आज 14 फरवरी, 2025 को पुलवामा हमले की छठी बरसी, लेथपोरा में बढ़ाई गई सुरक्षा

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आज, 14 फरवरी 2025, देश पुलवामा आतंकी हमले की छठी बरसी मना रहा है। यह वही दिन है जब 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के लेथपोरा क्षेत्र में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कई अहम फैसले भी लिए गए थे। इस दुखद घटना की बरसी पर लेथपोरा में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया गया है।
लेथपोरा में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
पुलवामा हमले की बरसी के अवसर पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सुरक्षा बलों ने लेथपोरा सहित अन्य संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया है। सुरक्षाबलों की अतिरिक्त टुकड़ियाँ तैनात की गई हैं और हर आने-जाने वाले व्यक्ति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
सुरक्षा उपायों में शामिल हैं:
- सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त गश्त
- ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी
- हाईवे और अन्य महत्वपूर्ण रास्तों पर बैरिकेडिंग
- संदिग्ध वाहनों और व्यक्तियों की सघन तलाशी
खुफिया एजेंसियों ने पहले ही सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी किया था, जिसके चलते किसी भी संभावित खतरे को रोकने के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं।
हमले की यादें और शहीदों को श्रद्धांजलि
पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 जवानों को आज पूरे देश में याद किया जा रहा है। लेथपोरा स्थित सीआरपीएफ स्मारक पर एक विशेष श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें केंद्रीय और राज्य के आला अधिकारी, सुरक्षाबल और शहीदों के परिजन शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और देश की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी। सीआरपीएफ के महानिदेशक ने अपने संबोधन में कहा कि जवानों का यह बलिदान हमेशा देश की रक्षा में प्रेरणा स्रोत रहेगा।

हमले के बाद की कार्रवाई और आतंकवाद विरोधी कदम
पुलवामा हमले के बाद भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया। इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकी संगठन ने ली थी, जिसका सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में मौजूद है।
हमले के जवाब में भारत ने 26 फरवरी 2019 को बालाकोट एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर बमबारी कर कई आतंकियों को मार गिराया गया। इसके अलावा, सरकार ने कई कड़े कदम उठाए:
- जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया, जिससे राज्य को विशेष दर्जा समाप्त हुआ
- अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर घेरने की कोशिशें की गईं
- एनआईए (NIA) और सुरक्षा बलों ने कई आतंकवादियों को मार गिराया और आतंकी संगठनों के नेटवर्क को कमजोर किया
शहीदों के परिवारों की भावनाएँ
आज के दिन शहीदों के परिवारों की भावनाएँ एक बार फिर उमड़ आई हैं। कई परिजनों ने सरकार से यह अपील की है कि आतंकवाद के खिलाफ और कड़े कदम उठाए जाएँ ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।
एक शहीद के पिता ने कहा, “मेरा बेटा चला गया, लेकिन मैं चाहता हूँ कि कोई और माँ-बाप अपने बेटे को न खोएँ। सरकार को आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए और ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।”

आगे की रणनीति और सुरक्षा उपाय
पुलवामा हमले जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियाँ लगातार सतर्क हैं। सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही हैं, जिससे हाल के वर्षों में आतंकी गतिविधियों में कमी आई है।
सरकार ने भी सुरक्षाबलों को और अधिक आधुनिक उपकरणों और तकनीक से लैस किया है ताकि आतंकी हमलों को पहले ही नाकाम किया जा सके।
पुलवामा हमले की छठी बरसी पर पूरा देश शहीद जवानों को नमन कर रहा है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारे जवान देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने से पीछे नहीं हटते। सरकार और सुरक्षाबल इस बात के लिए प्रतिबद्ध हैं कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो और देश सुरक्षित रहे।
आज, लेथपोरा में कड़ी सुरक्षा के बीच जब देश अपने वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दे रहा है, तो यह भी एक संकल्प का दिन है—आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करने का, ताकि देश के हर नागरिक को सुरक्षित माहौल मिल सके।