विश्व समाचार: यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन में 80 देशों ने हिस्सा लिया, इजराइल हर दिन 8 घंटे युद्ध रोकेगा
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स्विट्जरलैंड के बुर्ग़ेनस्टॉक रिसोर्ट में आयोजित यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन में 80 देशों में इस बात पर सहमति बनी की युद्ध को खत्म करने वाले किसी भी समझौते का आधार यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता ही होना चाहिए| भारत भी इस सम्मेलन में शामिल था, उसने बोला कि हम यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण हल के लिए प्रयास जारी रखेंगे|
रूस की गैर मौजूदगी में संयुक्त बयान जारी किया गया| सम्मेलन में लगभग 100 देश के प्रतिनिधि मौजूद थे, लेकिन रूस को इस सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया गया था| भारत, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और ब्राजील ने संयुक्त दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किया|
भारत की ओर से विदेश मंत्रालय के सचिव पवन कपूर सम्मेलन में शामिल हुए| भारत ने कहा कि वह यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए हितधारकों के साथ काम करना जारी रखेगा|| विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का मानना है कि समाधान के लिए रूस और यूक्रेन के बीच ईमानदार और व्यावहारिक भागीदारी होनी ही चाहिए| तुर्की ने भी हस्ताक्षर किए| इस संयुक्त दस्तावेज में परमाणु, खाद्य सुरक्षा और कैदियों की अदला-बदली जैसी बातें शामिल थी|
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यूक्रेन की संप्रभुता का होना चाहिए सम्मान
जिस मसौदा प्रस्ताव पर सहमति बनी उसके अनुसार, संयुक्त राष्ट्र चार्टर, क्षेत्रीय अखंडता और सम्प्रभुता का सम्मान यूक्रेन में व्यापक न्यायपूर्ण शांति का आधार हो सकता है| कार्यक्रम की मेजबानी करने वाली स्विट्ज़रलैंड की राष्ट्रपति वियोला एमहार्ड ने कहा कि समर्थक देशों का भारी बहुमत यह दर्शाता है कि कूटनीति क्या हासिल कर सकती है| इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि रूस से बातचीत की न्यूनतम शर्त है|
यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने कहा कि हमें मिलकर तय करना होगा कि दुनिया के लिए न्यायपूर्ण शांति का क्या मतलब है और इसे स्थाई तरीके से कैसे हासिल किया जा सकता है| उन्होंने बैठक में शांति की पहल के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की| सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन के सामने रखे गए प्रस्तावों को खारिज कर दिया| इटली की प्रधान मंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने पुतिन के प्रस्ताव को प्रोपेगेंडा करार दिया|
यूक्रेन में बीते दो सालों से ज्यादा समय से युद्ध चल रहा है| जिसके चलते यूक्रेन की अर्थव्यवस्था, शांति और आम जीवन पूरी तरह से विस्थापित हो चुका है| इस शांति शिखर सम्मेलन का मकसद विश्व के देशों को यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए ठोस कदम उठाने के लिए मनाना था| रूस को सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया गया था| वहीं चीन भी इससे दूरी बनाए रखी| ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने पुतिन पर झूठी कहानी गढ़ने का आरोप लगाया है|
इजराइल ने लिया बड़ा फैसला
इजरायली सेना ने रविवार को दक्षिण गाज़ा पट्टी में अधिक से अधिक मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए संघर्ष के दौरान सामरिक विराम की घोषणा की| इजरायली सेना ने बताया कि राफा में सुबह 8:00 से लेकर शाम 7:00 बजे तक सामरिक विराम रहेगा|
सेना ने कहा कि इजरायल के नियंत्रण वाले केरेम शालोम चौराहे तक सहायता ट्रकों को पहुंचाने के उद्देश्य से सामरिक विराम की घोषणा की गई है| यह ट्रक सहायता सामग्री पहुंचाने के लिए सलाह-ए-दींन राजमार्ग पर सुरक्षित रूप से जा सकेंगे|
केरेम शालोम राजमार्ग वह मार्ग हैं जहां से इजरायली सेना को सहायता सामग्री पहुंचाई जाती है| उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों के साथ समन्वय कर संघर्ष के दौरान सामरिक विराम की घोषणा की गई|
8 महीने से अधिक समय से चल रहे युद्ध के कारण गाज़ा में लोगों की स्थिति बेहद दयनीयपूर्ण है| 50 हजार से ज्यादा बच्चे गंभीर कुपोषण का शिकार हैं| लाखों लोगों के सामने भुखमरी जैसे हालात हैं| संयुक्त राष्ट्र मानवतावादी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, यूएन को 6 मई से 6 जून तक प्रतिदिन सहायता के तौर पर औसतन 68 ट्रक प्राप्त हुए|
यह अप्रैल में प्रतिदिन औसतन 168 से काफी कम था| सहायता समूहों का कहना है कि प्रतिदिन 500 ट्रकों की जरूरत है| गाज़ा में सहायता वितरण की देखरेख करने वाली इजराइल सैन्य संस्था कोगाट को कहना है की सहायता ट्रकों के प्रवेश पर रोक नहीं है| उन्होंने बताया कि 2 मई से 13 जून के मध्य 8600 ट्रकों ने विभिन्न क्रासिंग से ग़ज़ा में प्रवेश किया है|
इजरायली सेना ने कहा कि गाज़ा-राजा में अकाल जैसी स्थिति होने पर निर्णय लिया जहां कुछ समय पर लड़ाई रुकी जाएगी| ऐलान के बाद रविवार को सुबह हम लोग, संघर्ष की कोई घटना नहीं देखी गई| हालांकि इजरायली सेना ने कहा कि इन क्षेत्रों में लड़ाई अभी भी खत्म नहीं हुई है|