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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ: माफियाओं को अब मिट्टी भी नसीब नहीं होगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में दुर्दांत माफिया और अपराधियों की कैसी दुर्गति हो रही है आप देख सकते हैं| जिनकी गर्मी हम शांत कर चुके हैं, उन्हें फिर से गर्म मत होने दीजिए| मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि निर्दोषों को छेड़ने वालों को मिट्टी भी नसीब नहीं होगी| साथ ही मुक्यमंत्री ने व्यक्तिगत मतभेद भुलाने की भी अपील की|

मुख्यमंत्री बुधवार को मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र के ठाकुर चौबीसी की रार्धना गांव में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में ऐसा दुर्दांत माफिया भी था कि जब वह निकलता था तो मुख्यमंत्री और न्यायाधीश का काफिला रुक जाता था| पहले उसका काफिला निकलता था| हम उसे कोर्ट तक ले गए| योगी आदित्यनाथ ने अपील की कि मतदान के दिन लोगों को केवल मेरा और मोदी जी का प्रतिनिधि बनकर बूथ पर जाना है|

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्षत्रिय समाज के योगदान को सराहा

क्षत्रिय समाज को महाराणा प्रताप के जीवन की याद दिलाते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्होंने घास की रोटियां खाना स्वीकार कर लिया लेकिन विदेशी ताकतों के आगे झुकना स्वीकार नहीं किया| मुख्यमंत्री योगी ने आगे कहा कि जब महाराणा प्रताप की बात होती है तो भारत के स्वाभिमान की बात होती है| मुख्यमंत्री ने अपील की कि जिन लोगों ने इस क्षेत्र में बहन बेटियों की इज्जत नीलाम करने का काम किया था उन्हें पेरपाने का मौका नहीं देना है| यह लोग दुम दबा कर आएंगे और जीतने के बाद गिरेबान में हाथ डालेंगे|

मतभेद भुलाकर राष्ट्र के लिए सोचें

क्षत्रिय समाज की कथित नाराजगी पर उन्होंने कहा कि हमें व्यक्तिगत मतभेद को किनारे कर राष्ट्र धर्म और राष्ट्र के लिए ही सोचना चाहिए| जो लोग गुमराह कर रहे हैं, उनके चक्कर में ना आए| जाति के सौदागर उपयोग करेंगे और सौदा करके गायब हो जाएंगे| उन्होंने कहा कि संजीव बालियान पिछली बार जितने वोटों से जीते थे, इस बार उससे दोगुनी वोटो से उन्हें जिताने की जिम्मेदारी है| जनसभा को सरधना के पूर्व विधायक संगीत सोम ने भी संबोधित किया|

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मुजफ्फरनगर दंगे की भी याद दिलाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुजफ्फरनगर दंगे की याद दिलाते हुए कहा कि यह वही लोग हैं जिन्होंने संगीत सोम और संजीव बालियान को जेल में डालकर क्षेत्र को दंगे की आग में झोंक दिया था| योगी आदित्यनाथ ने अपील की कि जिन लोगों ने नौजवानों के जीवन को बर्बाद करने का काम किया था उन्हें माफ करने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है|

वोट के लिए अयोध्या जाना नहीं छोड़ सकता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कठुआ में कहा कि जिन्हें नाराज होना है, वे हो जाए| मै वोटबैंक के लिए अयोध्या जाना नहीं छोड़ सकता| पहले लोग खुद को हिंदू बोलने में भी संकोच करते थे, पर आज खुद को गर्व से हिंदू कहते हैं| पहले अयोध्या का नाम लेने में लोग डरते थे| वर्ष 2017 में जब मैं उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बना तो अयोध्या गया| आश्चर्यचकित होकर लोगों ने मुझसे कहा की आप यह क्या कर रहे हैं, कुछ लोग नाराज हो जाएंगे|

मैंने कहा कि हो जाएंगे तो होने दो| मैं जन आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता| वोट बैंक के लिए यह नहीं हो सकता कि मैं अयोध्या ना जाऊं| अयोध्या में भव्य दीपोत्सव की तैयारी करो| अच्छी सरकार बनती है तो 500 वर्षों का कठिन इंतजार भी समाप्त हो जाता है| योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार के कार्यों का जिक्र किया तो उन्होंने विपक्षी पार्टियों को खूब खरि-खोटी सुनाई| सीएम योगी आदित्यनाथ ने जम्मू वासियों को वासंतिक नवरात्रि की शुभकामनाएं भी दीं|

एक्सीडेंटल हिंदुओं ने श्रीराम और श्री कृष्णा पर भी सवाल खड़े किए

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस राम मंदिर का निर्माण करना की नहीं चाहती थी| कांग्रेस ने कहा था कि श्री राम और श्री कृष्णा हुए ही नहीं| एक्सीडेंटल हिंदुओं ने भी प्रभु राम और प्रभु कृष्णा पर सवाल खड़े कर दिए थे, लेकिन आज अयोध्या में प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है| आप आइये,अयोध्या में लगेगा कि साक्षात त्रेतायुग के दर्शन हो रहे हैं| काशी में बाबा काशी विश्वनाथ का धाम भी बन गया है|

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

गलत नेतृत्व चुना तो पाकिस्तान से भी बुरा होगा हाल

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत काम हुआ है| रेलवे, आईआईटी, आईआईएम और एक्सप्रेसवे बन रहे हैं| प्रदेश का पहला खेल विवी इसी लोकसभा क्षेत्र में बन रहा है| भारत आज 80 करोड लोगों को मुफ्त राशन दे रहा है तो दूसरी ओर पाकिस्तान दुनिया में कटोरा लेकर भीख मांग रहा है| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यदि गलत नेतृत्व चुना तो हालत पाकिस्तान से भी बदतर होंगें|

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बढ़ीं मुश्किलें

अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उच्च न्यायालय से मंगलवार को बहुत बड़ा झटका लगा है| अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड के विरुद्ध दाखिल याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट नें खारिज कर दिया है| अदालत ने अपने आदेश में कहा कि उनकी गिरफ्तारी कानून का उल्लंघन नहीं है| इस फैसले के बाद अरविंद केजरीवाल फिलहाल जेल में ही रहेंगे|

न्यायमूर्ति स्वर्ण कांत शर्मा की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त आधार मौजूद हैं| पीठ नें यह भी कहा कि विशेष अदालत द्वारा केजरीवाल को रिमांड पर देना भी कानून सम्मत है| पीठ ने कहा कि यह सिर्फ केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड का मामला नहीं है, बल्कि यह आम आदमी के लिए कानूनी प्रावधान को समझने का मसला भी है| इसीलिए पीठ विस्तृत तौर पर कानूनी पक्ष को स्पष्ट कर रही है| मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से जिन आधारों पर गिरफ्तारी और रिमांड के विरोध किया गया, वह आधारहीन है|

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पीठ ने कहा कि ईडी द्वारा एकत्र की गई सामग्री से पता चलता है कि अरविंद केजरीवाल ने साजिश रची थी| वह अपराध की आय के उपयोग को छिपाने में सक्रिय रूप से शामिल थे| ईडी की जांच से यह भी पता चलता है कि वह आम आदमी पार्टी के संयोजक के तौर पर इन सब में शामिल थे| ईडी द्वारा गिरफ्तारी कानूनी तौर पर एकदम उचित है| पीठ ने जोर दिया कि कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है| अदालतें संवैधानिक नैतिकता से जुड़ी होती हैं, ना कि राजनीतिक नैतिकता से| इसीलिए केजरीवाल की याचिका को खारिज किया जाता है

अरविंद केजरीवाल के चुनाव अभियान रोकने के लिए कार्यवाई

केजरीवाल के वकील ने दलील देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के दिन उन्हें गिरफ्तार किया गया, ताकि वह चुनाव का हिस्सा न बन सके|

अरविंद केजरीवाल

ईडी के पास पर्याप्त साक्ष्य

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि ईडी के पास आरोपों को लेकर प्रथम दृष्टया पर्याप्त साक्ष्य हैं| कानून सभी के लिए एक समान रूप से लागू होता है| केजरीवाल के राजनेता होने का मतलब यह नहीं है कि एक आरोपी का नाम सामने आ जाने के बाद उसे महज इस लिए बाहर रखा जाए कि वह लोकसभा या अन्य चुनाव का हिस्सा बन सके| कानून में व्यक्ति विशेष के लिए कोई विशेषाधिकार नहीं है| यदि साक्ष्य है तो कोई भी समय हो, आरोपी की गिरफ्तारी होगी|

परेशान करना उद्देश्य

केजरीवाल की ओर से दलील दी गई कि केंद्र ने जानबूझ कर उन्हें धन संशोधन में फसाया है जबकि उनके खिलाफ साक्ष्य नहीं है| सारा मकसद इस समय पर परेशान करना है|

केंद्र सरकार की भूमिका नहीं

हाईकोर्ट ने कहा यह मामला केंद्र और केजरीवाल के बीच का नहीं बल्कि अरविंद केजरीवाल और ईडी के बीच का है| इसमें केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है| जांच एजेंसी अपना काम कर रही हैं|

मुख्यमंत्री केजरीवाल की दलीलें और हाईकोर्ट के जवाब

दलील: ईडी ने जानबूझकर वह समय चुना जब चुनाव सर पर है|

अदालत की टिप्पणी: गिरफ्तारी कानून के हिसाब से होगी न की चुनाव की तारीख देखकर|

दलील: सरकारी गवाहों के बयान दर्ज करने का तरीका सही नहीं था|

अदालत की टिप्पणी: हाईकोर्ट बोली की बयान दर्ज करने पर सवाल उठाना, अदालत को कलंकित करने जैसा है|

दलील: गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है|

अदालत की टिप्पणी: कोर्ट ने कहा कि न्यायाधीश कानून से बंधे हैं राजनीति से नहीं|

दलील: केजरीवाल की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भी हो सकती थी| ईडी जानबूझकर उन्हें अदालत में बुलाने पर डटी रही|

अदालत की टिप्पणी: आरोपी तय नहीं करेगा की जांच किस तरह की जाए, जांच आरोपी की सुविधा के मुताबिक नहीं की जा सकती है|

अरविंद केजरीवाल

गिरफ्तारी से लेकर अब तक क्या हुआ?

21 मार्च को ईडी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को गिरफ्तार किया, और उसी दिन केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई मगर अगले दिन उसे वापस ले लिया| 22 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को ईडी की रिमांड पर भेज दिया| 23 मार्च को मुख्यमंत्री दिल्ली हाईकोर्ट गए| 1 अप्रैल को कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया| 3 अप्रैल को हाईकोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई पूरी, अदालत ने निर्णय सुरक्षित रखा|

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Chief Minister Arvind Kejriwal’s troubles increased

Arvind Kejriwal

Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal got a big blow from the High Court on Tuesday. The Delhi High Court has rejected the petition filed against Kejriwal’s arrest and remand. The court said in its order that his arrest is not a violation of the law. After this decision, Arvind Kejriwal will remain in jail for the time being.

The bench of Justice Swaran Kant Sharma said in its decision that the Enforcement Directorate (ED) has sufficient grounds for the arrest of Arvind Kejriwal. The bench also said that giving Arvind Kejriwal remand by the special court is also legal. The bench said that this is not just a matter of arrest and remand for Arvind Kejriwal; it is also an issue of understanding the legal provisions for the common man. That is why the bench is clarifying the legal side in detail. The grounds on which Chief Minister Arvind Kejriwal opposed the arrest and remand are baseless.

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The bench said that the material collected by the ED shows that Arvind Kejriwal had hatched the conspiracy. He was actively involved in concealing the use of the proceeds of crime. ED’s investigation also reveals that he was involved in all this as the convenor of Aam Aadmi Party. The arrest by ED is absolutely justified by law. The bench emphasized that the law applies equally to all. Courts are concerned with constitutional morality, not political morality. That’s why Kejriwal’s petition was rejected.

Action to stop election campaign of Arvind Kejriwal

Arvind Kejriwal’s lawyer argued that he was arrested on the day of the announcement of Lok Sabha elections, so that he could not be a part of the elections.

Arvind Kejriwal

ED has enough evidence

The Delhi High Court said that the ED has sufficient prima facie evidence regarding the allegations. The law applies equally to everyone. Arvind Kejriwal being a politician does not mean that after the name of an accused comes out, he should be kept out just so that he can be a part of the Lok Sabha or other elections. There is no privilege for any individual under the law. If there is evidence, no matter the time, the accused will be arrested.

Purpose to harass

It was argued on Arvind Kejriwal’s behalf that the Center has deliberately implicated him in the money amendment issue even though there is no evidence against him. The whole purpose is to create trouble at this time.

No role of central government

The High Court said that this matter is not between the Center and Kejriwal but between Arvind Kejriwal and ED. The central government has no role in this. The investigating agency is doing its work.

Chief Minister Kejriwal’s arguments and High Court’s answers

Argument: The ED deliberately chose the time when elections are on the horizon.

Court’s comment: Arrest will be made as per law and not on the basis of the election date.

Argument: The method of recording the statements of government witnesses was not correct.

Court’s comment: Raising questions about recording the statement of the High Court bid is like tarnishing the court.

Argument: The arrest is politically motivated.

Court’s comment: The court said that judges are bound by law and not by politics.

Argument: Arvind Kejriwal’s appearance could have also been done through video conferencing. ED deliberately insisted on calling him to court.

Court’s comment: The accused will not decide how the investigation is to be conducted; the investigation cannot be conducted as per the convenience of the accused.

Arvind Kejriwal

What happened since the arrest until now?

On March 21, ED arrested Chief Minister Arvind Kejriwal, and on the same day, Kejriwal filed a petition in the Supreme Court but withdrew it the next day. On March 22, Rouse Avenue Court sent Kejriwal on ED remand. On March 23, the Chief Minister went to the Delhi High Court. On April 1, the court sent Chief Minister Arvind Kejriwal to Tihar Jail in judicial custody until April 15. On April 3, after the High Court completed the hearing on Kejriwal’s petition, the court reserved the decision.

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Lok Sabha Elections 2024: Prime Minister Narendra Modi and Many big BJP leaders roared at Congress

Prime Minister

Prime Minister Narendra Modi fiercely attacked Congress on Monday. He said that for decades after independence, Congress underestimated the needs of the poor and never understood their pain. Corruption had become the identity of the country during the period of the Congress government, but the people of our country ended the license of Congress to plunder.

At the Vijay Sankalp Shankhnad rally in Chhattisgarh’s Bastar district, Prime Minister Modi targeted the Congress and said that the imprint of the Muslim League is visible in the manifesto of the Congress. The Prime Minister said that poor people suffer the most from corruption. Before 2014, there used to be scams worth lakhs of crores of rupees.

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Which claw was that which used to snatch eighty-five rupees from people – Prime Minister Modi

Prime Minister Narendra Modi said that during the Congress government, when ₹1 was sent from Delhi, only 15 paise reached the village people. He further said that I am not saying this; former Prime Minister of India Rajiv Gandhi himself had said this. Further, Prime Minister Modi said, which claw was that that used to snatch 85 paise from people? Modi stopped the looting system in Congress. The BJP government has sent Rs. 34 lakh crore directly to the bank accounts of the beneficiaries in 10 years. ₹1 was sent, and the entire 100 paise was deposited in the accounts of the poor.

Prime Minister Narendra Modi said on Chhattisgarh’s opposition leader Charan Das Mahant’s lathi charge statement that when the Congress shop was closed and the license to loot was lost, they started abusing Modi. The Prime Minister further said that my countrymen, my mothers, and my sisters have today become Modi’s protective shield. Prime Minister Modi said that those who cheated the youth of Chhattisgarh are being investigated swiftly. That is why now they are angry and threatening to thrash Modi with sticks.

The battle of stability vs. instability – Prime Minister Narendra Modi

Last Monday, in another rally in Chandrapur, Maharashtra, Prime Minister Modi described the upcoming Lok Sabha elections as a battle of stability versus instability. He said that on one hand, the central government under his leadership is taking tough decisions in the national interest, while on the other hand, the aim of the opposition alliance ‘India’ is to get power and eat the cream.

Prime Minister

Indi alliance is angry with the construction of Shri Ram temple – Prime Minister Modi

Referring to the Ram temple in Ayodhya, Prime Minister Narendra Modi said that Ram Navami is not far away. He said that this time in Ayodhya, our Ram Lala is not present in a tent but in his grand temple, and he will give darshan to his devotees.

This dream has been fulfilled after 500 years of hard penance. It is natural for the people of Chhattisgarh, the maternal birthplace of Lord Shri Ram, to be most happy about this. Prime Minister Modi alleged that the Congress and Indi alliance are very angry with the construction of Shri Ram Temple, and the royal family of Congress had even rejected the invitation for the grand consecration ceremony of Shri Ram Temple.

Rioters will not be spared in UP – Chief Minister Yogi

Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath campaigned vigorously on Monday in favor of the party’s candidates in Maharashtra. During this, he addressed huge public meetings in Wardha and Bhandara. Chief Minister Yogi said that now there are no riots in Uttar Pradesh because the rioters know that they will be hanged upside down in UP. The result of the policy of zero tolerance against terrorism is that now the terrorists of Mumbai attacks are not safe even in pakistan.

He further said that this is the first election whose result is unanimous in the entire country. The public also knows that only Modi Ji will come. Chief Minister Yogi Adityanath further said that the dreams of Shri Chhatrapati Shivaji Maharaj and Shri Bala Saheb Thackeray are being fulfilled only by the BJP government under the leadership of Prime Minister Narendra Modi. Yogi Adityanath said that in 10 years, Prime Minister Narendra Modi has given India identity, security, respect, and prosperity, and along with that, he has also done many programs for the welfare of the poor.

Prime Minister

Half the leaders of Indi alliance are on bail and the other half are in jail – JP Nadda

While addressing the election rally in Dhampur on Monday, BJP National President JP Nadda targeted the opposition. He said that half of the leaders of the Indi alliance are on the force and half of the leaders are in jail. Will all these develop the country? He further said that all the parties of the arrogant alliance are also corrupt, and all the parties belong to the family; nepotism is prevalent in all of them, due to which they have nothing to do with the common people. JP Nadda also compared the manifesto of congress with the resolution of the muslim league taken by Jinnah in 1929.

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लोकसभा चुनाव 2024: कांग्रेस पर गरजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े भाजपाई नेता

प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर जमकर हमला बोला| उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से दशकों तक गरीबों की जरूरत को कांग्रेस ने नजरअंदाज किया और कभी उनका दर्द नहीं समझा| कांग्रेस सरकार के दौर में भ्रष्टाचार देश की पहचान बन गया था, लेकिन हमारे भारत के लोगों ने कांग्रेस के लूट के लाइसेंस को ही खत्म कर दिया|

छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में विजय संकल्प शंखनाद रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में मुस्लिम लीग की छाप दिखती है| प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार से सबसे ज्यादा नुकसान गरीब लोगों का होता है| 2014 से पहले लाखों करोड़ों रुपए के घोटाले होते थे|

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वह कौन सा पंजा था जो लोगों के पचासी पैसे मार लेता था? – प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में दिल्ली से जब ₹1 भेजा जाता था तो सिर्फ 15 पैसा ही गांव के लोगों तक पहुंचता था| उन्होंने आगे कहा कि यह मैं नहीं कह रहा हूं, यह खुद भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था| आगे प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह कौन सा पंजा था जो 85 पैसे लोगों के मार लेता था| मोदी ने कांग्रेस की लूट की व्यवस्था को बंद किया| भाजपा सरकार ने 10 साल में 34 लाख करोड रुपए सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजे हैं| ₹1 भेजा गया और पूरे 100 पैसे गरीबों के खातों में जमा हो गए|

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत के लाठी मारने वाले बयान पर कहा कि जब कांग्रेस की दुकान बंद हो गई, लूटने का लाइसेंस चला गया तो मोदी को गाली देने लगे| प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि मेरे देशवासी, मेरी माताएं-बहने आज मोदी का रक्षा कवच बन गई है| प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं को जिन्होंने धोखा दिया उनकी तेजी से जांच चल रही है, इसीलिए अब नाराज होकर वे लाठी से मोदी का सिर्फ फोड़ने की धमकी दे रहे हैं|

स्थिरता बनाम अस्थिरता की लड़ाई – प्रधानमंत्री मोदी

बीते सोमवार को महाराष्ट्र के चंद्रपुर की एक अन्य रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी लोकसभा चुनाव को स्थिरता बनाम अस्थिरता की लड़ाई बताया| उन्होंने कहा कि एक तरफ उनके नेतृत्व में केंद्र सरकार देशहित में कड़े फैसला ले रही है, तो वहीं विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का लक्ष्य सत्ता पाओ और मलाई खाओ का है|

प्रधानमंत्री

श्री राम मंदिर बनने से इंडी गठबंधन हो गया है नाराजप्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का जिक्र करते हुए कहा कि रामनवमी अब बहुत दूर नहीं है उन्होंने कहा कि इस बार अयोध्या में हमारे राम लाल टेंट में नहीं बल्कि भव्य मंदिर में | उन्होंने कहा की इस बार अयोध्या में हमारे रामलला टेंट में नहीं बल्कि अपने भव्य मंदिर में विराजमान है और अपने भक्तों को दर्शन देंगे|

यह सपना 500 साल की कड़ी तपस्या के बाद पूरा हुआ है| इसकी सबसे अधिक खुशी प्रभु श्री राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ के लोगों को होना स्वाभाविक है| प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया की कांग्रेस और इंडी गठबंधन श्री राम मंदिर बनने से बहुत नाराज है और कांग्रेस के शाही परिवार ने तो श्री राम मंदिर के भव्य प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का न्योता ही ठुकरा दिया था|

यूपी में दंगाइयों की खैर नहीं! – मुख्यमंत्री योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को महाराष्ट्र में पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में धुआंधार प्रचार किया| इस दौरान उन्होंने वर्धा और भंडारा में विशाल जनसभा को संबोधित किया| मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब दंगा नहीं होता है क्योंकि दंगा करने वालों को पता है कि यूपी में उल्टा लटका दिए जाएंगे| आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का परिणाम है कि अब मुंबई हमलों के आतंकी पाकिस्तान में भी सुरक्षित नहीं है|

उन्होंने आगे कहा कि यह पहला चुनाव है जिसके परिणाम को लेकर पूरे देश में एकमत है| जनता भी जानती है कि आएंगे तो मोदी जी ही| उन्होंने कहा कि श्री छत्रपति शिवाजी महाराज और श्री बाला साहेब ठाकरे के सपनों को केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार पूरा कर रही है| योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को पहचान, सुरक्षा, सम्मान, समृद्धि दी है और साथ-साथ में गरीब कल्याण के अनेक कार्यक्रम भी किए हैं|

प्रधानमंत्री

इंडी गठबन्धन के आधे नेता बेल पर, तो आधे नेता जेल में! – जेपी नड्डा

धामपुर में सोमवार को चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विपक्ष पर निशाना साधा| उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन के आधे नेता बल पर हैं तो आधे नेता जेल में है, यह सब क्या देश का विकास करेंगे| उन्होंने आगे कहा कि घमंडिया गठबंधन के सभी दल भी भ्रष्टाचारी हैं और सभी पार्टियां परिवार की हैं, उन सब में परिवारवाद बसा हुआ है जिससे उन्हें आम जनता से कोई मतलब नहीं है| जेपी नड्डा ने कांग्रेस के घोषणा पत्र की 1929 मेंजिन्ना द्वारा ले गए मुस्लिम लीग के प्रस्ताव से तुलना की|

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कांग्रेस के घोषणा पत्र में पांच न्याय – 25 गारंटी की उम्मीद

घोषणा पत्र

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने रविवार को सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि कांग्रेस पार्टी की पांच न्याय, 25 गारंटी भारत के लोगों में 10 साल के बाद एक नई उम्मीद को जाग रही है| जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस की गारंटी समय की मांग है| पार्टी का न्याय पत्र या घोषणा पत्र देश की जनता की आवाज है|

जयराम रमेश ने कहा कि 4 जून के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लंबी छुट्टी पर जाना पड़ेगा| यह जनता की गारंटी है| उन्होंने कहा कि देश के लोग झूठी बातें सुनकर काफी थक चुके हैं| कांग्रेस के नेता बिहार में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कांग्रेस के घोषणा पत्र पर की गई टिप्पणी का जवाब दे रहे थे|

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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मैला ढोने की प्रथा खत्म करेंगे

जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर सफाई कर्मचारियों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया| साथ ही कहा कि अगर वह सत्ता में आए तो मैला ढोने की कुप्रत्ता को समाप्त कर इसमें लगे लोगों को किसी अन्य कार्य के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा| इसके बाद रोजगार दिया जाएगा| कांग्रेस महासचिव ने बिना उपकरण के सीवर में उतरने के बाद गैस रिसाव के कारण एक सफाई कर्मचारी की मौत के संबंध में मीडिया में आई एक खबर एक्स पर साझा की|

कांग्रेस के पिछले चुनाव में 55 पेज का था घोषणा पत्र

2024 के लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी का घोषणा पत्र पिछले चुनाव के घोषणा पत्र की तुलना में आकर में कम है| 2019 में पार्टी ने 55 पेज के दस्तावेज को ‘कांग्रेस विल डिलीवर’ नाम दिया था| वहीं इस बार 48 पन्नों की चुनाव घोषणा पत्र को ‘न्याय पत्र’ नाम दिया है| पार्टी ने इस बार देश के सबसे गरीब घर की एक महिला को ₹100000 देने का वादा किया है|

घोषणा पत्र

कांग्रेस पार्टी ने युवाओं और किसानों समेत कई वादे किये

कांग्रेस ने अपनी घोषणा पत्र में वादा किया कि आरक्षण कोटा बढ़ाया जाएगा| वहीं, सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 50% तक आरक्षण और गरीब लड़कियों को सालाना ₹100000 की मदद मिलेगी| पार्टी ने कहा कि स्नातक के बाद युवाओं को पहले नौकरी सरकार दिलाएगी| इसके अलावा युवाओं को 30 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया गया है|

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को विश्वास जताया कि हिमाचल प्रदेश के लोग उनकी पार्टी को समर्थन देंगे और सत्य की जीत होगी| एक तरफ सत्ता के लिए धन बल और एजेंसियों से लोकतंत्र को खत्म करने वाली भाजपा की राजनीति है, जबकि दूसरी ओर सत्य, साहस वाला कांग्रेस का संकल्प है|

राहुल गांधी ने ‘न्याय पत्र’ पर लोगों से सुझाव मांगे

लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 48 पन्नों का 25 गारंटी वाला अपना न्याय पत्र जारी कर चुकी है| अब इस घोषणा पत्र को लेकर पार्टी ने सुझाव मांगना शुरू कर दिया है| राहुल ने इंस्टाग्राम, पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें लोगों से घोषणा पत्र पर प्रक्रिया साझा करने और यह बताने के लिए कहा कि उन्हें क्या पसंद आया और क्या नहीं|

वीडियो जारी कर राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस का घोषणा पत्र हर भारतीय की आवाज है| उन्होंने लोगों से दस्तावेज पर अपनी प्रतिक्रिया साझा करने का आग्रह किया| कांग्रेस ने शुक्रवार को घोषणा पत्र जारी किया, जिसमें पांच न्याय के स्तंभ और उनकी तहत 25 गारंटी पर ध्यान केंद्रित किया है| राहुल ने तेलंगाना में रैली से वापस आने के बाद वीडियो बनाया| मेनिफेस्टो के बारे में अपनी राय ईमेल और मैसेज के माध्यम से लोगों से कहा कि आप दे सकते हैं|

बेरोजगारी इस चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को भाजपा पर तीखा हमला बोला| उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है| उन्होंने दावा किया कि युवा रोजगार पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और देश ने जनसांख्यकीय दुः स्वप्न का सामना कर रहा है|

सोशल मीडिया मंच एक्स पर खड़गे ने पोस्ट कर कहा, युवा न्याय के तहत कांग्रेस की पहली नौकरी पक्की गारंटी से कैरियर के विकास के नए रास्ते खुलेंगे| उन्होंने दावा किया, भाजपा ने नवजवानों पर बेरोजगारी थोपी है| चुनाव में यह सबसे बड़ा मुद्दा है|

घोषणा पत्र

भारत के प्रतिष्ठित संस्थानों, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और भारतीय प्रबंध संस्थान का हवाला देते हुए खड़गे ने दावा किया कि 12 आईआईटी में से लगभग 30% छात्रों को नियमित प्लेसमेंट नहीं मिल रहा है| आईआईएम में से सिर्फ 20% ही ग्रीष्मकालीन प्लेसमेंट पूरा कर सका| अगर आईआईटी और आईआईएम में यह हालात है, तो कल्पना कर सकते हैं कि भाजपा ने किस तरह से युवाओं का भविष्य बर्बाद किया है| मोदी सरकार में बेरोजगारी की दर 2014 के बाद से 3 गुना हो गई है|

खड़गे ने एक्स पर पोस्ट किया, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की हालिया भारत की रोजगार रिपोर्ट से पता चला है कि भारत हर साल 70-80 लाख युवाओं को श्रम बल में जोड़ता है, लेकिन 2012 और 2019 के बीच, रोजगार में लगभग शून्य वृद्धि हुई है, केवल 0.01% वृद्धि हुई है| उन्होंने कहा, कि मोदी की 2 करोड़ नौकरियां देने की गारंटी हमारे युवाओं के दिल और दिमाग में एक बुरे सपने के रूप में गूंजती है|

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Congress Manifesto: Five justices—25 guarantees expected

Manifesto

Congress General Secretary Jairam Ramesh said in a social media post on Sunday that the Congress Party’s five justices and 25 guarantees are awakening a new hope among the people of India after 10 years. Jairam Ramesh said that Congress’s guarantee is the need of the hour. The manifesto of the party is the voice of the people of the country.

Jairam Ramesh said that after June 4, Prime Minister Narendra Modi will have to go on a long leave. This is the public guarantee. He said that the people of the country are very tired of hearing false things. Congress leaders were responding to Prime Minister Modi’s comments on the Congress manifesto in Bihar.

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Congress spokesperson said that we will end the practice of manual scavenging

Jairam Ramesh accused the Modi government of doing injustice to the sanitation workers. He also said that if he comes to power, the menace of manual scavenging will be ended and the people engaged in it will be trained for some other work. After this, employment will be provided. The Congress General Secretary shared on Twitter a news item in the media regarding the death of a sanitation worker due to gas leakage after entering the sewer without equipment.

The manifesto of Congress in the last elections was of 55 pages

The party’s manifesto for the 2024 Lok Sabha elections is smaller in size compared to the manifesto of the previous elections. In 2019, the party had named the 55-page document as ‘Congress Will Deliver’. This time, the 48-page election manifesto has been named ‘Nyaya Patra’. This time, the party has promised to give ₹ 100,000 to a woman from the poorest household in the country.

Manifesto

Congress party made many promises, including to youth and farmers

Congress promised in its manifesto that the reservation quota would be increased. At the same time, women will get up to 50% reservation in government jobs, and poor girls will get help of ₹ 100,000 annually. The party said that the government will first provide jobs to the youth after graduation. Apart from this, a promise has been made to provide 30 lakh government jobs to the youth.

Congress General Secretary Priyanka Gandhi Vadra expressed confidence on Sunday that the people of Himachal Pradesh will support her party and that truth will prevail. On one side, there is the BJP’s politics of destroying democracy through money power and agencies for power, while on the other side, there is Congress’s resolve of truth and courage.

Rahul Gandhi asked for suggestions from people on ‘Nyay Patra’

For the Lok Sabha elections, Congress has released its 48-page manifesto containing 25 guarantees. Now the party has started asking for suggestions regarding this manifesto. Rahul posted a video on Instagram, asking people to share the process on the manifesto and tell what they liked and what they didn’t.

Releasing the video, Rahul Gandhi said that the Congress manifesto is the voice of every Indian. Congress released the manifesto on Friday, in which it focuses on the five pillars of justice and the 25 guarantees under them. Rahul made the video after returning from the rally in Telangana. I told people that you can give your opinion about the manifesto through email and message.

Unemployment is the biggest issue in this election

Congress President Mallikarjun Kharge launched a scathing attack on BJP on Sunday. He said that unemployment is the biggest issue in the Lok Sabha elections. He claimed that the youth are struggling to find employment and the country is facing a demographic nightmare.

Kharge posted on social media platform X. He claimed that BJP has imposed unemployment on the youth. This is the biggest issue in the elections.

Manifesto

Citing India’s prestigious institutes, the Indian Institute of Technology and the Indian Institute of Management, Kharge claimed that about 30% of students from the 12 IITs are not getting regular placements. Only 20% of IIMs could complete summer placements. If this is the situation in IITs and IIMs, then you can imagine how BJP has ruined the future of the youth. Under Modi government, the unemployment rate has tripled since 2014.

Kharge posted on X, and there has been an increase of only 0.01%. He said that Modi’s guarantee of providing 2 crore jobs resonates as a nightmare in the hearts and minds of our youth.

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Will Arvind Kejriwal be able to win this battle?

India’s neighboring country is China, whose great teacher of war and art, Sun Tzu, had said about 550 years before the birth of Jesus Christ, “In politics, pretense is everything, and deprivations stand on it.” But little did Sun Tzu know that approximately 2500 years later, this game would be at its peak in India, one of the oldest democracies in the world.

If you don’t believe, then see the ongoing maneuvers in the courts and political circus of New Delhi. Enforcement Directorate (ED) officials are trying to prove the liquor scam in court. Apart from Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal, Deputy Chief Minister Manish Sisodia, and Rajya Sabha member Sanjay Singh, they have arrested many other people who belong to the Aam Aadmi Party.

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Of these, the bail granted to Rajya Sabha member Sanjay Singh has created new political waves. Sanjay Singh’s lawyer argued in the higher court that his client has been detained unnecessarily because the investigating agency has been investigating this case for two years and has not been able to find any “money trail” yet. Not only this, the witness, Dinesh Arora, on whose statement he was arrested, did not even take the name of Sanjay Singh in his first 9 statements.

Sanjay Singh’s allegation, false statement given against Kejriwal

Sanjay Singh’s lawyer raised the question: What were the reasons that the witness took the name of the MP in his 10th testimony? Taking cognizance of this argument, the top court sought its answer from the lawyer of the Enforcement Directorate. Instead of replying, the ED decided not to oppose the bail plea this time. Sanjay Singh is now out of jail and is alleging that continuous pressure was put on Andhra Pradesh’s ruling party, YSR Congress MP Magunta Srinivasulu Reddy, to give a false statement against Arvind Kejriwal, and when he denied this, his son Raghava Reddy was arrested.

Kejriwal

After several rounds of questioning, he changed his statement about Kejriwal. Sanjay Singh refrained from speaking about his case due to the compulsion of the order of the top court. It is clearly mentioned in the conditions of the bail he obtained with great effort that he will not comment on his case. That is why he expressed his views in the name of his Chief Minister, Kejriwal. This also ensures that the Aam Aadmi Party wants to take electoral advantage of the arrest of Arvind Kejriwal.

Kejriwal used to take sarcasm at others, today he is in trouble

Under this strategy, new posters are being released, in which Kejriwal is shown behind bars. This is not a new experiment in Indian politics because George Fernandes, imprisoned in the Baroda dynamite case, had also contested similar elections. India’s largest political party, the Bharatiya Janata Party, is also not sitting silent. It is being said from his side that it is wrong to be so happy about the bail because the investigation is still going on and the entire trial is still pending.

It is clear that through these verbal battles, the politicians are trying to get the desired result from the court of the common people. How can a common voter, caught up in the struggles of everyday life, reach a conclusion on these difficult issues? It is at this point that questions arise about the integrity of political principles and promises. Arvind Kejriwal once came up with strong words rejecting established leaders, political parties, industrialists, journalists, and thinkers.

Will Kejriwal’s wife become Chief Minister?

Kejriwal used to talk about alternative politics, but when he was not able to form a government with a majority for the first time, he sought the help of Congress. He is fighting this year’s Lok Sabha elections with the Congress, which still has Gandhism on its mind and for which the Gandhi family is everything. Sometimes he used to talk about putting him behind bars. Similarly, he used to accuse almost all the leaders along with him of corruption and demand their resignation. Today he himself is imprisoned in Tihar Jail on corruption charges, but he does not want to resign, and wants to run the government from jail itself.

Kejriwal

Earlier this week, 56 out of 62 party MLAs gathered at Kejriwal’s residence and asked Kejriwal’s wife, Sunita Kejriwal, to convey our sentiment to Chief Minister Arvind Kejriwal that he should not resign; we all will support him. Since then, questions have started to arise: if Arvind Kejriwal remains in jail for a long time and is forced to resign, will his wife Sunita Kejriwal take charge in his place? This possibility was not ruled out. This can be done because all the firebrand leaders of the party are targets of the Enforcement Directorate (ED). They can also send Raghav Chadha and Saurav Bhardwaj to jail.

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क्या अरविंद केजरीवाल जीत पाएंगे यह लड़ाई?

केजरीवाल

भारत का पडोसी देश चीन है, जिसके महान युद्ध और कला के शिक्षक सुन जू ने ईसा मसीह के जन्म से करीब 550 साल पहले यह कहा था कि, “राजनीती में दिखावा ही सब कुछ है और वंचनायें इस पर खड़ी होती हैं|” लेकिन सुन जू को क्या मालूम था कि लगभग 2500 साल बाद, दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्रों में से एक भारत देश में यह खेल अपने चरम पर होगा| अगर विश्वास ना हो, तो नई दिल्ली की अदालतों और सियासी सर्कस में जारी दांव-पेंच देख लीजिये| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी अदालत में शराब घोटाले को सही साबित करने का प्रयास कर रहे हैं|

ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के अलावा कई और लोगों को गिरफ्तार किया है जो आम आदमी पार्टी से नाता रखते हैं|इनमें से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को मिली जमानत नए राजनीतिक तरंगें पैदा कर गई है| आला अदालत में संजय सिंह के वकील की दलील थी कि मेरे मुवक्किल को बेवजह बंद किया गया है, क्योंकि जांच एजेंसी दो साल से इस मामले में जांच कर रही है और वह अभी तक कोई “मनी-ट्रेल” नहीं ढूंढ पाई है| यही नहीं, जिस गवाह दिनेश अरोड़ा के बयान पर वह गिरफ्तार किए गए थे, उसने अपने शुरुआती 9 बयानों में संजय सिंह का नाम तक नहीं लिया था|

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संजय सिंह का आरोप, केजरीवाल के खिलाफ दिया गया झूठा बयान

संजय सिंह के वकील ने सवाल उठाया कि वह कौन सी वजहें थीं कि उस गवाह ने अपनी 10वीं गवाही में सांसद का नाम लिया? इस दलील का संज्ञान लेते हुए आला अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय के अधिवक्ता से इसका जवाब मांगा| उत्तर देने के बजाय ईडी ने इस बार जमानत याचिका का विरोध न करने का फैसला किया| संजय सिंह अब जेल से बाहर आ चुके हैं और आरोप लगा रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ झूठा बयान देने के लिए आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलू रेड्डी पर लगातार दबाव बनाया गया और जब उन्होंने इस बात पर इंकार कर दिया, तो उनके बेटे राघव रेड्डी को गिरफ्तार कर लिया गया|

केजरीवाल

कई चरणों की पूछताछ के बाद उसने केजरीवाल के बारे में अपना बयान बदला| संजय सिंह आला अदालत के आदेश की बाध्यता के कारण अपने मामले में बोलने से बचते रहे| उन्हें काफी मेहनत से हासिल हुई जमानत की शर्तों में साफ तौर पर दर्ज है कि वह अपने मुकदमे पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे| इसीलिए उन्होंने अपने मुक्यमंत्री केजरीवाल के बहाने से अपनी बात कही| इससे यह भी तय होता है कि आम आदमी पार्टी अरविन्द केजरीवाल की गिरफ्तारी का चुनावी लाभ उठाना चाहती है| इसी रणनीति के तहत नए पोस्टर जारी किए जा रहे हैं, जिसमें केजरीवाल को सलाखों के पीछे दर्शाया गया है|

कभी दूसरों पर कटाक्ष करते थे केजरीवाल, आज खुद पर नौबत आ गई

भारत की राजनीति में यह कोई नया प्रयोग नहीं है क्योंकि बड़ौदा डायनामाइट मामले में कैद जॉर्ज फर्नांडिस ने भी ऐसे ही चुनाव लड़ा था| भारत की सबसे बड़ी राजनितिक पार्टी, भारतीय जनता पार्टी भी चुप नहीं बैठी हुई है| उसकी ओर से कहा जा रहा है की जमानत को लेकर इतना खुश होना गलत है, क्योंकि अभी भी जाँच जारी है और पूरा मुकदमा अभी बाकी है| स्पष्ट है, इन मौखिक लड़ाइयों के जरिये राजनेता आम जनता की अदालत से मनचाहा परिणाम हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं| भला रोजमर्रा की जद्दोजहद में फंसा हुआ एक आम मतदाता कैसे इन कठिन मुद्दों पर किसी परिणाम तक पहुंच सकता है?

सियासी सिद्धांतों और वादों की नियत पर इसी मुकाम पर प्रश्नचिन्ह आ जाते हैं| अरविंद केजरीवाल किसी जमाने में स्थापित नेताओं, राजनीतिक दलों, उद्योगपतियों, पत्रकारों, और विचारकों को कड़े शब्दों में खारिज करते हुए आए थे| केजरीवाल वैकल्पिक राजनीति की बात करते थे, लेकिन जब पहली बार बहुमत से सरकार बनाने में सक्षम ना हो पाए तो उन्होंने कांग्रेस का सहारा लिया| यह इस साल के लोकसभा चुनाव में उस कांग्रेस के साथ लड़ रहे हैं जिसके दिमाग पर आज भी गांधीवाद सवार हुआ है और जिसके लिए गांधी परिवार ही सब कुछ है|

क्या केजरीवाल की पत्नी बनेगी मुख्यमंत्री?

कभी केजरीवाल उन्हें सलाखों के पीछे डालने की बात करते थे| इसी तरह, वह और उनके साथ ही लगभग सारे नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग करते थे| आज वह खुद भ्रष्टाचार के आरोप में तिहाड़ जेल में कैद है लेकिन इस्तीफा नहीं देना चाहते, और जेल से ही सरकार चलाना चाहते हैं| इस हफ्ते की शुरुआत में पार्टी के कुल 62 में से 56 विधायक केजरीवाल के आवास पर इकट्ठा हुए और केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल से कहा कि आप मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल तक हमारी यह मन की भावना पहुंचा दें कि वह इस्तीफा न दें, हम सभी उनके साथ हैं|

केजरीवाल

इसके बाद से सवाल उठने लगे हैं कि अगर अरविंद केजरीवाल लंबे वक्त तक जेल में बंद रहते हैं और उन्हें इस्तीफा या त्यागपत्र देने पर मजबूर होना पड़ता है तो क्या उनकी जगह कमान उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल के हाथों में होगी?इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के टारगेट में पार्टी के तमाम फायर ब्रांड नेता हैं, वह राघव चड्ढा और सौरव भारद्वाज को भी जेल भेज सकते हैं |

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कांग्रेस का खत्म होता हुआ अस्तित्व

कांग्रेस

कहा जाता है कि डूबते जहाज में कोई सवारी नहीं करना चाहता। यही स्थिति आज भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की हो गई है| केवल एक परिवार के इर्द-गिर्द परिक्रमा करने की परंपरा के कारण देश की इस सबसे पुरानी पार्टी का लोकतंत्र खत्म हो चुका है, इसी कारण यह अब अपने अस्तित्व के संकट के दौर से गुजर रही है|

आलम यह है कि भारतीय जनता पार्टी जो कि विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है उसके विशाल संगठन के विरोध में गठित इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व जिस कांग्रेस को सिरमौर बनाकर करना चाहिए था, आज वह स्वयं दयनीय अवस्था में है और विभिन्न क्षेत्रीय दलों की कृपा पर निर्भर रहने को विवश है| उसके नेतागढ़ एक-एक करके पार्टी छोड़ रहे हैं और भाजपा का दामन थाम रहे हैं| ऐसा लग रहा है कि अपने नेताओं को रोकने का कोई प्रयास तक कांग्रेस पार्टी नहीं कर पा रही है|

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पूरे भारत में सिकुड़ रही है कांग्रेस

पश्चिम बंगाल हो या पंजाब, बिहार हो या महाराष्ट्र, दिल्ली हो या उत्तर प्रदेश या फिर अन्य कोई राज्य, आज कहीं पर भी कांग्रेस का मोल -भाव की स्थिति में नहीं है| छोटे-छोटे दल उसे आंख दिखाने लगे हैं| जिसे देखो, वहीं इस पार्टी को नसीहत देता नजर आ रहा है| इससे आम लोगों में इस पार्टी की छवि काफी खराब हो चुकी है| स्थिति यह है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व ही अपना आत्मविश्वास खो चुका है| उसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने देशभर में न्याय यात्राएं निकाली|

लेकिन ऐसा लगता है की उससे भी बात नहीं बनी और वह लोगों का भरोसा तक नहीं जीत सके, तो थक हार कर उन्होंने दक्षिण की अपनी सीट पर ही ध्यान लगना समझा| इन दोनों तो कांग्रेस व राहुल गांधी से ज्यादा खबरें आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं की आती है| इस पार्टी को छोड़ रहे लोगों का यह भी कहना है कि पार्टी नेतृत्व की सनातन धर्म विरोधी व राष्ट्र विरोधी सोच को वे
स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं| पार्टी नेताओं के बढ़बोलेपन से रही-सही कसर भी पूरी हो जाती है| ऐसे में, कोई भी भला कब तक इस पार्टी से जुड़ा रह सकता है?

कांग्रेस

पुरानी सोच से नहीं उबर पाई है कांग्रेस

आज जब भारतीय राजनीती की तस्वीर कहीं ज्यादा स्पष्ट है और पार्टियां अपनी विचारधारा खुलकर जनता के सामने रखती हैं, तो हिन्दुओं की अवहेलना करना कांग्रेस को भारी पड़ रहा है| भाजपा को इसी बात का फायदा मिला है और वह आज सत्ता में है| क्योंकि यह पार्टी अभी पुरानी सोच से उभर नहीं पाई है, इसीलिए वह डूबने के कगार पर पहुंच गई है| जिस तरह से उसके कई नेता पार्टी छोड़ रहे हैं, उससे लगता यही है कि जल्द ही पार्टी का पूरा अस्तित्व खत्म हो जाएगा| बहुत ज्यादा दिनों तक इसे संभालना अब लगभग नामुमकिन जान पड़ता है|

कांग्रेस ने चुनावी घोषणापत्र जारी करने के साथ ही अपना आगामी एजेंडा सामने रख दिया है| कांग्रेस के घोषणा पत्र में युवाओं, महिलाओं, किसानों, श्रमिकों, संविधान, अर्थव्यवस्था, संघवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और पर्यावरण पर ज्यादा देने ध्यान देने की कोशिश हुई है|पिछड़ी जातियों के उत्थान के प्रति कांग्रेस की घोषणाएं विशेष रूप से चर्चा का विषय बन रही हैं लेकिन बात यह है कि क्या यह पार्टी अपने इन सभी वादों को पूरा कर पाएगी? और उससे पहले एक और सवाल यह है कि है कि क्या यह पार्टी सत्ता में आ पाएगी क्योंकि इस पार्टी की जो वर्तमान समय में हालात दिख रही है उससे लगता तो नहीं है कि वह सत्ता में आ पाएगी|

हिंदू धर्म को जातियों में बांटना चाहती है कांग्रेस

क्योंकि कांग्रेस पार्टी में आंतरिक फूट पड़ी हुई है, कई बड़े-छोटे नेता पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम रहे हैं| जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है|बेशक, संविधान लागू होने के कई साल बाद भी जातिगत भेदभाव पूरी तरह ख़त्म नहीं हुआ है और इसे खत्म करने के लिए देश की आने वाली सरकारों को सकारात्मक उपायों के साथ काम करना होगा| अपने घोषणापत्र में कांग्रेस ने इस मंशा को जाहिर करने की कोशिश की है|

कांग्रेस

विकास की दौड़ में पीछे रह गए लोगों के लिए हर पार्टी को पहल करनी ही चाहिए| कांग्रेस के घोषणा पत्र में यह बताया गया है कि सत्ता में आने के बाद वह पिछड़ी जातियों का भला करेगी, लेकिन पिछले 70 सालों में इस पार्टी ने पिछड़ी जातियों को सिर्फ शेखचिल्ली के सपने ही दिखाएँ हैं| और रही बात जातिगत जनगणना कराने की तो इस सोंच से केवल हिंदू धर्म को बांटने की शाजिस रची जा रही है जो कांग्रेस ने अपने पिछले शाशनकालों में किया|

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