूर्ण जीतों में से एक थी। टाइगर स्लोप पर कब्ज़ा करने के अभियान में कठोर चढ़ाई और भयंकर युद्ध शामिल थे। इस मिशन के दौरान सैनिकों द्वारा दिखाई गई बहादुरी पौराणिक बन गई।
  • प्वाइंट 4875 की लड़ाई: इसमें सैनिकों ने आग के नीचे असाधारण साहस का प्रदर्शन करते हुए गंभीर लड़ाई लड़ी। कैप्टन विक्रम बत्रा, जिन्होंने व्यापक रूप से कहा, “यह दिल मांगे मोर!” को इस लड़ाई में उनकी गतिविधियों के लिए मृत्यु के बाद परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।

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इन लड़ाइयों ने भारतीय सैनिकों की अजेय आत्मा को उजागर किया, जिन्होंने एक स्थिर दुश्मन, कठिन क्षेत्र और प्रतिकूल जलवायु का सामना करने के बावजूद, खोए हुए क्षेत्र को पुनः प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की।

कारगिल

विजय की प्राप्ति

कारगिल युद्ध में विजय भारी कीमत पर मिली। इस युद्ध में 527 भारतीय सैनिकों की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। इन साहसी आत्माओं द्वारा किए गए बलिदान व्यर्थ नहीं गए, क्योंकि उन्होंने भारतीय सीमाओं की पवित्रता की गारंटी दी और किसी भी कीमत पर अपने प्रभुत्व को सुनिश्चित करने के राष्ट्र के संकल्प को दर्शाया।

कारगिल विजय दिवस की वसीयत

कारगिल विजय दिवस सम्मान का दिन है; यह देशभक्ति की भावना और शांति और सुरक्षा की निरंतर इच्छा का उत्सव है। यह सैनिकों और उनके परिवारों द्वारा किए गए बलिदानों को नवीनीकृत करने का कार्य करता है। देश भर में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों और समारोहों में वीरों को श्रद्धांजलि दी जाती है, जिसमें मुख्य समारोह द्रास में कारगिल युद्ध समर्पण समारोह में होता है, जहाँ योद्धा और नागरिक एक साथ मिलकर नायकों का सम्मान करते हैं।

शैक्षणिक संस्थान, सरकारी कार्यालय और विभिन्न संगठन इस दिन की महत्ता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम आयोजित करते हैं। वीरता की कहानियाँ सुनाई जाती हैं और युवा पीढ़ी को कारगिल युद्ध के इतिहास और महत्व के बारे में बताने के लिए वृत्तचित्र और फ़िल्में दिखाई जाती हैं।

कारगिल

सीखे गए सबक

कारगिल युद्ध ने सतर्कता और तत्परता के महत्व को रेखांकित किया। इसने भारत की रक्षा व्यवस्था और कार्यप्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव किए। इस युद्ध ने बेहतर अंतर्दृष्टि और अवलोकन की आवश्यकता को उजागर किया, जिससे सुसज्जित शक्तियों और अंतर्दृष्टि कार्यालयों के बीच बेहतर समन्वय हुआ। युद्ध ने सैन्य हार्डवेयर और नींव के आधुनिकीकरण को भी प्रेरित किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय सशस्त्र बल भविष्य की किसी भी चुनौती से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हैं।

निष्कर्ष

कारगिल विजय दिवस प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का दिन है। यह दिन भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी, समर्पण और तपस्या को याद रखने और उनका सम्मान करने का दिन है। कारगिल युद्ध की बहादुरी की कहानियाँ युगों को जगाती हैं और कर्तव्य और देशभक्ति की भावना पैदा करती हैं। जैसा कि हम इस दिन को मनाते हैं, आइए हम उन मूल्यों और विश्वासों को बनाए रखने का वादा करें जिनके लिए हमारे योद्धाओं ने लड़ाई लड़ी और यह गारंटी दें कि उनकी तपस्या को कभी नहीं भुलाया जाएगा।

इस कारगिल विजय दिवस पर, आइए हम उन वीरों को सलाम करें जिन्होंने हमने पूर्ण समर्पण किया है और राष्ट्र की एकजुटता और उत्साह के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है। जय हिंद!

लोकसभा चुनाव 2024: अमित शाह, प्रियंका गांधी और सीएम योगी में सत्ता संग्राम

प्रियंका गांधी

भ्रष्टाचार करोगे तो जेल जाने से कोई नहीं रोक पायेगा; अमित शाह का प्रहार

गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि राहुल बाबा कहते हैं की धारा 370 वापस ले लेंगे, ट्रिपल तलाक बिल वापस करेंगे| अमित शाह ने कहा कि अखिलेश यादव ने 2021 में सरदार पटेल की प्रतिमा के उद्घाटन के समय पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को महान नेता बताया था| वोट बैंक के लिए जो जिन्ना को महान बताता है उसे वोट देना चाहिए क्या? अखिलेश इतिहास ढंग से पढ़ ले| भारत माता के दो टुकड़े करवाने वाला जिन्ना ही था|

कन्नौज, हरदोई और लखीमपुर खीरी में उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन के समय में साढ़े 12 लाख करोड रुपए के घपले-घोटाले हुए हैं| झारखंड में कांग्रेस सांसद के घर से साढे तीन सौ करोड़ रुपये, ममता बनर्जी के मंत्री के घर से 50 करोड़ रूपए कैश पकड़ा जाता है और फिर वह ईडी और सीबीआई को भला-बुरा कहते हैं| मैं राहुल गांधी और अखिलेश यादव से यही कहना चाहूंगा कि भ्रष्टाचार करोगे तो पकड़े भी जाओगे और जेल भी जाओगे| कोई रोक नहीं सकता है| उन्होंने आगे कहा कि 23 साल तक सीएम और आज तक पीएम रहने के बावजूद 25 पैसे का भी आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नहीं है|

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अमित शाह ने आगे कहा कि वोट बैंक के डर से श्री राम मंदिर के भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अखिलेश यादव, डिंपल यादव, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी नहीं गए थे| उन्होंने कहा कि एक और इंडी गठबंधन है जिसके राज में रोज बम धमाके होते थे| पाकिस्तान से आलिया, मालिया, जमालिया घुस जाते थे और बम धमाके करते थे| दूसरी तरफ मोदी जी हैं जिन्होंने पुलवामा में हमला हुआ तो पाकिस्तान के घर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करके आतंकियों का सफाया कर दिया|

उत्तर प्रदेश ने पिछली बार भाजपा को 64 सीटें दी थी पर अब की बार 80 में से 80 सीटें भाजपा को मिल रहीं हैं| आगे उन्होंने कहा कि मोदी ने गरीबों का कल्याण, युवाओं का सम्मान, किसानों को सही स्थान, नारी शक्ति का गुणगान करने का काम किया है| एक तरफ विपक्षी बेटे-बेटी, पति-पत्नी, भतीजे को सीएम और पीएम बनना चाहते हैं तो दूसरी तरफ मोदी जी किसानों, युवाओं और गरीबों व कल्याण करना चाहते है|

अमित शाह ने कहा कि हरदोई अटल जी की कर्मभूमि रही है| सन 1962 में हरदोई ने दीपक जलाकर जनसंघ को आगे बढ़ने का काम किया था| वह निमंत्रण दे रहे हैं कि 6 जून को मिश्रिख वालों 400 लड्डू लेकर दिल्ली जरूर आइएगा| 409 नए सांसदों को लड्डू खिलाना है| उन्होंने वंदे मातरम व भारत माता की जय के उद्घोष के साथ भाषण का समापन किया|

प्रियंका गांधी

कांग्रेस के घोषणा पत्र में मुस्लिम लीग की छाप; सीएम योगी का पलटवार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कांग्रेस का घोषणा पत्र अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ों और भारत की सनातन आस्था के प्रति अन्याय पत्र है| यह मुस्लिम लीग के नए वर्जन के जैसा है| अगर देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल का घोषणा पत्र मुस्लिम लीग का प्रतिनिधित्व करता हो तो इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ और नहीं हो सकता है|

बुधवार को चुनाव प्रचार के लिए निकलने से पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर परिसर में मीडिया से बातचीत की| कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी द्वारा भाजपा पर नफरत की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया जाने के सवाल पर योगी आदित्यनाथ ने पलटवार किया| उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति जानता है कि बांटो और राज करो की नीति कांग्रेस को विरासत में मिली है|

अंग्रेजों की कुटिल चाल को 1947 में कांग्रेस ने सफल होने दिया और देश का बंटवारा कर दिया| उन्होंने कहा कि अब कांग्रेसी जनता की आंखों में धूल झोंक सत्ता नहीं हथिया पाएंगे क्योंकि नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में पूरा देश एकजुट है| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी के बाद राजनीतिक स्वार्थ के कारण जाति, क्षेत्र और भाषा के नाम पर देश में वर्ग संघर्ष को कांग्रेस ने बढ़ावा दिया है|

जनता के सवालों पर मौन साध लेते हैं प्रधानमंत्री मोदी; प्रियंका गांधी का तंज

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को भाजपा पर गुमराह करने का आरोप लगाया है| कांग्रेस प्रत्याशी राहुल गांधी के प्रचार के लिए दो दिनों से रायबरेली में प्रवास कर रही प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला| प्रियंका गांधी ने कहा कि मोदी जी जनता के सवालों पर मौन साध लेते हैं| जनता को 5 किलो राशन दे दो, लेकिन रोजगार नहीं देना है| सैम पित्रोदा के बयान पर प्रियंका गांधी ने कहा की अमेरिका में किसी ने उल्टा-सीधा बयान दे दिया तो उसको कहा जा रहा है कि यह कांग्रेस की नीति है|

प्रियंका गांधी

रायबरेली के बछरावां विधानसभा क्षेत्र में जनसम्पर्क एवं नुक्कड़ सभाओं में प्रियंका गांधी ने कहा कि पूरी बीजेपी मशीनरी राहुल गांधी के खिलाफ लगी है| उनकी संसद सदस्यता और घर को छीना गया है| तमाम अवरोधों के बाद भी राहुल गांधी ने अन्याय के खिलाफ लड़ाई जारी रखी है| प्रियंका ने कहा कि भाजपा ने आम जनता को गुमराह किया है| उनको लगता है कि 5 किलो अनाज देकर वे आपको आत्मनिर्भर बना देंगे, जबकि वह आपके सम्मान को छीनकर आपको सरकार के ऊपर निर्भर रहना सिखा रहे हैं|

प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार अंबानी-अडानी को सारी संपत्ति दे रही है| एयरपोर्ट, पोर्ट, कोयला खदान आदि सब उनको दिया जा रहा है| प्रियंका गांधी ने कहा कि कांग्रेस ही सिर्फ अडानी-अंबानी को लेकर बोलती है|

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देश-विदेश की ब्रेकिंग न्यूज़

देश

भारत देश ने कहा – कनाडा अलगाववादियों को राजनीतिक जगह ना दें

भारत ने कनाडा की मॉल्टन में झांकियां में हिंसक चित्रण प्रदर्शित करने पर मंगलवॉर को कड़ा विरोध व्यक्त किया | विदेश मंत्रालय ने कनाडा सरकार से कहा कि वह अपने देश में आपराधिक और अलगावादी तत्वों को सुरक्षित आश्रय और राजनीतिक जगह देना बंद करें |

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने पत्रकारों की एक सवालों के जवाब में कहा कि हमनेहिंसक छवियों के बारे में बार-बार अपनी चिंताओं को मजबूती से उठाया है | पिछले साल एक जुलूस में हमारे पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या को दर्शाती एक झांकी का इस्तेमाल किया गया था | कनाडा में भारतीय राजनयिको के खिलाफ हिंसा की धमकी वाले पोस्टर भी लगाए गए |

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जायसवाल ने कहा कि हिंसा का जश्न मानना और उसका महिमामंडन करना किसी भी शभ्य समाज का हिस्सा नहीं होना चाहिए | लोकतांत्रिक देश कानून का सम्मान करते हैं, उन्हें अभिव्यक्त की स्वतंत्रता के नाम पर कट्टरपंथियों तत्वों द्वारा डराने धमकाने की इजाजत बिल्कुल नहीं देनी चाहिए |

मंत्रालय ने कहा कि हम कनाडा में अपने राजनीतिक प्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और उम्मीद करते हैं कि कनाडा सरकार या सुनिश्चित करेगी कि वह बिना किसी डर के अपनी जिम्मेदारियां को निभाने में सक्षम हो |

पन्नू की हत्या के षड्यंत्र में भारतीय जांच का इंतजार

अमेरिका में सिवख अलगाववादी नेता गुरुपत वंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश से संबंधित आरोपों पर भारत दवारा की जा रही जांच के नतीजे का अमेरिका इंतजार कर रहा है |

विदेशी विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी | विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, भारत सरकार ने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है और जाँच जारी है हम जांच की नतीजे का इंतजार करेंगे, लेकिन हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह कुछ ऐसा है जिसे हम गंभीरता से ले रहे हैं और हमें लगता है कि उन्हें भी इसे गंभीरता से लेना चाहिए |

कनाडा के अवर्जन मंत्री मार्क मिलन ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर कि उस टिप्पणी को खारिज कर दिया कि ओटावा लोगों ने वीजा जारी करने में ढिलाई बरतता है और मिलान ने कहा कि कनाडा में प्रवेश करने वालों के रिकॉर्ड की जांच होती है | जयशंकर ने शनिवार को कहा कि ऐसा लोगों को वीजा न दे जो समस्या पैदा कर रहे हैं |

देश

गाजा में हमला कर राफा क्रॉसिंग पर इजरायल की सेना का कब्जा

इजरायली सेना ने कहा कि उसने सोमवार से मंगलवार की रात तक दक्षिणी गंज पट्टी में राफा क्रॉसिंग पर परिचालन नियंत्रण स्थापित कर लिया है |

इजराइल मीडिया पर प्रसारित फुटेज में क्रॉसिंग कि ग़ाज़ा की ओर से एक इजरायली झंडा लहराता हुआ दिखाई दे रहा है | हालांकि सी ने इस झंडे पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है |

इजरायली सी ने सोमवार रात को कहा कि पूर्वी राफा में लक्षित हमले कर रही है | इसमें कहा गए कि अभियान में हमास के बीस आतंकवादी मारे गए और सुरंग में तीन शाफ्ट की खोज की गई |

इजरायली सेवा के एक अधिकारी ने कहा की निकासी क्षेत्र में मौजूद अधिकतर लोग वहां से चले गए | इजरायली रक्षा बलों और फिलीस्तीन के अधिकारियों ने कहा कि गाजा शहर की ठीक दक्षिणमें क्रॉसिंग को टैंकों ने अपने कब्जे में ले लिया है यह घटनाक्रम इसराइल-हमास युद्ध के बाद आया |

फिलीस्तीन समर्थकों का एमआईटी पर फिर कब्जा

पुलिस टीम ने फिलिस्तीन समर्थकों को सोमवार को शिविर छोड़ने की समय सीमा दी थी, लेकिन प्रदेश अधिकारियों ने दोबारा इसे कब्जे में ले लिया | एमआईटी में प्रदर्शन कार्यों को दोपहर की सीमा समय सीमा दी गई थी, जिससे शिक्षा से उन्हें विरोध स्थल छोड़ने को कहा गया था, लेकिन छात्रों ने ऐसा नहीं किया |

एमआईटी प्रवक्ता के मुताबिक कई लोग प्रदर्शन स्थल से चले गए, लेकिन विश्वविद्यालय के बाहर फिर से डेरा डाल लिया | इजरायली पुलिस ने पूर्वी यरुशलम में दो फिलिस्तीनियों को गिरफ्तार किया |

इजराइल 401वी ब्रिगेड ने मंगलवार की सुबह राफा क्रॉसिंग में प्रवेश किया और महत्वपूर्ण सीमा बिंदु पर परिचालन अपने नियंत्रण में ले लिया | सेना ने रात भर राफा में हमले और बमबारी की जिसमें कम से कम छह महिलाओं और 5 बच्चों सहित कम से कम 23 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई |

देश

प्रवासियों ने भरा भारत का खजाना, 111 अरब डॉलर भेजें

प्रवासी भारतीयों ने दुनिया के किसी अन्य देशों के लोगों की तुलना में सबसे अधिक पैसा अपने घर भेजा है | 2022 में प्रवासी भारतीयों ने 111 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक पैसे भारत भेजे हैं | जबकि बाकी देश इसके आस-पास भी नहीं है | इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन की ओर से मंगलवार को जारी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ |

रिपोर्ट के अनुसार भारत पहला देश है जिसे 100 अरब अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार किया है | विदेश में रहने वालों ने एफडीआई से अधिक पैसे भेजे हैं | संगठन की ओर से जारी वर्ल्ड माइग्रेशन रिपोर्ट 2024 में बताया गया की पलायन कर चुके लोगों द्वारा घर भेजा गया पैसा विकासशील देशों प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से अधिक है |

2022 में प्रवासियों ने 831 अरब डॉलर घर भेज, जो 2000 की तुलना में 650 प्रतिशत अधिक है | 2000 में 102 अरब डॉलर ही लोगों ने घर भेजे थे | बड़ी बात यह है कि इनमें से 647 अरब डॉलर काम और मध्यम आय वाले देशों में भेजे गए हैं |

प्रवासियों का पैसा गरीब देश में राजस्व का बड़ा स्रोत है इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन ने रिपोर्ट में कहा कि कोरोना के कारण पैसे भेजने में कमी की कई विश्लेषको की भविष्यवाणी के बावजूद लोगों ने अपने घर पैसे भेजे हैं यानी कोरोना महामारी की बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पढ़ा है |

रिपोर्ट में बताया गया कि जो लोग अपने देश से पलायन कर गए हैं उनके द्वारा घर भेजा गया धन लंबे समय से निम्न आय वाले देशों के लिए राजस्व का एक बड़ा स्रोत है | विश्व बैंक द्वारा दर्ज की गई धन भेजने में वृद्धि और आईओएम द्वारा शोध किए गए आंकड़े बताते हैं कि गरीब अर्थव्यवस्था के लिए प्रवासन कितना महत्वपूर्ण है |

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India and abroad: Breaking news

India

Canada should not give political space to separatists

India expressed strong protests on Tuesday against the display of violent depictions in tableaux in Moulton, Canada. The Ministry of Foreign Affairs asked the Government of Canada to stop providing safe haven and political space to criminal and separatist elements in its country.

Foreign Ministry spokesperson Randhir Jaiswal, in response to a question from journalists, said that we have repeatedly and strongly raised our concerns about violent images. Last year, a tableau depicting the assassination of our former prime minister was used in a procession. Posters threatening violence against Indian diplomats were also put up in Canada.

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Jaiswal said that celebrating and glorifying violence should not be a part of any civilized society. Democratic countries respect the law and should not allow intimidation by fundamentalist elements in the name of freedom of expression.

The ministry said that we are concerned about the safety of our political representatives in Canada and hope that the Government of Canada will ensure that they are able to carry out their responsibilities without any fear.

Awaiting Indian investigation into conspiracy to murder Pannu

America is waiting for the results of the investigation being conducted by India on the allegations related to the conspiracy to murder Sikh separatist leader Gurpat Vant Singh Pannu in the United States of America.

State Department spokesman Matthew Miller said at a press conference on Monday, the Government of India has formed a committee to investigate the matter, and the investigation is ongoing. We will wait for the outcome of the investigation, but we have made it clear that this is something that we’re taking seriously, and we think they should take it seriously too.

Canada’s Immigration Minister Mark Millen rejected Indian Foreign Minister S Jaishankar’s comments that Ottawa is lax in issuing visas to people, and Millen said the records of people entering Canada are checked. Jaishankar said on Saturday that visas should not be given to people who are creating problems.

India

Israeli army captures Rafah crossing by attacking in Gaza

The Israeli army said it had established operational control of the Rafah crossing in the southern Gaza Strip from Monday to Tuesday night.

In footage broadcast on Israeli media, an Israeli flag is seen waving from the Gaza side of the crossing. However, she has refused to comment on this flag.

Israel said on Monday night that it was carrying out targeted attacks in eastern Rafah. It said twenty Hamas militants were killed in the operation, and three shafts were discovered in the tunnel. An Israeli service officer said that most of the people present in the evacuation zone left. Israeli Defense Forces and Palestinian officials said tanks had taken control of the crossing just south of Gaza City, a development that followed the Israel-Hamas war.

Palestine supporters again occupy MIT

The police team had given a deadline to the Palestine supporters to leave the camp on Monday, but the state authorities again took possession of it. The protest actions at MIT were given a deadline of noon, due to which the students were asked to leave the protest site, but the students did not do so. According to an MIT spokesperson, many people left the protest site, but camped again outside the university. Israeli police arrest two Palestinians in East Jerusalem.

Israel’s 401st Brigade entered the Rafah crossing on Tuesday morning and took control of operations at the key border point. The army launched attacks and bombardments in Rafah overnight, killing at least 23 Palestinians, including at least six women and five children.

India

Migrants filled India’s treasury and sent 111 billion dollars

Non-resident Indians have sent more money home than people from any other country in the world. NRIs have sent more than US$111 billion to India in 2022. Whereas the rest of the country is nowhere near this,. This was revealed in the report released on Tuesday by the International Organization for Migration. According to the report, India is the first country to cross the $100 billion US dollar mark. People living abroad have sent more money through FDI.

In the World Migration Report 2024 released by the organization, it was said that the money sent home by the people who have migrated is more than the foreign direct investment in developing countries. Migrants will send home $831 billion in 2022, which is 650 percent more than in 2000. In 2000, people sent only 102 billion dollars home. The big thing is that out of these, 647 billion dollars have been sent to low- and middle-income countries.

Migrants’ money is a major source of revenue in poor countries. The International Organization for Migration said in the report that despite many analysts’ predictions of a decrease in remittances due to Corona, people have sent money to their homes, which means that the Corona epidemic has not had much impact. is.

The report said that money sent home by people who have fled their countries has long been a major source of revenue for low-income countries. The increase in remittances recorded by the World Bank and researched by the IOM shows how important migration is for poor economies.

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